अरबपति मुकेश अंबानी और गौतम अडानी पहली बार किसी परियोजना में साथ आए हैं. इस सौदे से रिलायंस इंडस्ट्रीज़ को अडानी पावर लिमिटेड की सहायक कंपनी महान एनर्जेन लिमिटेड से कैप्टिव यूज़ के लिए 500 मेगावाट बिजली मिलेगी.
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वीडियो: वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के निकट स्थित मां श्रृंगार गौरी मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े विवाद, अदालतों के आदेश और एएसआई सर्वे और इसे लेकर हो रही राजनीतिक पर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
स्मृति शेष: भारतीय कला, संग्रहालयों की मर्मज्ञ इतिहासकार और जेएनयू शिक्षक कविता सिंह रीढ़विहीन होती जा रही भारत की अकादमिक दुनिया में उन बिरले लोगों में से थीं, जिन्होंने अकादमिक स्वायत्तता का पुरज़ोर समर्थन किया. अकादमिक दुर्दशा के हालिया दौर में उनका असमय चले जाना बड़ी क्षति है.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: कई बार लगता है कि साहित्य और समाज, परिवर्तन और व्यक्ति के संबंध में भूमिकाओं को बहुत जल्दी सामान्यीकृत करने के वैचारिक उत्साह में उनकी सूक्ष्मताओं और जटिलताओं को नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है.
नूंह ज़िले की घटना के विरोध में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद जैसे हिंदुत्ववादी संगठनों ने हिसार ज़िले के हांसी शहर में बीते 2 अगस्त को एक रैली निकाली थी, जिसमें मुस्लिम दुकानदारों के बहिष्कार का आह्वान करने के साथ ही समुदाय के लोगों को दो दिनों में शहर छोड़ने की चेतावनी दी गई थी.
बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस रोहित देव ने शुक्रवार को नागपुर कोर्ट रूम में अचानक इस्तीफ़ा देने की घोषणा की. वहां मौजूद एक वकील के अनुसार, उन्होंने कहा कि वे अपने आत्मसम्मान विरुद्ध काम नहीं कर सकते.
मामला सिपाहीजला ज़िले के एक स्कूल का है, जहां कथित तौर पर एक हिंदुत्ववादी संगठन से जुड़े लोगों ने हिजाब पहनकर स्कूल आईं छात्राओं को अंदर प्रवेश करने से रोक दिया था. इसका 10वीं कक्षा के एक अल्पसंख्यक छात्र ने विरोध किया तो उसे स्कूल से बाहर खींचकर पीटा गया.
भारतीय सेना की चिनार कोर ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के कुलगाम ज़िले में हलान में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में तीन सैनिक घायल हुए थे, जिन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज के मार्गदर्शन में जन जागरण शक्ति संगठन द्वारा किए गए सर्वे में सामने आया है कि बिहार के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक नहीं है, शिक्षा की गुणवत्ता ख़राब है, इंफ्रास्ट्रक्चर निराशाजनक है और पाठ्यपुस्तकों व यूनिफॉर्म के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण विफल साबित हुआ है.
वीडियो: नूंह में हुई सांप्रदायिक झड़पें और उसके बाद राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में हुई हिंसा से पहले इसके लिए हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा माहौल तैयार किया गया था, जिसकी पुष्टि कई मीडिया रिपोर्ट्स करती हैं. तमाम वीडियोज़ सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं, जिनसे सवाल उठता है कि अगर सरकार चाहती, तो ऐसा नहीं होता.