‘नरेगा संघर्ष मोर्चा’ के बैनर तले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना (मनरेगा) के श्रमिक विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली के जंतर मंतर पर पिछले दो हफ़्तों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. विशेष रूप से अनिवार्य ऐप आधारित उपस्थिति प्रणाली को लेकर मज़दूरों में आक्रोश और असमंजस की स्थिति है.
वीडियो: महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ज़िले के एटापल्ली तालुका के सुरजागढ़ में लौह अयस्क खनन परियोजना को रद्द करने की मांग को लेकर आदिवासी कई वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं. आदिवासी अधिकारों पर काम करने वाले कार्यकर्ता और वकील लालसू नगोटी का कहना है कि इस ज़िले में कई और ऐसी खनन परियोजनाएं प्रस्तावित हैं, जिससे जल-जंगल-भूमि का विनाश होगा.
विश्व आदिवासी दिवस: मूल निवासियों की पहचान उनकी अपनी विशेष भाषा और संस्कृति से होती है, लेकिन बीते कुछ समय से ये चलन-सा बनता नज़र आया है कि आदिवासी क्षेत्र के लोग मुख्यधारा की शिक्षा मिलते ही अपनी भाषा, संस्कृति और परंपराओं को हेय दृष्टि से देखने लगते हैं.
पिछले हफ्ते ह्ययूमन राइट लॉ नेटवर्क, एक्शन एड और नेशनल कैंपेन कमेटी फॉर इरेडिकेशन ऑफ बॉन्डेड लेबर द्वारा हरियाणा के पलवल जिले से छत्तीसगढ़ के 44 बंधुआ मजदूरों को मुक्त कराया गया, जिनमें पांच गर्भवती महिलाएं और कुछ नाबालिग भी शामिल हैं. 20 फरवरी को इन बंधुआ मजदूरों ने दिल्ली के जंतर-मंतर में अपने पुनर्वास और मुक्ति प्रमाणपत्र के लिए प्रदर्शन किया. उनसे संतोषी मरकाम की बातचीत.
पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र में सत्ता और विपक्ष दोनों के अनुसार यहां का मुख्य मुद्दा पानी है. जहां सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी और उसके समर्थकों का कहना है कि उन्होंने लोगों को मुफ़्त पानी की सुविधा दी, वहीं विपक्ष का आरोप है कि इस मसले पर केजरीवाल सरकार नाकाम हुई है.
वीडियो: पूर्वी दिल्ली के पटपड़गंज विधानसभा क्षेत्र से दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार हैं. उनके सामने भाजपा ने रवींद्र सिंह नेगी और कांग्रेस ने लक्ष्मण सिंह रावत को अपना प्रत्याशी बनाया है. इस इलाके के मतदाताओं से संतोषी मरकाम की बातचीत.
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने दावा किया है कि नई दिल्ली के बिड़ला भवन स्थित गांधी स्मृति से एक फ्रेंच फोटोग्राफर द्वारा खींची गई महात्मा गांधी के अंतिम समय की तस्वीरों को हटा दिया गया है. गांधी स्मृति के निदेशक का कहना है कि ऐसा नहीं है, बस कुछ तस्वीरों को डिजिटलाइज़ किया गया है.
वीडियो: नागरिकता संशोधन क़ानून और एनआरसी के खिलाफ पूर्वी दिल्ली के खुरेजी में महिलाएं पिछले कुछ दिनों से प्रदर्शन कर रही हैं. इन महिलाओं का आरोप है कि 14 जनवरी की देर रात करीब दो बजे दिल्ली पुलिस ने उन्हें वहां से हटाने की कोशिश की, उनके टेंट को उखाड़ दिया और उन्हें धमकाया. इन महिलाओं से संतोषी मरकाम की बातचीत.
पिछले साल 26 और 27 दिसंबर को जम्मू कश्मीर के राजौरी तहसील में स्थित एक ईंट-भट्टे से 91 मज़दूरों को मुक्त कराया गया. इनमें महिला और पुरुषों के अलावा 41 बच्चे भी शामिल हैं. ये सभी छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चापा ज़िले के रहने वाले हैं.
वीडियो: जम्मू कश्मीर की राजौरी तहसील के दो ईंट-भट्ठों से 91 बंधुआ मज़दूरों को छुड़ाकर दिल्ली लाया गया है. इनमें महिला और पुरुषों के अलावा 41 बच्चे भी हैं. ये सभी मजदूर छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा और रायगढ़ जिले के हैं. इनसे द वायर की संतोषी मरकाम से बातचीत.
ग्राउंड रिपोर्ट: स्वास्थ्य सेवाओं को जन सुलभ बनाने के उद्देश्य से 2016 में दिल्ली सरकार ने मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत की थी. सरकार का वादा एक हज़ार क्लीनिक खोलने का था, लेकिन फिलहाल दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में ऐसे 210 क्लीनिक काम कर रहे हैं.
वीडियो: दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने 2016 में मोहल्ला क्लीनिक की शुरुआत की थी. सरकार का वादा पूरे दिल्ली में हज़ार मोहल्ला क्लीनिक खोलने का था, लेकिन वर्तमान में दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में 210 मोहल्ला क्लीनिक काम कर रहे हैं. द वायर की संतोषी मरकाम ने ऐसे ही कुछ मोहल्ला क्लीनिक का दौरा किया और उनकी स्थिति जानी.
सरदार सरोवर बांध में बारिश का पानी भरने से मध्य प्रदेश में नर्मदा घाटी में बसे 192 गांव और एक कस्बे के डूबने का ख़तरा है. इससे लगभग 32 हज़ार लोग प्रभावित होंगे. सुप्रीम कोर्ट के तमाम आदेशों के बावजूद यहां रहने वाले लोग आज भी पुनर्वास का बाट जोह रहे हैं.
नई दिल्ली के जंतर मंतर पर सरदार सरोवर बांध का जलस्तर घटाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने आए मध्य प्रदेश के ग्रामीणों और नर्मदा बचाओ आंदोलन के कार्यकर्ताओं से संतोषी मरकाम की बातचीत.
ग्राउंड रिपोर्ट: उत्तर प्रदेश में गौतम बुद्ध नगर ज़िले के दादरी स्थित गौतमपुरी इलाके की एक गली का नाम ‘पाकिस्तानी वाली गली’ होने वजह से यहां रह रहे लोगों को परेशानी और अपमान का सामना करना पड़ रहा है. लोगों को कहना है कि इस नाम की वजह से उन्हें जल्दी कहीं काम नहीं मिलता और स्कूल बच्चों को दाख़िला देने में भी आनाकानी करते हैं.