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गुजरात के मोरबी शहर का मामला. एफ़आईआर के मुताबिक, 21 वर्षीय नीलेश दलसानिया अक्टूबर में महिला व्यवसायी की कंपनी के निर्यात विभाग में किए गए अपने 16 दिन के काम का वेतन मांगने गए थे, जब उनके साथ मारपीट और दुर्व्यवहार किया गया. आरोपियों के ख़िलाफ़ आईपीसी के अलावा एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए सहारा समूह द्वारा संचालित चार सहकारी समितियों में निवेश करने वाले लगभग पांच लाख लोगों के दिल्ली में विरोध प्रदर्शन करने की योजना है. बीते 14 नवंबर को समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय के निधन के साथ देश भर के 27 राज्यों में फैले निवेशकों में असुरक्षा की भावना बढ़ गई है.
महाराष्ट्र के गढ़चिरौली ज़िले के टोडगट्टा में 70 से अधिक आदिवासी गांवों के लोग सुरजागढ़ क्षेत्र में प्रस्तावित छह लौह अयस्क खदानों के ख़िलाफ़ पिछले आठ महीनों से शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे. पुलिस द्वारा आंदोलन ख़त्म कराए जाने पर प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह एक गंभीर मानवाधिकार उल्लंघन है. उन्होंने गिरफ़्तार किए गए लोगों को तत्काल रिहा करने की मांग की.
सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी से पता चला है कि ये सभी लेख सरकारी अधिकारियों या केंद्रीय मंत्रियों द्वारा लिखे गए थे. इन लेखों में उन्होंने जी-20 के लक्ष्यों के अनुरूप सरकारी योजनाओं पर प्रकाश डाला था, मोदी की प्रशंसा की थी और जी-20 की अध्यक्षता करने के लिए भारत के महत्व को समझाया था.
दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान खंडपीठ के दो जज एक-दूसरे से भिन्न मत रखते हुए देखे गए, जहां जस्टिस सुधांशु धूलिया ने किसानों का पक्ष लेते हुए कहा कि उसे भी सुनवाई का मौका दिया जाना चाहिए, वहीं जस्टिस संजय किशन कौल ने किसानों के ख़िलाफ़ सख़्ती बरते जाने की बात कही.
हरियाणा के जींद स्थित एक सरकारी स्कूल का मामला. बीते 13 सितंबर को हरियाणा महिला आयोग ने इस मामले में कार्रवाई के लिए जींद पुलिस से कहा था. हालांकि आरोप है कि पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में देरी की. इस बीच आरोपी प्रिंसिपल को बीते 4 नवंबर को गिरफ़्तार करने के बाद न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
विपक्षी इंडिया गठबंधन दलों से जुड़े 16 छात्र संगठनों ने केंद्र सरकार की राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के लिए ‘यूनाइटेड स्टूडेंट्स ऑफ इंडिया’ के गठन की घोषणा की. नेताओं ने कहा कि आरएसएस समर्थित सरकार का लक्ष्य न केवल शिक्षा प्रणाली को कमज़ोर और नष्ट करना है, बल्कि वह इसे एक सांप्रदायिक और विनाशकारी योजना में बदलना भी चाहती है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर ने अपने विदाई भाषण में आरोप लगाया कि अक्टूबर 2018 में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट से मेरा तबादला इलाहाबाद हाईकोर्ट में किया गया था. तब सीजेआई दीपक मिश्रा कॉलेजियम के अध्यक्ष थे. मुझे लगता है कि मेरा तबादला मुझे परेशान करने के लिए किया गया था.