यह वह अयोध्या नहीं है जिसको सार्वजनिक कल्पना में विहिप और भाजपा या दिल्ली के तथाकथित लिबरल्स व मार्क्सवादी बुद्धिजीवियों ने स्थापित किया है. यह एक सामान्य शहर है.
देश के वामपंथी और समाजवादी बौद्धिकों ने धर्मनिरपेक्षता की रक्षा का पूरा दारोमदार मंडलवादी और आंबेडकरवादी आंदोलनों पर डाल दिया लेकिन इन आंदोलनों ने देश को इतने भ्रष्ट नेता दिए कि उनके पास धर्मनिरपेक्षता की रक्षा का नैतिक बल ही नहीं बचा.
26 साल पहले आज ही के दिन स्वयं को रामभक्तों की सेना कहने वालों ने एक ऐसा जघन्य कृत्य किया था जिसके कारण पूरी दुनिया के सामने हिंदू धर्म का सिर हमेशा के लिए कुछ नीचे हो गया.
राम मंदिर था या नहीं, ये बहस अनंत काल तक चलाई जा सकती है, लेकिन मुद्दा इतिहास का नहीं बल्कि धर्म के नाम पर बरगलाने का है.
राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद सबसे पहले वर्ष 1949 में अदालत की चौखट पर पहुंचा था.
मेयरों के चुनाव में भाजपा की सफलता को मोदी-योगी के चमत्कारों से जोड़ने वालों को यह भी बताना चाहिए कि किसके चमत्कार से पार्टी निर्दलीयों से भी पीछे रही?
फैज़ाबाद, आम्बेडकर नगर, बस्ती, गोंडा, बलरामपुर, बहराइच और सुल्तानपुर ज़िले की 33 नगर पालिका सीटों में से भाजपा को महज़ छह सीटों पर सफलता मिली.
बसपा प्रमुख ने कार्यकर्ताओं को चेताया, लोकसभा चुनाव समय से पहले होने की संभावना, अपनी कमियों पर पर्दा डालने के लिए भाजपा हिंदुत्व को बना सकती है मुद्दा.
अपने जन्मदिन पर बोले मुलायम, मुख्यमंत्री रहते देश की एकता के लिए कारसेवकों पर गोलियां चलवाईं, 28 लोग मारे गए. अगर और मारने होते तो हमारे सुरक्षाबल और मारते.
बोर्ड के समझौता प्रस्ताव में कहा गया है कि हिंदू समाज की आस्था का सम्मान करते हुए शिया वक़्फ़ बोर्ड विवादित स्थल से अपना अधिकार ख़त्म करने को तैयार है.
शिया वक़्फ़ बोर्ड और अखाड़ा परिषद की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोर्ड ने कहा, हमें मालूम ही नहीं था कि अदालत में हमारे नाम से भी कोई वकील खड़ा है.
माहौल का असर है या कुछ और कि श्री श्री रविशंकर को अयोध्या में कोई भी गंभीरता से नहीें ले रहा. लेकिन श्री श्री का सौभाग्य कि वे मीडिया की भरपूर सुर्ख़ियां बटोर रहे हैं.
समाजवाद में मुज़फ़्फ़रनगर दंगों में घरों से भगा दिए गए परिवारों के बच्चे कैंपों में ठंड से मर रहे थे वहीं रामराज में बच्चे अस्पताल में मर रहे हैं.
बसपा प्रमुख का आरोप, भाजपा ने राजनीतिक स्वार्थ में संवैधानिक संस्थाओं और लोकतंत्र को कमज़ोर किया, तानाशाही और मनमानी चल रही है.
मीडिया बोल की 20वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश वर्ल्ड हंगर इंडैक्स में भारत की स्थिति और अयोध्या में राम की प्रतिमा के मीडिया कवरेज पर चर्चा कर रहे हैं.