लोकसभा चुनाव 2024
→लोकप्रिय
वीडियो
→भारत
→सभी ख़बरें
सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा तैयार प्रसारण सेवा (विनियमन) विधेयक, 2023 या प्रसारण विधेयक को सेंसरशिप चार्टर के बतौर देखा जा सकता है, जहां 'केंद्र सरकार' स्वतंत्र समाचारों को सेंसर बोर्ड जैसे दायरे में घसीटना चाहती है.
कुकी-जो जनजातियों के समूह, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) ने जातीय हिंसा से प्रभावित राज्य में लोगों से अनुरोध किया है कि वे ‘खुले तौर पर विशिष्ट’ समारोहों में शामिल न हों और सभी समुदायों और चर्चों से केवल सामान्य चर्च सेवा करने और दावतें तथा फेलोशिप कार्यक्रम आयोजित न करने के लिए कहा है.
बीते बुधवार को दो व्यक्ति लोकसभा की दर्शक दीर्घा से हॉल में कूद गए और धुएं के कनस्तर खोल दिए थे. इस सुरक्षा चूक के बाद इन लोगों के अलावा तीन अन्य को गिरफ़्तार किया गया है, जबकि एक व्यक्ति की तलाश जारी है. सूत्रों के अनुसार, आरोपी मणिपुर हिंसा, किसान आंदोलन, महंगाई और बेरोज़गारी के संबंध में एक संदेश देना चाहते थे.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि 2010 और 2021 के बीच दुनिया भर में सड़क यातायात से होने वाली मौतें 5 प्रतिशत घटकर 1.19 लाख सालाना हो गईं. हालांकि, भारत में मृत्यु दर में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई. यहां सड़क यातायात से होने वाली मौतों की कुल संख्या 2010 में 1.34 लाख से बढ़कर 2021 में 1.54 लाख हो गई.
शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने राज्यसभा में बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने विभिन्न भारतीय भाषाओं में इंजीनियरिंग पुस्तकें (बी.टेक/डिप्लोमा) उपलब्ध कराने के उद्देश्य से ‘तकनीकी पुस्तक लेखन और उसके अनुवाद की योजना’ शुरू की है.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के तरीके को सुप्रीम कोर्ट द्वारा वैध ठहराए जाने के फैसले की बारीकियां समझने के लिए ज़रूरी है कि यह समझा जाए कि अनुच्छेद 370 था क्या और इसे हटाया कैसे गया.
केंद्र सरकार ने संसद को बताया कि पंजाब, हरियाणा, एनसीआर-उत्तर प्रदेश, एनसीआर-राजस्थान और दिल्ली में 15 सितंबर से 29 अक्टूबर की अवधि के दौरान 2022 की पराली जलाने की 13,964 घटनाओं की संख्या से कम होकर 2023 में 6,391 हो गई. 2021 में इन क्षेत्रों में इस अवधि में कुल मिलाकर पराली जलाने की 11,461 घटनाएं हुई थीं.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय की अपील सुनकर बरबस 'अज्ञेय' याद आते हैं, जिनका कहना था कि 'जो निर्माता रहे/ इतिहास में वह/ बंदर कहलाएंगे'. ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के लिए संघर्षरत रहे कारसेवकों व राम सेवकों का ‘बंदर कहलाने’ की नियति से साक्षात्कार क्यों कराया जा रहा है?