लोकसभा चुनाव 2024
→लोकप्रिय
वीडियो
→भारत
→सभी ख़बरें
अनंतनाग जिले में 17 अप्रैल शाम को अज्ञात लोगों ने बिहार निवासी एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी. एक सप्ताह में दक्षिण कश्मीर में नागरिकों पर यह दूसरा लक्षित हमला है और इस साल घाटी में ऐसी तीसरी घटना है.
23 बरस पहले उत्तराखंड जिस मकसद के लिए बनाया गया, उसे लेकर आज लगता है कि लोगों की आकांक्षाओं को अनदेखा किया गया और बुनियादी मुद्दों से भटकाने के लिए धार्मिक ध्रुवीकरण की ओर धकेल दिया गया.
वीडियो: मणिपुर में मई 2023 में एक रैली निकलने के बाद भड़की हिंसा अब तक पूरी तरह से शांत नहीं हुई है. हज़ारों लोग विस्थापित हुए हैं और शिविरों में रह रहे हैं. ऐसे में क्या यहां के आम लोग लोकसभा चुनाव के लिया तैयार भी हैं? इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
वीडियो: डिजिटल अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्थाओं- एक्सेस नाउ और ग्लोबल विटनेस ने हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा कि यूट्यूब ने अपने मंच पर ऐसे विज्ञापनों को मंज़ूरी दी, जिनमें गलत सूचनाएं दी गई थीं. इस बारे में एक्सेस नाउ के रमनजीत सिंह चीमा और ग्लोबल विटनेस के हेनरी पेक से बातचीत.
वीडियो: महाराष्ट्र में विदर्भ के सोनेगांव के किसानों ने का कहना है कि मोदी सरकार की कृषि नीतियां उनकी समस्याओं का समाधान नहीं कर सकी हैं. उन्हें ऋण माफी और कपास का भाव नहीं मिल रहा है. किसान कपास के उचित मूल्य की मांग लगातार कर रहे है, लेकिन उनकी यह मांग पूरी नहीं हो रही है.
वीडियो: हिमंता बिस्वा शर्मा की अगुवाई वाली असम की भाजपा सरकार पर लगातार सांप्रदायिकता बढ़ाने के आरोप लगते रहे हैं और लोकसभा चुनाव से पहले उनके विभिन्न बयान इसकी तस्दीक करते हैं. उधर, स्थानीय लोग सीएए के नियम अधिसूचित होने के बाद से नाराज़ है और इसके विरोध में सड़कों पर उतरे हैं. वहां चुनाव में कौन-से मुद्दे प्रभावी रहेंगे, इस बारे में द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से बात कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
प्रधानमंत्रियों के निर्वाचन क्षेत्र के निवासी वीआईपी सीट के गुमान में भले जीते रहें, लेकिन इससे उनकी सामाजिक-राजनीतिक चेतना पर कोई फ़र्क पड़ता दिखाई नहीं देता. और न प्रधानमंत्री की उपस्थिति ऐसे क्षेत्रों की समस्याओं को सुलझा पाती है.
चुनाव के पहले महीने में आदर्श आचार संहिता लागू करने पर अपना रिपोर्ट कार्ड सार्वजनिक करते हुए निर्वाचन आयोग ने कहा कि वह सीबीआई, ईडी और एनआईए जैसी केंद्रीय एजेंसियों के कथित दुरुपयोग पर कार्रवाई की विपक्षी दलों की याचिका पर कोई क़दम नहीं लेगा क्योंकि वह क़ानूनी प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहता.