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मणिपुर में बीते 3 मई से जारी जातीय हिंसा के बाद कुकी-जो आदिवासी समुदाय से आने वाले 10 विधायक अलग प्रशासन की मांग कर रहे हैं. इनमें से 7 सत्तारूढ़ भाजपा के हैं. भाजपा विधायक और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के दामाद राजकुमार इमो सिंह ने कहा कि अगर वे ‘शांति के लिए काम करने’ को लेकर गंभीर नहीं तो ‘इस्तीफा दे दें’.
उदयनिधि के बयान पर हुई प्रतिक्रिया से ज़ाहिर होता है कि हिंदू ख़ुद को सनातनी कह लें, पर अपनी आलोचना नहीं सुन सकते. फिर वे उदार कैसे हुए?
साल 2021 में 98 साल की उम्र में एक यहूदी महिला सेल्मा ने अपने नाम को शीर्षक बनाकर लिखी किताब में जर्मनी व यूरोप में 1933 से 1945 के बीच यहूदियों की स्थिति को दर्ज किया है. हज़ारों किलोमीटर और कई दशकों के फासलों के बावजूद 2023 के भारत में यह किताब किसी अजनबी दुनिया की बात नहीं लगती है.
महाराष्ट्र में कोल्हापुर के कई शैक्षणिक संस्थानों में हाल ही में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया है. पुलिस पर उन शिक्षकों के ख़िलाफ़ मामले दर्ज करने का दबाव है, जो दक्षिणपंथी हिंदुत्ववादी समूहों पर सवाल उठाते हैं. ऐसे कई संगठनों को इस क्षेत्र में मजबूत आधार मिल रहा है, जिससे मुस्लिम समुदाय पर हिंसक हमलों सहित क्षेत्र में सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा मिला है.
नूंह के मेव मुसलमान सदियों से क्षेत्र के हिंदुओं के साथ घनिष्ठ संबंध और सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन साझा करते आए हैं, लेकिन 2017 के बाद से शुरू हुईं लिंचिंग की घटनाओं और नफ़रत के चलते होने वाली हिंसा ने इस रिश्ते में दरार डाल दी है.
जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के बीच कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा है कि प्रधानमंत्री ने न सिर्फ़ बंदरगाह, हवाई अड्डे, बिजली और सड़क जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने करीबी मित्र अडानी के लिए ‘मोदी निर्मित एकाधिकार’ स्थापित करने में मदद की है, बल्कि उन्होंने सेबी, सीबीआई, ईडी जैसी विभिन्न एजेंसियों द्वारा अडानी के गलत कार्यों की सभी जांच को सुनियोजित ढंग से बंद भी कर दिया है.
बीते 8 सितंबर को मणिपुर के टेंगनौपाल ज़िले के पलेल में हुई गोलीबारी की घटना में तीन लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक घायल हो गए थे. इस दौरान पलेल के पास मोलनोई गांव में सुरक्षा बलों और हथियारबंद लोगों के बीच गोलीबारी हो गई थी. राज्य मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार को घटना से अवगत कराने की बात कही है.
ग़ाज़ियाबाद पुलिस ने बताया कि 16 सेकंड के वीडियो क्लिप में यति नरसिंहानंद पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के बारे में अप्रिय टिप्पणी करने के अलावा मुसलमानों के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिससे नफ़रत भड़क सकती है और सांप्रदायिक सद्भाव में बाधा आ सकती है.
मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि कैबिनेट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद इस फैसले को मंज़ूरी दे दी है. वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने लिंचिंग और भीड़ द्वारा हिंसा से निपटने के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी करते हुए निर्देश दिया था कि राज्य सरकारें ‘लिंचिंग/भीड़ द्वारा हिंसा पीड़ित मुआवज़ा योजना’ तैयार करेंगी.