चुनावी बॉन्ड खरीदने वाले शीर्ष पांच समूहों/कंपनियों में से तीन ने सबसे अधिक चंदा भारतीय जनता पार्टी को दिया, जबकि दो ने अपने चंदे का सबसे बड़ा हिस्सा तृणमूल कांग्रेस को दिया.
लोकसभा चुनावों से पहले दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के समर्थन में एकजुट होकर 'इंडिया' ब्लॉक के नेताओं ने निर्वाचन आयोग से संपर्क करते हुए आरोप लगाया कि उनकी गिरफ़्तारी सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का घोर और दुस्साहसिक दुरुपयोग, जिसका चुनाव की निष्पक्षता एवं स्वतंत्रता पर प्रभाव पड़ता है.
कांग्रेस को सबसे ज़्यादा चंदा देने वालों में वेदांता (125 करोड़ रुपये), वेस्टर्न यूपी पावर ट्रांसमिशन लिमिटेड (110 करोड़ रुपये) और एमके जालान समूह की कंपनियां (69.35 करोड़ रुपये) हैं.
बीआरएस को चंदा देने वालों में एक दिलचस्प नाम किटेक्स गारमेंट्स का सामने आया है, जिसने केरल में ट्वेंटी-ट्वेंटी नाम से एक राजनीतिक पार्टी बनाई थी और साल 2022 में अरविंद केजरीवाल ने इसके साथ गठबंधन का ऐलान भी किया था.
भारत राष्ट्र समिति की एमएलसी और तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव की बेटी के. कविता ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में उनकी गिरफ़्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. उनकी याचिका पर सुनवाई करने वाली पीठ को ही केजरीवाल की गिरफ़्तारी के ख़िलाफ़ दायर याचिका पर भी सुनवाई करनी थी.
भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या, पीसी मोहन और शोभा करंदलाजे ने नागरथपेटे में एक विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था, जो बीते 17 मार्च की एक घटना को लेकर था. सांसदों का आरोप है कि अज़ान के दौरान हनुमान चालीसा बजाने पर एक हिंदू दुकानदार पर हमला किया गया, जबकि स्थानीय भाजपा विधायक ने घटना के सांप्रदायिक होने से इनकार कर दिया था.
चुनावी बॉन्ड के माध्यम से सबसे अधिक चंदा पाने वालों में भाजपा के बाद तृणमूल कांग्रेस का नंबर आता है. इसे कुल 1609.53 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसका एक तिहाई हिस्सा (542 करोड़ रुपये) लॉटरी किंग सैंटियागो मार्टिन की कंपनी फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज ने दिया.
चुनाव आयोग द्वारा अपनी वेबसाइट पर जारी किए गए नवीनतम डेटा के अनुसार, भाजपा ने 12 अप्रैल 2019 से 24 जनवरी 2024 के बीच कुल 6060.5 करोड़ रुपये के चुनावी बॉन्ड भुनाए.
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले दिल्ली आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी द्वारा गिरफ़्तारी के बाद विपक्ष के नेताओं ने केंद्र की मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि विपक्ष से लोकतांत्रिक तरीके से लड़ने की बजाय भाजपा जांच एजेंसियों की आड़ से चुनाव लड़ना चाहती है.
दिल्ली आबकारी नीति मामले में ईडी द्वारा नौंवी बार तलब किए जाने के बाद गुरुवार रात दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ़्तार किया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इस कार्रवाई पर कहा कि अहंकारी भाजपा, विपक्ष को हर तरह से चुनाव के पहले ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है.
राजनीतिक दलों को 10 सालों में मिले कुल 7,726 करोड़ रुपये के चंदे में से भाजपा को लगभग 5,000 करोड़ रुपये या 64.7% मिले, उसके बाद कांग्रेस (10.7%), भारत राष्ट्र समिति (3.3%) और आम आदमी पार्टी (3.1%) का नंबर आता है.
यह मामला 'विकसित भारत संपर्क' एकाउंट से वॉट्सऐप पर लाखों भारतीयों को प्रधानमंत्री मोदी के पत्र वाले बल्क संदेश भेजे जाने का है. विकसित भारत संपर्क एकाउंट में पंजीकृत कार्यालय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय दर्ज है, जिसे निर्वाचन आयोग ने फौरन यह मैसेज रोकने को कहा है.
द वर्ल्ड इनइक्वलिटी लैब द्वारा प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि भारत के सबसे अमीर 1% लोगों के पास राष्ट्रीय आय का 22.6% हिस्सा है, जो एक सदी से भी अधिक है. जबकि निचली 50% आबादी की हिस्सेदारी 15% है. कांग्रेस ने 'अरबपति राज' को बढ़ावा देने के लिए नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना की है.
1957 में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में वाराणसी दक्षिणी निर्वाचन क्षेत्र से एंटी-इंकंबेंसी झेल रहे प्रदेश के मुख्यमंत्री डाॅ. संपूर्णानंद के सामने स्वतंत्रता सेनानी व वामपंथी नेता रुस्तम सैटिन खड़े हुए थे. हालांकि उनकी हिंदू-मुस्लिम एकता की पैरोकारी पर मुस्लिम सांप्रदायिकता की तोहमत लगाकर उन्हें हरा दिया गया.
द वायर के साथ साक्षात्कार में असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन बोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के एजेंट पार्टी के भीतर हैं, वे इससे वाकिफ़ हैं और वे हिमंता मुक्त कांग्रेस चाहते हैं.