द शिलॉन्ग टाइम्स की संपादक पैट्रीशिया मुखीम ने राज्य में ग़ैर-आदिवासी छात्रों पर हुए हमले को लेकर एक फेसबुक पोस्ट लिखी थी, जिसके लिए उन पर सांप्रदायिक तनाव भड़काने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई थी.
असम के एक स्थानीय समाचार चैनल के पत्रकार पराग भुइयां को बुधवार को उनके घर के सामने एक वाहन ने टक्कर मार दी थी. इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया, जिसके बाद समाचार चैनल ने उनके काम के चलते हत्या किए जाने का आरोप लगाया है.
उत्तर प्रदेश के ललितपुर ज़िले का मामला. समाचार पोर्टल बुंदेलखंड टाइम्स टीवी के लिए काम कर रहे विनय तिवारी का आरोप है कि रिपोर्टिंग के वक़्त प्रधान के परिजनों ने उनसे बहस की और लाठियों से हमला किया. विनय पर अवैध शराब के व्यापार की रिपोर्टिंग के लिए भी हमला हो चुका है.
लेखकों और निर्देशकों के एक तबके ने कहा है कि ऑनलाइन स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म को सूचना और प्रसारण मंत्रालय के दायरे में लाए जाने के निर्णय से वैश्विक स्तर पर भारतीय कंटेंट क्रियेटरों को नुकसान हो सकता है. इससे निर्माताओं और यहां तक कि दर्शकों की रचनात्मक एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता प्रभावित हो सकती है.
वीडियो: बिहार विधानसभा चुनाव में तमाम एक्जिट पोल्स और अंदाज़े ग़लत साबित हुए. मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश बिहार के अप्रत्याशित चुनाव परिणाम और राज्य के राजनीतिक भविष्य को लेकर वरिष्ठ पत्रकार अरविंद मोहन और द वायर के पॉलिटिकल अफेयर्स एडिटर अजय आशीर्वाद से चर्चा कर रहे हैं.
दुष्यंत दवे के इस पत्र पत्र अर्णब गोस्वामी की पत्नी ने भी पत्र लिखकर आरोप लगाया कि वह उन्हें निशाना बना रहे हैं. उन्होंने पत्रकार विनोद दुआ और वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण के मामलों का ज़िक्र करते हुए कहा कि ये मामले तत्काल सूचीबद्ध किए गए थे, लेकिन दुष्यंत दवे ने इन पर कोई टिप्पणी नहीं की थी.
इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि हम व्यक्तिगत आज़ादी को ध्वस्त करने के रास्ते पर हैं. इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट ने दो लोगों की आत्महत्या से जुड़े इस मामले में रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को ज़मानत देने से इनकार कर दिया था.
मामला तमिलनाडु के कांचीपुरम ज़िले का है. तमिझन टीवी के 29 वर्षीय रिपोर्टर इजरावेल मोसेज ने बीते समय में गांजे की बिक्री और भूमि अतिक्रमण को लेकर कई ख़बरे लिखी थीं. आरोप है कि इसी के चलते उनकी हत्या की गई है.
ऑनलाइन समाचार पोर्टलों और कंटेंट प्रोवाइडरों को सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत लाने के लिए केंद्र सरकार ने एक आदेश जारी किया है. दिलचस्प यह है कि ऑनलाइन मंचों पर उपलब्ध समाचार व समसामयिक विषयों से संबंधित सामग्रियों को ‘प्रेस’ उपश्रेणी के तहत न रखकर ‘फिल्म’ उपश्रेणी के तहत रखा गया है.
गुजराती समाचार पोर्टल फेस ऑफ द नेशन के संपादक धवल पटेल के ख़िलाफ़ राज्य में बढ़ते कोरोना वायरस मामलों की आलोचना के कारण गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन का सुझाव देने वाली एक रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए 11 मई को राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था.
योगी आदित्यनाथ को लिखे पत्र में एडिटर्स गिल्ड ने कहा कि मुंबई में एक संपादक की गिरफ़्तारी पर उन्होंने प्रेस की स्वतंत्रता की बात उठाकर सही किया, लेकिन उत्तर प्रदेश में पत्रकारों को डराने-धमकाने और प्रताड़ित करने की और भी तकलीफदेह घटनाएं हुई हैं, साथ ही पत्रकारों को उनका काम करने से रोका गया है.
रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्णब गोस्वामी को 2018 में हुई एक इंटीरियर डिज़ाइनर की आत्महत्या से जुड़े मामले में चार नवंबर को उनके घर से गिरफ़्तार किया गया था, जिसके बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट ने उन्हें और दो अन्य आरोपियों को 18 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था.
सुशांत सिंह राजपूत की मौत से जुड़े ड्रग्स मामले में फिल्म इंडस्ट्री को बुरा भला कहने को लेकर समाचार चैनल रिपब्लिक टीवी, उसके प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी, टाइम्स नाउ, उसके प्रधान संपादक राहुल शिवशंकर और समूह संपादक नविका कुमार और अज्ञात प्रतिवादियों के ख़िलाफ़ चार फिल्म एसोसिएशनों और 34 निर्माता संगठनों ने याचिका दाख़िल की है.
त्रिपुरा से प्रकाशित होने वाले दैनिक ‘प्रतिबादी कलम’ के संपादक ने बताया कि उन्होंने कृषि विभाग में हुए कथित 150 करोड़ रुपये के घोटाले के संबंध में रिपोर्ट्स की एक शृंखला प्रकाशित की और यह उसी का परिणाम है.
दर्शकों की संख्या में असामान्य वृद्धि दिखने के बाद ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल ने टीवी टुडे नेटवर्क लिमिडेट को 27 अप्रैल को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था. टीवी टुडे नेटवर्क का जवाब असंतोषजनक पाने के बाद काउंसिल ने उस पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगा दिया था.