लोकसभा चुनाव 2024
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वीडियो: डिजिटल अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्थाओं- एक्सेस नाउ और ग्लोबल विटनेस ने हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा कि यूट्यूब ने अपने मंच पर ऐसे विज्ञापनों को मंज़ूरी दी, जिनमें गलत सूचनाएं दी गई थीं. इस बारे में एक्सेस नाउ के रमनजीत सिंह चीमा और ग्लोबल विटनेस के हेनरी पेक से बातचीत.
वीडियो: महाराष्ट्र में विदर्भ के सोनेगांव के किसानों ने का कहना है कि मोदी सरकार की कृषि नीतियां उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकी हैं. उन्हें ऋण माफी और कपास का भाव नहीं मिल रहा है. किसान कपास के उचित मूल्य की मांग लगातार कर रहे है, लेकिन उनकी यह मांग पूरी नहीं हो रही है.
वीडियो: हिमंता बिस्वा शर्मा की अगुवाई वाली असम की भाजपा सरकार पर लगातार सांप्रदायिकता बढ़ाने के आरोप लगते रहे हैं और लोकसभा चुनाव से पहले उनके विभिन्न बयान इसकी तस्दीक करते हैं. उधर, स्थानीय लोग सीएए के नियम अधिसूचित होने के बाद से नाराज़ है और इसके विरोध में सड़कों पर उतरे हैं. वहां चुनाव में कौन-से मुद्दे प्रभावी रहेंगे, इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से बात कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
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प्रधानमंत्रियों के निर्वाचन क्षेत्र के निवासी वीआईपी सीट के गुमान में भले जीते रहें, लेकिन इससे उनकी सामाजिक-राजनीतिक चेतना पर कोई फ़र्क पड़ता दिखाई नहीं देता. और न प्रधानमंत्री की उपस्थिति ऐसे क्षेत्रों की समस्याओं को सुलझा पाती है.
चुनाव के पहले महीने में आदर्श आचार संहिता लागू करने पर अपना रिपोर्ट कार्ड सार्वजनिक करते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा कि वह सीबीआई, ईडी और एनआईए जैसी केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर कार्रवाई की विपक्षी दलों की याचिका पर कोई क़दम नहीं लेगा क्योंकि वह क़ानूनी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता.
परिवार पहचान पत्र के आंकड़ों के मुताबिक, बीपीएल परिवारों की सबसे अधिक संख्या फरीदाबाद में है. इसके बाद मेवात, हिसार और करनाल जिला का नंबर आता है. हालांकि हिसार और करनाल राज्य के सबसे समृद्ध जिलों में माने जाते हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस डेटा में सरकारी लाभ लेने के लिए फ़र्ज़ी बीपीएल कार्ड धारक भी हो सकते हैं.
शीर्ष अदालत में जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है. मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों ने कहा कि वे अभी तक नहीं भूले हैं कि जब मतपत्रों के माध्यम से वोट डाले जाते थे, तो क्या होता था.
वेस्ट बंगाल इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के विश्लेषण के अनुसार, बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने 2019 में 58.25 लाख रुपये की संपत्ति घोषित की थी, जो 2024 में बढ़कर 1.24 करोड़ रुपये हो गई. वहीं, दार्जिलिंग के मौजूदा भाजपा सांसद और उम्मीदवार राजू बिस्ता की संपत्ति में पिछले लोकसभा चुनाव के बाद से 215 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.