कांग्रेस रोज़गार देने में अच्छी नहीं थी, लेकिन मोदी सरकार में हालात और बदतर हो गए: अमर्त्य सेन

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से पिछड़े तबके को आरक्षण देना अव्यवस्थित सोच है. आरक्षण को असमानता के कारण लागू किया गया था और यह कभी भी आय का प्रश्न नहीं था.

सरकार के उच्च विभागों में निर्धारित सीमा से काफी कम है आरक्षित वर्ग का प्रतिनिधित्व

आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में ओबीसी आरक्षण के तहत नियुक्त होने वाले प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर की संख्या शून्य, सहायक प्रोफेसर के स्तर पर ओबीसी वर्ग का प्रतिनिधित्व लगभग आधा.

10 फीसदी आरक्षण: तेजी से घट रही है सरकारी विभाग, बैंकों में नौकरियां

कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने पिछले तीन वर्षों में मुख्य एजेंसियों द्वारा भर्ती के आंकड़े इकट्ठा किए हैं जिससे ये पता चलता है कि साल 2015 में कुल 1,13,524 कैंडिडेट का चयन और नियुक्ति हुआ था. जबकि 2017 में ये आंकड़ा गिरकर 1,00,933 पर आ गया.

सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण लागू करने वाला पहला राज्य बना गुजरात

गुजरात सरकार ने एक विज्ञप्ति में कहा, ‘14 जनवरी को उत्तरायण शुरू होने के साथ सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रवेश और सरकारी नौकरियों में 10 फीसदी आरक्षण मिलेगा.’

सामान्य वर्ग को आरक्षण एक अव्यवस्थित सोच, गंभीर प्रभाव पड़ सकते हैं: अमर्त्य सेन

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि भाजपा समाज को बांटने वाली नीतियों को आगे बढ़ाने का काम कर रही है. उन्होंने नागरिकता बिल को भेदभावपूर्ण बताया है.

सामान्य वर्ग को आरक्षण वाला विधेयक लोकसभा के बाद राज्यसभा से भी पारित

अब आर्थिक रूप से कमजोर श्रेणी में आने वाले सामान्य वर्ग के लोगों के लिए नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान होगा. विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया कि चुनावी फायदे के लिए सरकार अंतिम समय में आनन-फानन में ये विधेयक पास करा रही है.

अपूर्वानंद की मास्टरक्लास: आरक्षण की हत्या के लिए आरक्षण का हथियार

केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक रूप से पिछड़े सामान्य वर्ग को 10% आरक्षण देने पर दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर सतीश देशपांडे से चर्चा कर रहे हैं अपूर्वानंद.

‘आरक्षण गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम नहीं, नया विधेयक संविधान का उल्लंघन है’

भारत सरकार के पूर्व सचिव पीएस कृष्णन ने कहा कि आर्थिक रूप से पिछड़ी उच्च जातियों को आरक्षण की नहीं, बल्कि स्कॉलरशिप, शिक्षा के लिए लोन, कौशल विकास सहायता और अन्य कल्याणकारी योजनाओं की आवश्यकता है.

पदो​न्नति में आरक्षण: सुप्रीम कोर्ट ने पूछा, क्या आईएएस के ​परिजनों को भी माना जाएगा पिछड़ा?

सरकारी नौकरियों में पदोन्नति में आरक्षण देने संबंधित मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘कोई ‘एक्स’ व्यक्ति आरक्षण की मदद से किसी राज्य का मुख्य सचिव बन जाता है. अब, क्या उसके परिवार के सदस्यों को पदोन्नति में आरक्षण के लिए पिछड़ा मानना तर्कपूर्ण होगा.’

एससी/एसटी वर्ग को क्रीमी लेयर लगाकर पदोन्नति में आरक्षण से वंचित नहीं किया जा सकता: केंद्र

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि एससी/एसटी वर्ग के लोग सदियों तक मुख्यधारा से बाहर रखे गए, जाति का दंश एवं ठप्पा अब भी उनके साथ जुड़ा हुआ है. क्रीमी लेयर सिर्फ़ ओबीसी के तहत आरक्षण लाभ प्राप्त करने से समृद्ध लोगों को बाहर रखने के लिए लाया गया था.