साल 2018 में रिपब्लिक टीवी सहित तीन कंपनियों पर बकाया न चुकाने का आरोप लगाते हुए दो लोगों ने कथित तौर पर आत्महत्या कर ली थी. पिछले साल महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले की पुलिस ने यह कहते हुए मामले को बंद कर दिया था कि रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी व दो अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं मिले हैं.
इनमें से तीन की मौत पुलिस कस्टडी और तीन लोगों की मौत आत्महत्या के कारण हुई. कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव ने मीडिया रिपोर्ट के आधार पर ये आकलन किया है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में कोरोना वायरस के मामले बढ़कर 151,767 पर पहुंच गए और संक्रमण से मरने वाले लोगों की संख्या 4,337 हो गई.
वीडियो: भाजपा कोरोना वायरस महामारी के बावजूद नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल की पहली वर्षगांठ पर पूरे देश में डिजिटल माध्यम से अभियान चलाएगी और सरकार की उपलब्धियों के बारे में बताएगी. भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारी कमेटी के सदस्य शेषाद्रि चारी और वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस बात से बहुत नाराज़गी है कि दूसरे राज्यों ने 'उनके लोगों' की ठीक से देखभाल नहीं की और इस कारण उन्हें इतनी तबाही झेलनी पड़ी. ख़ुद उनकी सरकार ने लोगों का ख़याल कैसे रखा, कैसे महामारी के बहाने 'अपने लोगों' के स्वास्थ्य संरक्षण के नाम पर मालिकाना रवैया अख़्तियार कर लिया है, इस बारे में कोई सवाल नहीं है.
बीते महीने चेबरोलू लीला प्रसाद और अन्य बनाम आंध्र प्रदेश राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ का फैसला एक बार फिर यह दिखाता है कि भारतीय संविधान की पांचवीं अनुसूची, जिस पर आदिवासी अधिकारों की रक्षा करने का दायित्व है, को कितना कम समझा गया है.
द वायर द्वारा प्राप्त किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि उत्तराखंड राज्य ने अप्रैल और मई महीने में लगभग 1.38 लाख बच्चों को मिड-डे मील मुहैया नहीं कराया है. राज्य ने इस दौरान 66 कार्य दिवसों में से 48 कार्य दिवसों पर ही बच्चों को राशन दिया.
उबर इंडिया का कहना है कि कोरोना वायरस के असर और स्थिति सामान्य होने की अनिश्चितता ने छंटनी के अलावा कोई विकल्प नहीं छोड़ा है. इस छंटनी से लगभग 600 पूर्णकालिक ड्राइवर और राइडर और अन्य कर्मचारी प्रभावित होंगे.
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में अपने घरों को लौट रहे प्रवासी मज़दूरों को न सिर्फ़ खाने-पीने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है, बल्कि रेलवे द्वारा रूट बदलने के कारण कई दिनों की देरी से वे अपने गंतव्य तक पहुंच पा रहे हैं. इस दौरान भूख-प्यास और भीषण गर्मी के कारण मासूम बच्चों समेत कई लोग दम तोड़ चुके हैं.
दिल्ली में कालरा अस्पताल का मामला. नर्सों का आरोप है कि अगर हम इस्तेमाल किए गए पीपीई किट के दोबारा उपयोग पर आपत्ति जताते हैं तो कहा जाता है कि यहां कोरोना संक्रमित मरीज़ों का इलाज नहीं किया जाता इसलिए यहां संक्रमण का ख़तरा कम है.
बीते दो महीनों में दिल्ली में हज़ारों लोगों के बीच खाना और राशन पहुंचाते हुए देखा कि हम भूख के अभूतपूर्व संकट से गुजर रहे हैं. सैकड़ों लोग बेबसी और अनिश्चितता के अंधेरे में जी रहे हैं, उन्हें नहीं पता कि अगला निवाला उन्हें कब और किसके रहमोकरम पर मिलने वाला है.
बीती एक मई को स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 35,043 थी, जबकि 1,147 लोगों की मौत हो चुकी थी. कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते मामलों की वजह से भारत सर्वाधिक प्रभावित देशों की सूची में 10वें स्थान पर पहुंच गया है.
आग लगने की एक अन्य घटना मंगलवार सुबह उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के केशवपुरम इलाके में जूते बनाने वाली एक फैक्टरी में हुई. दोनों ही हादसों में किसी के घायल होने की जानकारी नहीं है.
बीते 24 घंटे के दौरान कोरोना वायरस के कारण 146 और लोगों के जान गंवाने के साथ ही देश में इस बीमारी से मरने वालों की संख्या 4,167 हो गई है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने कहा कि मेडिकल जर्नल द लैंसेट में पिछले सप्ताह प्रकाशित एक अध्ययन में दिखाया गया था कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेने वाले लोगों में इसे न लेने वाले लोगों की तुलना में हृदय की समस्याओं और मौत का अधिक खतरा है.