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हिंदुत्व वॉच भारत में अल्पसंख्यक समुदायों के ख़िलाफ़ हमलों और हेट स्पीच पर रिपोर्ट करता है. इसके संस्थापक रक़ीब अहमद नाइक ने बताया कि इस संबंध में उन्हें मंगलवार को एक ईमेल मिला था, जिसमें कहा गया था कि भारत सरकार ने एकाउंट को आईटी अधिनियम की धाराओं का उल्लंघन करते पाया है.
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के बाद से भाजपा शासन के तहत सबसे गरीब लोगों को विकास ने छुआ है और ऐसी सर्वव्यापी प्रगति केवल 'रामराज्य' में ही संभव है.
लखनऊ के इंदिरानगर थानाक्षेत्र में यह घटना 13 जनवरी को हुई थी, जहां क्रिकेट मैच के दौरान हुए विवाद में युवाओं के एक समूह ने 18 वर्षीय दलित लड़के को मारा पीटा गया था. इसके बाद कई बार उसे पीटा गया और कथित तौर पर उस पर पेशाब किया गया.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
सवाल है कि राम मंदिर को लेकर 2019 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा अंतिम फैसला सुनाए जाने के बाद पूरे चार साल तक मोदी सरकार हाथ पर हाथ धरे क्यों बैठी रही. जवाब यही है कि 2024 के आम चुनावों के कुछ दिन पहले ही रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बहाने हिंदुत्व का डंका बजाकर वोटों की लहलहाती फसल काटना आसान बन जाए.
बीते दिसंबर में उत्तर प्रदेश और हरियाणा सरकार ने इज़रायल में नौकरियों के लिए निर्माण श्रमिकों से आवेदन मांगे थे. सरकार की योजना संघर्ष प्रभावित देश में कम से कम 10,000 श्रमिकों को भेजने की है. ट्रेड यूनियनों का तर्क है कि भारत सरकार संघर्षरत क्षेत्रों में काम करने जाने वाले श्रमिकों के लिए तय सुरक्षा मानकों को नज़रअंदाज़ कर रही है.
पुरी के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि चारों शंकराचार्य अपनी गरिमा बनाकर रखते हैं. यह अहंकार का मामला नहीं है. क्या हमसे उम्मीद की जाती है कि जब प्रधानमंत्री रामलला की मूर्ति स्थापित करेंगे तो हम बाहर बैठेंगे और तालियां बजाएंगे? चारों शंकराचार्य राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने से इनकार कर चुके हैं.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर को पत्र लिखकर कहा है कि नया विधेयक ‘संविधान द्वारा गारंटीकृत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और प्रेस की स्वतंत्रता की भावना के प्रतिकूल’ साबित होगा. गिल्ड को डर है कि विधेयक प्रसारण सलाहकार परिषद के माध्यम से ‘व्यापक सेंसरशिप ढांचे’ के निर्माण के लिए आधार तैयार करेगा.
पंजाब के कपूरथला ज़िले के फगवाड़ा स्थित गुरुद्वारा श्री चौरा खूह साहिब का मामला. पुलिस के अनुसार, आरोपी रमनदीप सिंह मंगू मठ के ख़िलाफ़ आईपीसी के तहत हत्या का मामला, जबकि मृतक पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए धारा 295-ए के तहत केस दर्ज किया गया है.