तमिलनाडु में विरोध हिंदी का नहीं ‘एक देश, एक संस्कृति’ थोपने का है

हिंदी थोपने की कोशिशों को ख़ारिज करना उत्तर की सांस्कृतिक प्रभुता को ख़ारिज करना भी है और अंग्रेज़ी के सहारे आर्थिक गतिशीलता की ख़्वाहिश का इज़हार भी है.

‘बोलियों को आठवीं अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग बिल्कुल जायज़ है’

भोजपुरी और हिंदी के प्रमुख भाषा वैज्ञानिक एवं आलोचक डॉ राजेंद्र प्रसाद सिंह बता रहे हैं कि क्यों बोलियों को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना चाहिए.

वीडियो: हिंदी मीडियम का होने की मुश्किलें

दिल्ली की आधिकारिक भाषा अंग्रेज़ी, हिंदी, पंजाबी और उर्दू हैं पर दिल्ली के कई उच्च शिक्षण संस्थानों के पाठ्यक्रम सिर्फ अंग्रेज़ी में हैं और इम्तिहान भी अंग्रेज़ी में ही देना होता है. दिल्ली विश्वविद्यालय और आंबेडकर विश्वविद्यालय के विद्यार्थी बता रहे हैं कि उन्हें अंग्रेज़ी में हो रही इस पढ़ाई से किस तरह की मुश्किलें आ रही हैं.