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मामला सिपाहीजला ज़िले के एक स्कूल का है, जहां कथित तौर पर एक हिंदुत्ववादी संगठन से जुड़े लोगों ने हिजाब पहनकर स्कूल आईं छात्राओं को अंदर प्रवेश करने से रोक दिया था. इसका 10वीं कक्षा के एक अल्पसंख्यक छात्र ने विरोध किया तो उसे स्कूल से बाहर खींचकर पीटा गया.
भारतीय सेना की चिनार कोर ने बताया कि दक्षिण कश्मीर के कुलगाम ज़िले में हलान में सुरक्षा बलों के ऑपरेशन में आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में तीन सैनिक घायल हुए थे, जिन्होंने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया.
अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज के मार्गदर्शन में जन जागरण शक्ति संगठन द्वारा किए गए सर्वे में सामने आया है कि बिहार के सरकारी प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक नहीं है, शिक्षा की गुणवत्ता ख़राब है, इंफ्रास्ट्रक्चर निराशाजनक है और पाठ्यपुस्तकों व यूनिफॉर्म के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण विफल साबित हुआ है.
वीडियो: नूंह में हुई सांप्रदायिक झड़पें और उसके बाद राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में हुई हिंसा से पहले इसके लिए हिंदुत्ववादी संगठनों द्वारा माहौल तैयार किया गया था, जिसकी पुष्टि कई मीडिया रिपोर्ट्स करती हैं. तमाम वीडियोज़ सार्वजनिक तौर पर उपलब्ध हैं, जिनसे सवाल उठता है कि अगर सरकार चाहती, तो ऐसा नहीं होता.
हरियाणा के नूंह में इस हफ्ते हुई हिंसा के बाद शुक्रवार को ज़िला प्रशासन द्वारा मकान और संपत्तियां तोड़ने की कार्रवाई शुरू की गई है. एक तरफ कुछ अधिकारी तोड़फोड़ का हिंसा से कोई लेना-देना न होने की बात कह रहे हैं, तो दूसरी ओर कुछ अधिकारियों का दावा है कि कुछ संपत्तियों के मालिक हिंसा में शामिल थे.
वीडियो: महाराष्ट्र में एक चलती ट्रेन में आरपीएफ कॉन्स्टेबल द्वारा अपने वरिष्ठ अधिकारी और तीन मुस्लिमों की हत्या करने और बीते दिनों हरियाणा के नूंह में हुई सांप्रदायिक झड़पों की वजह एक ही है? इस बारे में चर्चा कर रहे हैं द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और डीयू के प्रोफेसर अपूर्वानंद.
पुस्तक समीक्षा: राजनीति से क्रूर और असभ्य होते लोग हर समय अपने देश के हिटलरों के साथ खड़े रहते हैं, इसलिए आज भी हिटलर अपना काम किए जा रहा है. अपने अंदर छिपी इस हिटलरी क्रूरता को पहचानने और रोकने के लिए भी गरिमा श्रीवास्तव की 'आउशवित्ज़: एक प्रेम कथा' को पढ़ा जाना ज़रूरी है.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरनेम मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की दोषसिद्धि और दो साल की सज़ा पर रोक लगाते हुए कहा कि ट्रायल कोर्ट ने अपराध के तहत अधिकतम सज़ा देने के लिए विशेष कारण नहीं बताए हैं.