आपातकाल: नसबंदी से मौत की ख़बरें न छापी जाएं

आपातकाल के 44 साल बाद इन सेंसर-आदेशों को पढ़ने पर उस डरावने माहौल का अंदाज़ा लगता है जिसमें पत्रकारों को काम करना पड़ा था, अख़बारों पर कैसा अंकुश था और कैसी-कैसी ख़बरें रोकी जाती थीं.

द वायर बुलेटिन: भाजपा कार्यकर्ताओं ने विद्यासागर की प्रतिमा तोड़ी: विद्यासागर कॉलेज के प्रिंसिपल

चुनावी सर्वेक्षण प्रकाशित करने वाले तीन मीडिया संगठनों को चुनाव आयोग द्वारा कारण बताओ नोटिस भेजने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरें.

द वायर बुलेटिन: सेना ने सरकार को लिखा- घटिया गुणवत्ता वाले गोला-बारूद मिलने के कारण बढ़ रही हैं दुर्घटनाएं

श्रीलंका में मुस्लिम विरोधी दंगों में एक व्यक्ति की मौत, उत्तर पश्चिम प्रांत में कर्फ्यू लगने समेत दिनभर की महत्वपूर्ण ख़बरों का अपडेट

मानहानि क़ानून का इस्तेमाल प्रेस को चुप कराने के लिए नहीं किया जा सकता: दिल्ली हाईकोर्ट

केंद्र सरकार की उपक्रम एक कंपनी द्वारा उन पर किए स्टिंग ऑपरेशन के लिए एक समाचार चैनल पर मानहानि का मुकदमा किया गया था. इसे ख़ारिज करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि स्टिंग ऑपरेशन समाज का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं क्योंकि वे ग़लत कामों के खुलासे में मदद करते हैं.

भीड़ के डर से बोलने की आज़ादी पर प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता: सुप्रीम कोर्ट

अनिक दत्ता के निर्देशन में बनी बंगाली भाषा की फिल्म ‘भोबिष्योतेर भूत’ पर पश्चिम बंगाल में अनाधिकृत प्रतिबंध लगा दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल सरकार से फिल्म के निर्माता को 20 लाख रुपये का मुआवज़ा देने का आदेश देते हुए ये टिप्पणी की.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: मणिपुर सरकार की आलोचना के चलते गिरफ़्तार पत्रकार गंभीर रूप से बीमार

पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह की आलोचना के आरोप में रासुका के तहत एक साल की क़ैद की सज़ा सुनाई गई है. वे दिसंबर 2018 से जेल में हैं.

सरकार की आलोचना करने पर अभिनेता अमोल पालेकर को बोलने से रोका गया

मुंबई के नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट में हुए एक कार्यक्रम में फिल्मकार और अभिनेता अमोल पालेकर ने संस्कृति मंत्रालय की आलोचना की थी. पालेकर ने कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी दिन-ब-दिन कम होती जा रही है.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: ‘पत्रकारों पर रासुका लगाने के पीछे सरकार का उद्देश्य बाकी पत्रकारों को डराना है’

बीते नवंबर में मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ़्तार कर एक साल के लिए जेल में डाल दिया गया. उन पर सोशल मीडिया पर राज्य की भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह की आलोचना करने का आरोप है. किशोरचंद्र की पत्नी रंजीता एलांगबम और उनके वकील श्रीजी भावसार से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

देश में संविधान लागू है और क़ानून अपना काम कर रहा है

रोजगार नहीं है. उत्पादन घट गया है. किसान को न्यूनतम समर्थन मूल्य भी नसीब नहीं हो रहा है. हेल्थ सर्विस चौपट हो चली है. शिक्षा-व्यवस्था डांवाडोल है. मुस्लिम ख़ामोश हो गया है. दलित चुपचाप है लेकिन आवाज़ नहीं उठनी चाहिए क्योंकि देश में क़ानून अपना काम कर रहा है.

मीडिया बोल, एपिसोड 62: मीडिया की आज़ादी सत्ता को क्यों मंज़ूर नहीं है?

मीडिया बोल की 62वीं कड़ी में उर्मिलेश मीडिया की आज़ादी पर पूर्व पत्रकार व आप नेता आशुतोष और वरिष्ठ पत्रकार नीरेंद्र नागर से चर्चा कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘आपातकाल’ इतना प्रिय क्यों है?

राजनीतिक विमर्श में आपातकाल नरेंद्र मोदी का प्रिय विषय रहता है. यह और बात है कि मोदी आपातकाल के दौरान एक दिन के लिए भी जेल तो दूर, पुलिस थाने तक भी नहीं ले जाए गए थे. भूमिगत रहकर उन्होंने आपातकाल विरोधी संघर्ष में कोई हिस्सेदारी की हो, इसकी भी कोई प्रमाणिक जानकारी नहीं मिलती.

क्या आपातकाल को दोहराने का ख़तरा अब भी बना हुआ है?

आपातकाल कोई आकस्मिक घटना नहीं बल्कि सत्ता के अतिकेंद्रीकरण, निरंकुशता, व्यक्ति-पूजा और चाटुकारिता की निरंतर बढ़ती गई प्रवृत्ति का ही परिणाम थी. आज फिर वैसा ही नज़ारा दिख रहा है. सारे अहम फ़ैसले संसदीय दल तो क्या, केंद्रीय मंत्रिपरिषद की भी आम राय से नहीं किए जाते, सिर्फ़ और सिर्फ़ प्रधानमंत्री कार्यालय और प्रधानमंत्री की चलती है.

जम्मू कश्मीर: शुजात बुख़ारी की हत्या के विरोध में अख़बारों ने ख़ाली छोड़े संपादकीय

कश्मीर एडिटर्स गिल्ड के सदस्य ने कहा, संपादकीय लिखने वाले हाथ हमसे छीन लिए गए हैं. ऐसा लग रहा है मानो हमारी स्याही सूख गयी है, इसलिए यह ज़रूरी है कि हम अपना विरोध दर्ज करवाएं.

भारत में सरकार की आलोचना करने वाले मीडिया संस्थानों को परेशान किया गया: अमेरिकी विदेश मंत्रालय

अमेरिकी विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में प्रेस की स्वतंत्रता को दबाने की ऐसी कोशिश हाल के वर्षों में पहले अनुभव नहीं की गई.

केंद्र सांप्रदायिकता रोकने में नाकाम, देश का धर्मनिरपेक्ष तानाबाना तबाह हो जाएगा: अब्दुल्ला

भाजपा बोली- जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग, इसे नहीं मानने वालों को पाकिस्तान में शरण लेनी होगी.