जन की बात: बाबरी मस्जिद विवाद और हैप्पीनेस इंडेक्स में भारत, एपिसोड 21

जन की बात की 21वीं कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद को दोनों पक्षों के आपस में सुलझा लेने पर की गई सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी और हैपीनेस इंडेक्स में भारत की स्थिति पर चर्चा कर रहे हैं.

‘अयोध्या में मंदिर-मस्जिद से बड़ी बात आपस में अमन-चैन है’

हाशिम अंसारी राम जन्मभूमि विवाद से जुड़े सबसे पुराने पक्षकार थे. पिछले साल जुलाई में उनका देहांत हो गया. अपनी मौत के तीन महीने पहले इस पत्रकार से उन्होंने कहा था, ‘अयोध्या में रहने वाले लोग इस मसले से ऊब चुके हैं और इसका समाधान चाहते हैं लेकिन कुछ बड़े लोगों का इसमें राजनीतिक स्वार्थ है जो नहीं चाहते हैं कि मामला हल हो.’

बातचीत से सुलझाएं राम मंदिर और बाबरी मस्जिद विवाद: सुप्रीम कोर्ट

भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा इस मामले पर जल्दी फैसला देने की मांग के जवाब में सुप्रीम कोर्ट ने इसे अदालत से बाहर सुलझाने की सलाह दी है.

‘राम मंदिर से पहले अयोध्या का विकास करना हमारा लक्ष्य’

साक्षात्कार: उत्तर प्रदेश में भाजपा को भारी बहुमत मिला है. केंद्र और राज्य में अब भाजपा की सरकार है. अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण भाजपा का बुनियादी मुद्दा रहा है. अयोध्या से पांच बार विधायक रहे और अभी फैजाबाद के सांसद लल्लू सिंह से राम मंदिर समेत तमाम दूसरे मुद्दों पर बातचीत.

अयोध्या से ‘राम’ और ‘बाबरी’ को हटा दें तो उसके पास क्या बचता है?

अयोध्या से बाहर इसकी पहचान राम जन्मभूमि और बाबरी मस्ज़िद विवाद से ही होती है. लेकिन अयोध्या के पास इन दोनों के इतर और भी बहुत कुछ है कहने को.

राजनीति को अपराध-मुक्त करने का ज्ञान देने से पहले भाजपा को अपने गिरेबान में झांकना चाहिए!

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों में 35-40 फीसदी प्रत्याशियों का अापराधिक रिकॉर्ड है. कई अपराधों को वैचारिक वैधता भी मिल चुकी है क्योंकि इसके दोषियों को सज़ा के बजाय कोई बड़ी ज़िम्मेदारी या पद दे दिया जाता है. भाजपा के उत्तर प्रदेश अध्यक्ष इसका सटीक उदाहरण हैं.

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