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द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
देश के विभिन्न हिस्सों से स्मार्ट मीटर के विरोध की ख़बरें आ रही हैं. तकनीक के विरोध के पीछे अज्ञानता भी हो सकती है मगर इसी के नाम पर कई बार खेल भी होता है. उपभोक्ता को नहीं पता कि स्मार्ट मीटर के पीछे कौन है, किसकी कंपनी है, इसकी प्रमाणिकता क्या है और क्यों केंद्र इसे लगाने के लिए राज्यों पर शर्तें थोप रहा है.
31 जुलाई को नूंह में हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद से किसानों ने हरियाणा में सांप्रदायिकता का मुक़ाबला करने के लिए क्षेत्र में तीन बड़ी बैठकें की हैं. इसके अलावा खाप पंचायतों की इसी तरह की 20 से अधिक बैठकें हो चुकी हैं. किसान संगठनों का कहना है कि आगामी राज्य और संसदीय चुनावों से पहले लोग ‘ध्रुवीकरण को रोकने के लिए एकजुट’ हो गए हैं.
असम राइफल्स ने अपने नोटिस में रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के नेता महेश्वर थौनाओजम द्वारा 30 जून को दिल्ली में एक शोकसभा के दौरान दिए गए बयानों का हवाला दिया है. थौनाओजम ने मणिपुर हिंसा में असम राइफल्स की भूमिका को लेकर सवाल उठाए थे.
अप्रैल में यूजीसी ने निर्देश दिया था कि हर विश्वविद्यालय और उनसे संबद्ध कॉलेजों/संस्थानों में छात्रों की शिकायतों के निवारण के लिए एक लोकपाल नियुक्त करना होगा. अब सामने आया है कि देश के 1,091 विश्वविद्यालयों में से केवल 297 ने ही लोकपाल नियुक्त किए हैं.
केंद्र ने सोमवार देर शाम सुप्रीम कोर्ट में एक नया हलफ़नामा दायर किया है, जिसमें कहा गया कि पिछले हलफ़नामे में एक पैराग्राफ 'अनजाने में छूट गया' था. उक्त पैरा में लिखा था कि 'संविधान के तहत या अन्यथा कोई अन्य निकाय जनगणना या जनगणना के समान कोई कार्रवाई करने का अधिकार नहीं रखता है.'
महाराष्ट्र महिला आयोग की प्रमुख रूपाली चाकणकर ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण लॉकडाउन लागू होने के बाद राज्य में बाल विवाह की मामलों में वृद्धि हुई है. उन्होंने कहा कि ग्रामसभाओं को बाल विवाह पर सख़्ती से अंकुश लगाने के लिए प्रस्ताव पारित करना चाहिए और इसमें शामिल सभी लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जानी चाहिए.
गुड़गांव के सेक्टर 69 की एक चाय की दुकान की दीवार पर ये आपत्तिजनक पोस्टर चिपकाए गए थे, जिनमें मुसलमानों से सोमवार तक जगह छोड़ने वरना परिणाम भुगतने की धमकी दी गई थी. हालांकि दुकान के मालिक ने कबाड़ का काम करने वाले एक व्यक्ति पर इसका संदेह जताया है, जिससे कुछ दिन पहले उनका विवाद हुआ था.
कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों द्वारा लगातार की जा रही आत्महत्या को लेकर राजस्थान के खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि मैं माता-पिता को बताना चाहता हूं कि आप कोचिंग सेंटरों को पैसा देते हैं और वे आपके बच्चों को धमकाते और परेशान करते हैं. कोचिंग वालों को दुर्व्यवहार करने का क्या अधिकार है?