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गत 19 अक्टूबर को हनुमानगढ़ी की बसंतिया पट्टी के एक नागा साधु की उनके दो शिष्यों द्वारा ही धारदार हथियार से हत्या कर दी गई. पुलिस का कहना है कि ये शिष्य नकद रुपयों व महंती के उत्तराधिकार के लालच में गुरुहंता बने.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
जिला मजिस्ट्रेट को लिखे एक पत्र में त्रिपुरा के ब्रुहापारा बस्ती क्षेत्र के सहायक प्रभारी करणजॉय रियांग ने कहा कि आंतरिक रूप से विस्थापित ब्रू आदिवासी लोग, जिन्हें जातीय संघर्षों के कारण अपने गृह राज्य मिज़ोरम से भागना पड़ा था, उन्हें अक्टूबर 2022 से भत्ता नहीं मिला है, जिससे वे संकट में हैं.
केरल के कोच्चि कलामासेरी में एक ईसाई प्रार्थना सभा में हुए विस्फोटों में मरने वालों की संख्या बढ़कर तीन हो गई है. भाजपा नेता एवं केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने इसके लिए ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ और मुस्लिम समूह को ज़िम्मेदार ठहराया है. मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि उनका बयान उनके सांप्रदायिक एजेंडे पर आधारित है.
सुप्रीम कोर्ट 31 अक्टूबर को चुनावी बॉन्ड के ख़िलाफ़ चुनौतियों को सुनने वाला है. इससे पहले अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने अदालत से कहा कि सिर्फ इसलिए कि नागरिकों को उम्मीदवारों का आपराधिक इतिहास जानने का हक़ है, इसे चुनावी बॉन्ड के ज़रिये होने वाली फंडिंग की जानकारी तक नहीं बढ़ाया जा सकता.
क़तर में भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारियों को मौत की सज़ा सुनाए जाने के बाद कमांडर पूर्णेंदु तिवारी (सेवानिवृत्त) की बहन मीतू भार्गव ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता का पूर्ण अभाव है. इससे क़तर की क़ानून व्यवस्था में हमारा विश्वास कमज़ोर होता है. यह हमें कभी स्पष्ट नहीं हुआ कि उन पर क्या आरोप हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि आईसीएमआर ने एक विस्तृत अध्ययन कर पाया है कि जो लोग गंभीर कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित रहे हैं, उन्हें कुछ समय के लिए कड़ी मेहनत या कठिन व्यायाम नहीं करनी चाहिए. इसे एक या दो साल के लिए स्थगित कर देना चाहिए. उनका यह बयान देश में बढ़ते दिल के दौरे के मामलों के बीच आया है.
जाति परिचय: बिहार में हुए जाति आधारित सर्वे में उल्लिखित जातियों से परिचित होने के मक़सद से द वायर ने नई श्रृंखला शुरू की है. पांचवा भाग चौपाल जाति के बारे में है.
नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने कहा है कि प्रति व्यक्ति खाद्य उत्पादन बढ़ने के बावजूद देश में कुपोषण बढ़ गया है, ख़ासकर पिछले आठ वर्षों में. उन्होंने इसके लिए बढ़ती खाद्य कीमतों को ज़िम्मेदार ठहराया. उन्होंने कृषि उत्पादकता वृद्धि को सालाना 2 फीसदी से अधिक बढ़ाने की वकालत की है.