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उत्तर प्रदेश में बांदा जिले के गिरवां थाना क्षेत्र का मामला. आटा चक्की में काम करने गई 40 वर्षीय एक दलित महिला की कथित तौर पर बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई और शव को टुकड़ों में काट दिया गया. पुलिस ने बताया कि चक्की मालिक, उनके भाई बउवा शुक्ला और एक अन्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया गया है.
जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. सातवां भाग पासी जाति के बारे में है.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
चुनावी बॉन्ड से राजनीतिक दलों को फंडिंग की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनते हुए शीर्ष अदालत ने चिंता जताई कि योजना से जुड़ी गोपनीयता समान नहीं है, जहां किसी विपक्षी दल को यह नहीं पता होगा कि दान देने वाला कौन है, पर विपक्षी दल को दान देने वालों का पता जांच एजेंसियों द्वारा लगाया जा सकता है.
2021-22 में आठ राष्ट्रीय दलों की कुल आय 3,289 करोड़ रुपये थी, जिसमें अज्ञात स्रोतों का हिस्सा 66% था. इस अवधि में भाजपा की कुल आय 1,917 करोड़ रुपये थी, जिसमें से 1,161 करोड़ रुपये या 61% अज्ञात स्रोतों (अधिकांश चुनावी बॉन्ड) से मिले. इसके बाद टीएमसी थी, जिसकी कुल आय (546 करोड़ रुपये) का 97% अज्ञात स्रोतों से आया था.
बीते 6 अक्टूबर को एक सरकारी आदेश में कहा गया था कि एक केंद्रीय कार्य बल फैक्ट-चेक इकाई के तहत काम करेगा और इसका नेतृत्व एक मिशन निदेशक करेगा. यह क़दम कर्नाटक द्वारा सोशल मीडिया पर फ़र्ज़ी ख़बरों पर अंकुश लगाने के लिए एक फैक्ट-चेक इकाई स्थापित करने की घोषणा के दो महीने बाद आया है.
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने संसद की एथिक्स समिति को पत्र लिख कहा है कि भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसद में बसपा सांसद दानिश अली के ख़िलाफ़ मुस्लिम विरोधी हेट स्पीच का इस्तेमाल किया था. अक्टूबर में व्यस्तताओं का हवाला देते हुए वह संसदीय समिति के समक्ष पेश नहीं हुए. उन्होंने कहा कि इस दोहरे मापदंड में राजनीतिक उद्देश्यों की बू आती है.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले वे सभी विपक्षी दलों की आवाज़ दबाने की कोशिश कर रही है. केंद्र ने अरविंद केजरीवाल को नोटिस भेजा है. पांच-छह सांसदों ने कहा है कि उनके फोन हैक हो गए हैं.
बीते 3 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने यूएपीए के तहत दर्ज एक केस के सिलसिले में समाचार वेबसाइट न्यूज़क्लिक और इसके कर्मचारियों के यहां छापेमारी की थी. इस दौरान 90 से अधिक पत्रकारों के क़रीब 250 इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस ज़ब्त किए गए थे. लगभग एक महीने बाद भी इन्हें वापस नहीं करने से पत्रकारों के लिए काम करना मुश्किल हो गया है.