अरबपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी पहली बार किसी परियोजना में साथ आए हैं. इस सौदे से रिलायंस इंडस्ट्रीज़ को अडानी पावर लिमिटेड की सहायक कंपनी महान एनर्जेन लिमिटेड से कैप्टिव यूज़ के लिए 500 मेगावाट बिजली मिलेगी.
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फ़िलिस्तीन और इज़रायल की ख़ातिर, जो ज़िंदा हैं उनकी ख़ातिर और जो मारे गए उनके नाम पर, हमास के हाथों बंधक बनाए गए लोगों की ख़ातिर और इज़रायली जेलों में बंद फ़िलिस्तीनियों की ख़ातिर, सारी इंसानियत की ख़ातिर, गाज़ा पर हमला फ़ौरन बंद होना चाहिए.
वीडियो: बिहार में जाति आधारित जनगणना, देश में मंडल राजनीति पर दोबारा चर्चा शुरू होने और आरक्षण के मुद्दे पर होने वाले टकरावों को लेकर राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव और द वायर के सह-संस्थापक एमके वेणु से इंद्र शेखर सिंह की बातचीत.
वीडियो: राजस्थान विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र अलवर ज़िले के रामगढ़ के लोगों से द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने एक श्रृंखला शुरू की है. चौदहवां भाग चीक जाति के बारे में है.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
विनोद अडानी उन भारतीयों में शामिल, जिन्हें 2014-2020 के बीच साइप्रस का गोल्डन पासपोर्ट मिला: रिपोर्ट
‘साइप्रस निवेश कार्यक्रम’ के के नाम से भी जानी जाने वाली ‘गोल्डन पासपोर्ट’ योजना 2007 में शुरू की गई थी. इसके तहत आर्थिक रूप से प्रबल व्यक्तियों को साइप्रस की नागरिकता दी गई, जिससे इस देश में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित हुआ. अडानी समूह के प्रमुख गौतम अडानी के बड़े भाई विनोद अडानी हिंडनबर्ग रिसर्च की जांच के बाद सुर्खियों में आए थे.
मणिपुर में कुकी-ज़ो लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने तेंगनौपाल, कांगपोकपी और चुराचांदपुर ज़िलों में ‘स्व-शासन’ की घोषणा की है. आईटीएलएफ के एक नेता ने कहा कि हमें ‘मेईतेई मणिपुर सरकार’ से कोई उम्मीद नहीं है और अगर केंद्र हमें मान्यता नहीं देता है तो हमें कोई परवाह नहीं है.
बठिंडा नगर निगम की महापौर रमन गोयल को पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने इस साल फरवरी में चार अन्य पार्षदों के साथ पार्टी से निष्कासित कर दिया था, जिसके बाद 17 अक्टूबर को 26 कांग्रेस पार्षदों ने महापौर के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाने की मांग करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था.
मध्य प्रदेश में चौदहवीं विधानसभा (2018-2023) ने भाजपा और कांग्रेस, दो सरकारों को देखा, जहां जनता ने राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं, दल-बदल तो देखे ही, साथ ही बढ़ती कट्टरता और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को पैठ बनाते देखा. इन पांच सालों के घटनाक्रमों से प्रदेश में भविष्य की राजनीति की दिशा समझी जा सकती है.