बिहार के बेगूसराय ज़िले में बूढ़ी गंडक नदी पर 13 करोड़ रुपये की लागत से 206 मीटर लंबा यह पुल बनाया गया था. इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ, क्योंकि पुल को औपचारिक रूप से जनता के लिए खोला जाना बाकी था.
भाजपा सांसद रमा देवी की अध्यक्षता वाली सामाजिक न्याय और अधिकारिता संबंधी संसद की स्थायी समिति ने लोकसभा में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए मुआवज़े के भुगतान में देरी पर नाराज़गी व्यक्त की और कहा कि नीतिगत फैसलों को लागू करने का दायित्व केंद्र सरकार का है.
अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में को लेकर उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण से यह प्रदर्शित होता है कि वंचित और आदिवासी बच्चे शिक्षा विभाग द्वारा असहाय छोड़ दिए गए. स्कूल दो साल बंद रहे, लेकिन बच्चों के लिए कुछ नहीं किया गया. इस दौरान ऑनलाइन शिक्षा केवल मज़ाक बन कर रह गई, क्योंकि सरकारी स्कूलों में 87 प्रतिशत छात्रों की पहुंच स्मार्टफोन तक नहीं थी.
पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि अनुच्छेद 370 को रद्द करने के बाद जम्मू कश्मीर में भारी निवेश आने के भारत सरकार के बड़े-बड़े दावों के बावजूद संसद में उनकी ओर से पेश आंकड़े कुछ और ही कहानी बयां कर रहे हैं. वर्ष 2017-2018 में 840 करोड़ रुपये की तुलना में 2021-22 में 376 करोड़ रुपये का निवेश आया है.
पश्चिम बंगाल की कल्याणी यूनिवर्सिटी के एक प्रोफेसर और रिसर्च स्कॉलर के ख़िलाफ़ यौन शोषण के आरोप को लेकर यूनिवर्सिटी की आंतरिक शिकायत समिति ने पीड़िता के जल्द शिकायत न करने की बात कही थी. उसकी रिपोर्ट को नियम विपरीत बताते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसी शिकायतें आम तौर पर बहुत सोच-विचार के बाद दायर की जाती हैं.
अभिनेता शाहरुख ख़ान की फिल्म ‘पठान’ के गाने को लेकर जारी विवाद के बीच छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा में आजकल जो सांसद हैं और विधायक बने हैं. वो हीरो भी हैं और हीरोइनों के साथ भगवा रंग के जो कपड़े पहनकर डांस कर रहे हैं, उसके बारे में इनके क्या विचार हैं. रंगों से किसी की जाति और धर्म तय नहीं करना चाहिए.
कर्नाटक के शिवमोगा से भाजपा विधायक केएस ईश्वरप्पा ने बीते अप्रैल में उडुपी के एक ठेकेदार की आत्महत्या के बाद ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे दिया था. पाटिल ने उन पर 40 प्रतिशत कमीशन मांगने का आरोप लगाया था. इसके बाद ईश्वरप्पा के ख़िलाफ़ आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया था.
छात्रों ने आरोप लगाया कि सुरक्षा गार्डों ने पहले उन पर लाठीचार्ज किया और गोलियां चलाईं, जिससे हिंसा हुई. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि कुछ उपद्रवी तत्वों द्वारा विश्वविद्यालय गेट का ताला तोड़ने की कोशिश की गई और रोकने पर सुरक्षाकर्मियों से बदसलूकी और मारपीट की गई.
जेएनयू के अंतिम वर्ष के पीएचडी और एमफिल छात्रों को इस महीने के अंत तक शोध प्रबंध जमा करवाने को कहा गया है. छात्रों का कहना है कि कोविड महामारी के चलते बर्बाद हुए समय के एवज में पर्याप्त समय न मिलने के चलते वे इस समयसीमा में थीसिस नहीं दे सकेंगे और उन्हें समय विस्तार दिया जाना चाहिए.
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के 4,46,76,199 मामले सामने आए हैं और मृतकों का आंकड़ा 5,30,677 हो गया है. विश्व में संक्रमण के 65.38 करोड़ से ज़्यादा केस रिकॉर्ड किए गए हैं और इस महामारी की चपेट में आकर 66.67 लाख से अधिक लोगों अपनी जान गंवा चुके हैं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध भारतीय किसान संघ की ओर से दिल्ली के रामलीला मैदान में ‘किसान गर्जना रैली’ का आयोजन किया गया. न्यूनतम समर्थन मूल्य के अलावा किसानों ने कृषि गतिविधियों पर जीएसटी को वापस लेने, पीएम-किसान योजना के तहत प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता में वृद्धि और जीएम फसलों के व्यावसायिक उत्पादन की अनुमति को ख़त्म करने की मांग की है.
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कमज़ोर और हाशिए पर रहने वालों को प्रभावशाली समूहों के हिसाब से चलने के लिए मजबूर किया जाता है और उत्पीड़न के कारण उनकी कोई प्रतिसंस्कृति विकसित नहीं हो पाती है. उनके पास अपने अस्तित्व के लिए प्रभावशाली संस्कृति के सामने झुकने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
कॉलेजियम को लेकर क़ानून मंत्री की टिप्पणियों के बीच एक चैनल से बातचीत में वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व केंद्रीय क़ानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सारे सार्वजनिक संस्थानों पर मौजूदा सरकार का नियंत्रण है और यदि वह 'अपने जज' नियुक्त कर न्यायपालिका भी कब्ज़ा लेती है, तो यह लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक होगा.
भारतीय निर्वाचन आयोग ने 1 अगस्त से आधार और मतदाता पहचान पत्र को लिंक करने का एक स्वैच्छिक अभियान शुरू किया था, जिसमें 12 दिसंबर तक 54.32 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं से उनका आधार नंबर जुटाया गया, लेकिन अब सूचना के अधिकार से पता चला है कि आयोग ने अब तक किसी भी मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक नहीं किया है.
तमिलनाडु के वित्त सचिव द्वारा 15 दिसंबर को जारी एक आदेश में कहा गया है कि आधार विभिन्न सेवाओं, लाभों या सब्सिडी के वितरण के लिए एक पहचान दस्तावेज़ के रूप में सरकारी वितरण प्रक्रिया को सरल बनाता है. किसी व्यक्ति के पास अगर आधार नहीं है तो उसे सरकारी योजनाओं का लाभ पाने के लिए इसके लिए नामांकन करना होगा.