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द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
किसानों यूनियनों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा, केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और महासंघों के संयुक्त मंच ने 26 नवंबर से देशव्यापी तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है. किसानों का कहना है कि उनके द्वारा तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों को रद्द कराए हुए तीन साल बीत चुके हैं, लेकिन उस समय की उनकी कई मांगें अब तक पूरी नहीं हुई हैं.
1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेने वाले भारतीय साक्ष्य (बीएस) विधेयक में कहा गया है कि मंत्रियों और भारत के राष्ट्रपति के बीच किसी भी विशेषाधिकार संचार को किसी भी न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी. हालांकि यह संविधान के अनुच्छेद 74 (2) में भी कहा गया है, लेकिन केंद्र इसे साक्ष्य पुस्तिका का हिस्सा बनाकर क़ानूनी समर्थन देना चाहता है.
मामला जम्मू कश्मीर के शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का है. आरोप है कि कश्मीरी छात्रों ने बीते 19 नवंबर को हुए क्रिकेट विश्वकप के फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलिया से भारत की हार के बाद पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए थे. पुलिस ने छात्रों के ख़िलाफ़ ग़ैर-क़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बीते 18 नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार ने हलाल सर्टिफिकेट के साथ बेचे जाने वाले उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया था. अब सरकार ने 92 राज्य-आधारित निर्माताओं को निर्देश दिया है, जो अपने माल के लिए ग़ैर-प्रमाणित संगठनों से हलाल प्रमाणीकरण प्राप्त कर रहे थे, ताकि वे यूपी के भीतर अपने उत्पादों को वापस ले सकें या उन्हें दोबारा पैक करें.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे लागू करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है और इस साल 31 दिसंबर तक नए नाम के साथ आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) की तस्वीरें मांगी हैं. इन तस्वीरों को एबी-एचडब्ल्यूसी पोर्टल पर अपलोड करने को कहा गया है. ‘आयुष्मान भारत मंदिर’ के साथ ‘आरोग्यम परमं धनम्’ नाम से टैगलाइन भी दी गई है.
गृह मामलों के केंद्रीय राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा ने पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय के एक कार्यक्रम में कहा कि सीएए के नियम 30 मार्च तक तैयार कर लिए जाएंगे. बंगाल का मतुआ समुदाय इस क़ानून की मांग करता रहा है. 2021 में विधानसभा चुनाव अभियान के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कोविड टीकाकरण समाप्त होने के बाद सीएए लागू होने की घोषणा भी की थी.
'फिक्शन' श्रेणी में प्रतिष्ठित बुकर पुरस्कार पाने वाला पॉल लिंच का उपन्यास 'प्रोफेट सॉन्ग' आयरलैंड में तानाशाही राज के बीच अपने परिवार की रक्षा के लिए एक महिला के संघर्ष के बारे में है.
घटना मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले की है. बीते 25 नवंबर को ज़िले के गोपालपुर गांव में सोन नदी के तट पर राजस्व अधिकारी प्रसन्न सिंह और तीन अन्य पटवारी निरीक्षण के लिए गए थे, जब उनकी हत्या कर दी गई. पुलिस ने इस संबंध में ट्रैक्टर चालक और वाहन के मालिक को गिरफ़्तार कर लिया है.