मीडिया और शैक्षणिक संस्थानों में जातिवाद की तहें खोलती ‘ग़ाज़ीपुर में क्रिस्टोफर कॉडवेल’

वीडियो: वरिष्ठ पत्रकार और लेखक उर्मिलेश के संस्मरणों का संकलन ‘ग़ाज़ीपुर में क्रिस्टोफर कॉडवेल’ हाल ही में आया है. इसमें उन्होंने अपनी जीवन यात्रा बताते हुए देश के उच्च शैक्षणिक संस्थानों और मीडिया जैसे दो महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बेहद प्रतिष्ठित माने जाने वाले कुछ लोगों की जातिवादी प्रवृत्ति को रेखांकित किया है. इस किताब को लेकर उनसे विशाल जायसवाल की बातचीत.

‘भारत के प्रगतिशील और उदारवादियों की समस्या है कि वे अपना घेरा तोड़कर समाज के बीच नहीं जाते’

साक्षात्कार: हाल ही में आए अपने संस्मरणों के संकलन ‘ग़ाज़ीपुर में क्रिस्टोफर कॉडवेल’ में वरिष्ठ पत्रकार और लेखक उर्मिलेश ने अपने अनुभवों के माध्यम से देश के उच्च शैक्षणिक संस्थानों और मीडिया में बरते जाने वाले जातिवादी रवैये को रेखांकित किया है. इस किताब को लेकर उनसे बातचीत.

झारखंड: सुरक्षाबलों की गोली से युवक की मौत का आरोप, पुलिस ने इनकार किया

झारखंड के लातेहार ज़िले के एक गांव में बीते 12 जून को एक नक्सल अभियान पर निकली सुरक्षा बलों की टीम का सामना स्थानीय परपंरा के तहत शिकार पर निकले आदिवासियों के समूह से हो गया था. इस दौरान सुरक्षाबलों की गोलीबारी में एक आदिवासी की मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि ग्रामीणों ने पहले गोली चलाई, जबकि ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने एकतरफ़ा कार्रवाई की.

आईआईएमसी: छात्रों की कॉलेज खोलने की मांग, ऑनलाइन क्लास का बहिष्कार किया

नई दिल्ली स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान के छात्रों का कहना है कि पहला सेमेस्टर ऑनलाइन कर लिया है पर दूसरे सेमेस्टर से कैंपस में बुलाया जाना चाहिए क्योंकि ऑनलाइन पढ़ने की कुछ सीमाएं हैं. प्रशासन द्वारा मांगों पर ध्यान न देने की बात कहते हुए छात्रों ने सोमवार से कैंपस में धरना शुरू कर दिया है.

केरल: कैंपसों में जातिगत भेदभाव रोकने के लिए यूडीएफ का ‘रोहित एक्ट’ लाने का वादा

केरल में कांग्रेस नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट ने राज्य में 6 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जारी अपने घोषणापत्र में दलित और आदिवासी छात्रों को कॉलेज और विश्वविद्यालय कैंपसों में होने वाले भेदभाव से लड़ने के लिए ‘रोहित एक्ट’ लागू करने का वादा किया है.

विचार से खड़ा हुआ आंदोलन ऐसे ही ख़त्म नहीं होगा: राकेश टिकैत

वीडियो: किसान आंदोलन के सौ दिन पूरे होने और इसे आगे ले जाने की रणनीति पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत से विशाल जायसवाल की बातचीत.

किसान आंदोलन कब तक चलेगा ये नहीं पता, पर किसान अपनी बात मनवाकर ही जाएगा: राकेश टिकैत

साक्षात्कार: कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ चल रहे किसान आंदोलन को सौ दिन पूरे हो चुके हैं. 22 जनवरी को केंद्र से आख़िरी बार हुई बातचीत के बाद से जहां किसान नेता आंदोलन को देशव्यापी बनाने के प्रयास में हैं, वहीं सरकार भी अपने पक्ष में समर्थन जुटाने में लगी है. आंदोलन को लेकर भाकियू नेता राकेश टिकैत से बातचीत.

कांग्रेस के असंतुष्ट धड़े ‘जी-23’ के नेताओं का एजेंडा क्या है?

पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में पूर्ण बदलाव की मांग करने वाले कांग्रेस के असंतुष्ट धड़े के कुछ नेता दिनोंदिन और मुखर होते जा रहे हैं.

‘यह आंदोलन न तो कमज़ोर हुआ है और न होगा, कोई भी ज़ंजीर हमें रोक नहीं पाएगी’

पिछले सत्तर दिनों से तीन नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ हो रहे किसान आंदोलन का केंद्र बने धरनास्थलों में से एक ग़ाज़ीपर बॉर्डर पर बैरिकेडिंग बढ़ाने के साथ, कंटीले तार और कीलें गाड़ दी गई हैं. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इसका मक़सद दिल्ली और आसपास के इलाकों से आने वाले लोगों को रोकना है.

ग़ाज़ीपुर बॉर्डर: लोहे की कीलों से घायल हो रहे प्रदर्शनकारी

वीडियो: ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर दिल्ली पुलिस द्वारा की गई सख़्त घेराबंदी से प्रदर्शनकारियों से लेकर आम जनता तक को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, सड़क पर गाड़ी गईं कीलों के कारण प्रदर्शनकारी घायल भी हो रहे हैं. मेडिकल कैंप के डॉक्टरों का दावा है कि अब तक कम से कम 20 प्रदर्शनकारी कीलों से घायल हो चुके हैं. विशाल जायसवाल की रिपोर्ट.

किसान आंदोलन का एक महीना: ‘हम अपने बच्चों को कॉरपोरेट का लेबर नहीं बनने देंगे’

नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पिछले एक महीने से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर बैठे किसानों और सरकार के बीच पिछली बैठक में कुछ मांगों पर सहमति बनी है, लेकिन किसानों का कहना है कि मुख्य मांग नए क़ानूनों को वापस लेने और एमएसपी क़ानून बनाने की है, जब तक वो नहीं मानी जाएंगी, प्रदर्शन जारी रहेगा.

किसान आंदोलन: ‘हमारा सरकार पर एक पैसे का भरोसा नहीं है’

वीडियो: तीन नए कृषि क़ानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसानों के बीच जारी गतिरोध के बीच बीते एक महीने से किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर धरना दे रहे हैं. प्रदर्शन को एक महीने से अधिक समय होने पर किसानों से विशाल जायसवाल की बातचीत.

‘देश में डॉक्टरों से पूछे बिना मेडिकल नीति और किसानों से पूछे बिना कृषि नीतियां बन रही हैं’

वीडियो: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि क़ानूनों को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर हो रहे आंदोलन को वे डॉक्टर भी अपना समर्थन दे रहे हैं, जो कोविड-19 के दौरान पिछले कई महीनों में वेतन से लेकर विभिन्न सुविधाओं के संबंध में कई बार विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं. उनसे बातचीत.

जम्मू कश्मीर: क्या है रोशनी क़ानून और इसे लेकर विवाद क्यों मचा हुआ है

साल 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला सरकार सरकारी ज़मीन पर काबिज़ लोगों को उसका मालिकाना हक़ दिलाने के लिए रोशनी क़ानून लेकर आई थी. साल 2014 में कैग ने इसे 25 हज़ार करोड़ का घोटाला क़रार दिया. अब जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने रोशनी क़ानून को असंवैधानिक बताते हुए सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं.

विशेष राज्य का दर्जा मिलने पर ही बिहार को बेरोज़गारी और ग़रीबी से छुटकारा मिलेगा: केसी त्यागी

साक्षात्कार: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले बनते-बिगड़ते राजनीतिक गठजोड़ के बीच जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी का दावा है कि एनडीए दोबारा सत्ता में आ रही है और नीतीश कुमार ही मुख्यमंत्री बनेंगे. उनसे विशाल जायसवाल की बातचीत.

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