लोकसभा चुनाव 2024
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साक्षात्कार: डाॅ. रामबहादुर वर्मा जाने-माने राजनीति विज्ञानी, लेखक व स्तंभकार हैं, जो राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीति के दो टूक विश्लेषण के लिए जाने जाते हैं. 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र उनसे बातचीत.
सार्वजनिक हित और सत्ता में हमेशा तनाव रहता है. बल्कि कई बार सत्ता अपने हित को ही सार्वजनिक हित मानने के लिए बाध्य करती है. जनता को इस द्वंद्व के प्रति सजग रखना ज्ञान के क्षेत्र में काम करने वालों का काम है. उनका सार्वजनिक बोलना या लिखना उनके लिए नहीं जनता के हित के लिए ज़रूरी है.
सितंबर 2022 में उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल ज़िले में भाजपा के दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री के बेटे पर उनके रिसॉर्ट में काम करने वाली 19 वर्षीय अंकिता भंडारी की हत्या का आरोप लगा था. तबसे ही पुष्कर सिंह धामी सरकार पर हत्याकांड को दबाने के आरोप लगते रहे हैं.
मुंबई के कांदिवली स्थित ठाकुर कॉलेज ऑफ साइंस एंड कॉमर्स में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के बेटे ध्रुव गोयल मतदान जागरुकता संबंधित एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंचे थे. छात्रों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए आईडी जब्त कर लीं.
एनसीईआरटी ने महामारी के चलते पढ़ाई का बोझ कम करने का हवाला देते हुए स्कूली पाठ्यक्रम को लगभग 40 प्रतिशत घटा दिया था. शिक्षाविदों का कहना है कि यह पाठ्यक्रम छात्रों को एनईईटी, जेईई और सीयूईटी जैसी प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं के लिए तैयार करने में अपर्याप्त है.
देश की सामाजिक आर्थिक और जातिगत जनगणना की वेबसाइट के दो महीने से बंद होने को लेकर इसके संचालन के लिए ज़िम्मेदार ग्रामीण विकास मंत्रालय ने 'तकनीकी' कारणों का हवाला दिया है.
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में आयोजित एक रैली में कहा कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कभी भी धर्मनिरपेक्षता को स्वीकार नहीं किया. उनकी विचारधारा एडॉल्फ हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के फासीवाद से प्रेरित है.
यह शायद पहली बार था जब कश्मीर के सबसे प्रतिष्ठित उच्च शिक्षण संस्थान में सेना सीधे तौर पर किसी राजनीतिक विषय पर कोई कार्यक्रम प्रायोजित कर रही थी.
वर्ल्ड इनक्वॉलिटी डेटाबेस में बताया गया है कि 1922 में भारत के शीर्ष एक प्रतिशत अमीरों की कुल आय में हिस्सेदारी 13% थी, जो 1940 में बढ़कर 20% हो गई. 2022-23 आते-आते शीर्ष एक प्रतिशत अमीरों के पास भारत की कुल आय का 22.6 प्रतिशत हिस्सा और कुल संपत्ति का 40.01 प्रतिशत हिस्सा है.