लोकसभा चुनाव 2024
→लोकप्रिय
वीडियो
→भारत
→सभी ख़बरें
साल 2005 में समाजवादी पार्टी के नेता आज़म खान द्वारा संचालित एक ट्रस्ट को संस्थान के लिए दी गई जमीन के संबंध में कुछ शर्तों के उल्लंघन के कारण उत्तर प्रदेश सरकार ने कार्रवाई शुरू की थी. जनवरी 2021 में विश्वविद्यालय को दी गई 12.5 एकड़ से अधिक की ज़मीन वापस लेने का आदेश पारित किया था.
एल्गार परिषद मामले में आरोपी बनाए गए सामाजिक कार्यकर्ता और शिक्षाविद डॉ. आनंद तेलतुम्बड़े ने अप्रैल 2020 में अदालत के आदेश के बाद एनआईए के समक्ष आत्मसमर्पण किया था. दो साल बाद भी उनके ख़िलाफ़ लगाए गए आरोप साबित होने बाक़ी हैं. उनकी पत्नी रमा तेलतुम्बड़े ने इन दो सालों का अनुभव साझा किया है.
कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी धर्मगुरु यति नरसिंहानंद के एक संगठन ने हिमाचल प्रदेश के ऊना में तीन दिवसीय धर्म संसद का आयोजन किया है. कार्यक्रम में नरसिंहानंद ने दावा किया कि मुस्लिम योजनाबद्ध तरीके से कई बच्चों को जन्म देकर अपनी आबादी बढ़ा रहे हैं. यति सत्यदेवानंद सरस्वती ने कहा कि जब मुसलमान बहुसंख्यक होंगे तो भारत पड़ोसी देश पाकिस्तान जैसा इस्लामिक देश बन जाएगा.
पुलिस ने बताया कि शहर में सांप्रदायिक हिंसा के अगले दिन 11 अप्रैल को एक अज्ञात शव मिला था. खरगोन में फ्रीज़र की सुविधा उपलब्ध न होने के चलते शव को पोस्टमार्टम के बाद इंदौर के अस्पताल में रखा गया था. वहीं, मृतक इब्रेश ख़ान के परिवार का आरोप है कि 12 अप्रैल को कुछ लोगों ने उसे पुलिस की हिरासत में देखा था.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्विटर पर ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ अख़बार की एक रिपोर्ट साझा किया है, जिसमें दावा किया गया है कि भारत दुनियाभर में कोविड-19 से हुई मौत के आंकड़े सार्वजनिक करने के विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रयासों में बाधा डाल रहा है. गांधी ने कहा है कि मोदी जी न सच बोलते हैं, न बोलने देते हैं. वो तो अब भी झूठ बोलते हैं कि ऑक्सीजन की कमी से कोई नहीं मरा!
पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी ज़िले के तिकुनिया गांव में किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हो गई थी. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा को नौ अक्टूबर 2021 को गिरफ़्तार किया गया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते 10 फरवरी को उन्हें ज़मानत दे दी थी.
भारत में मानवाधिकारों की स्थिति पर अमेरिकी विदेश विभाग की 'कंट्री रिपोर्ट्स ऑन ह्यूमन राइट्स' रिपोर्ट में कहा गया कि भारत में ऐसे भी मामले देखे गए हैं, जहां विशेष रूप से पत्रकारों को उनके पेशेवर काम के लिए निशाना बनाया गया या उनका क़त्ल कर दिया गया.
पुलिस ने दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में बीते 16 अप्रैल को हुई सांप्रदायिक हिंसा मामले का मुख्य आरोपी मोहम्मद असलम को भी बनाया है. आरोप है कि उसके द्वारा चलाई गई गोली से एक पुलिस उप-निरीक्षक घायल हो गए थे. पुलिस का दावा है कि वह 22 वर्ष का है, लेकिन द वायर को उसके परिवार द्वारा उपलब्ध कराए दस्तावेज़ उसकी उम्र 16 वर्ष बताते हैं. परिवार का दावा है कि हिंसा के वक़्त वह घर पर था.
कश्मीर विश्वविद्यालय के पीएचडी छात्र अब्दुल आला फ़ाज़िली ने क़रीब 11 वर्ष पहले 6 नवंबर 2021 को ऑनलाइन पत्रिका ‘द कश्मीर वाला’ में एक लेख लिखा था. पुलिस का कहना है कि वह लेख अत्यधिक भड़काऊ था और जम्मू कश्मीर में अशांति खड़ा करने के इरादे से लिखा गया था. इसका मक़सद आतंकवाद का महिमामंडन करके युवाओं को हिंसा का रास्ता अपनाने के लिए प्रेरित करना था.