‘एक्ट ऑफ गॉड’ का दावा कर वित्त मंत्री ने कहा, इस वित्त वर्ष अर्थव्यवस्था में हो सकता है संकुचन

जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि वित्त वर्ष 2020-21 में जीएसटी संग्रह में 2.35 लाख करोड़ रुपये की कमी आई है. उन्होंने इसकी भरपाई के लिए राज्यों को दो विकल्प सुझाए हैं.

महामारी से वैश्विक पर्यटन को पांच माह में 320 अरब डॉलर का नुकसान: संयुक्त राष्ट्र प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने कहा है कि पर्यटन वैश्विक अर्थव्यवस्था का ईंधन है. महामारी की वजह से इस क्षेत्र की आय बुरी तरह प्रभावित हुई है. पर्यटन उद्योग में 12 करोड़ नौकरियां ख़तरे में हैं.

कोविड-19 सदी में एक बार आने वाले संकट जैसा, 2020-21 में जीडीपी में आएगी गिरावट: बिड़ला

शेयरधारकों को लिखे पत्र में भारतीय उद्योगपति कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि भारत में कोविड-19 ऐसे समय आया है, जबकि वैश्विक अनिश्चितता तथा घरेलू वित्तीय प्रणाली पर दबाव की वजह से आर्थिक परिस्थितियां पहले से सुस्त थीं.

क्या राम मंदिर की आड़ में अपनी विफलताएं छिपा रही है मोदी सरकार

यह मानने के पर्याप्त आधार हैं कि राम मंदिर के भूमि पूजन के लिए चुना गया यह समय एक छोटी रेखा के बगल में बड़ी रेखा खींचने की क़वायद है, ताकि नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार की बढ़ती असफलताएं जैसे- कोविड कुप्रबंधन, बदहाल होती अर्थव्यवस्था और गलवान घाटी प्रसंग- इस परदे के पीछे चले जाएं.

केंद्र सरकार राज्यों को जीएसटी बकाये का भुगतान करने में सक्षम नहीं है: केंद्रीय वित्त सचिव

राज्यों को किए जाने वाले मुआवज़े के भुगतान के फॉर्मूला पर दोबारा काम करने के लिए जुलाई में जीएसटी परिषद की बैठक होने वाली थी. हालांकि, अब तक यह बैठक नहीं हो सकी है.

कैफ़े कॉफ़ी डे ने अप्रैल से जून के बीच 280 रेस्तरां बंद किए

कैफ़े कॉफ़ी डे ने एक बयान में कहा कि कम मार्जिन की वजह से निर्यात कारोबार फिलहाल ठप पड़ा है. पूंजी की ज़रूरतों, मुनाफ़े, भविष्य के ख़र्चे इत्यादि को देखते हुए कंपनी ने अपने क़रीब 280 रेस्तरां बंद कर दिए हैं.

राज्यों का सकल घरेलू उत्पाद 2020-21 के दौरान 1.4 से 14.3 प्रतिशत तक घटने का अनुमान: रिपोर्ट

इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च द्वारा जारी रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्नाटक, झारखंड, तमिलनाडु, केरल और ओडिशा राज्यों के सकल घरेलू उत्पाद पर लॉकडाउन का सबसे गहरा असर दिख सकता है. वहीं, मध्य प्रदेश, पंजाब, बिहार, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश में इसका असर सबसे कम रह सकता है.

ट्रेड यूनियनों ने सरकार से एमएसएमई क्षेत्र को संकट से उबारने के लिए सहायता देने की मांग की

राष्ट्रीय कार्मिक प्रबंधन संस्थान द्वारा आयोजित वेब बैठक में विभिन्न ट्रेड यूनियनों के नेताओं ने कहा कि सरकार, कंपनियों के प्रबंधन, श्रमबल को मिलकर समन्वित तरीके से काम करना होगा तभी अर्थव्यवस्था को संकट से बाहर निकाला जा सकेगा और वृद्धि को प्रोत्साहन दिया जा सकेगा.

कोविड-19 से एमएसएमई क्षेत्र को लगा झटका, कई ने अस्थायी रूप से बंद किया कारोबार: सर्वे

500 भारतीय एमएसएमई इकाइयों से बातचीत पर आधारित एक सर्वेक्षण में कहा गया है कि मुख्य रूप से महानगरों तथा खुदरा और विनिर्माण क्षेत्र के एमएसएमई का कारोबार कोविड-19 संकट की वजह से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है.

लॉकडाउन पाबंदियों में ढील के बावजूद मॉल्स का कारोबार 77 प्रतिशत गिरा: रिपोर्ट

रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कोरोना संक्रमण के तहत लगे लॉकडाउन में ढील दिए जाने के बावजूद बाज़ार की छोटी-बड़ी दुकानों के कारोबार में अभी सुधार नहीं हुआ है. साथ ही उपभोक्ताओं ने भी यह माना है कि उनके ख़र्च में पहले की तुलना में कमी ही रहेगी.

भारतीय अर्थव्यवस्था में 2020-21 में चार प्रतिशत गिरावट का अनुमान: एडीबी

एशियाई विकास बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्त वर्ष 2019-20 की अंतिम तिमाही में धीमी पड़कर 3.1 प्रतिशत रही. यह 2003 के बाद सबसे धीमी वृद्धि है.

कोविड-19 संकट के चलते दुनिया में एक अरब से अधिक लोग अत्यंत ग़रीब हो सकते हैं: रिपोर्ट

किंग्स कॉलेज लंदन और ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के शोधार्थियों के एक अध्ययन में कहा गया है कि मध्यम आय वर्ग वाले विकासशील देशों में ग़रीबी बढ़ेगी जो वैश्विक स्तर पर ग़रीबी को बढ़ाएगा. दक्षिण एशिया का इलाका ग़रीबी की मार झेलने वाला दुनिया का सबसे बड़ा क्षेत्र होगा.

श्रम क़ानूनों में ढील देने से बाल मज़दूरी बढ़ेगी: गैर सरकारी संगठन

ग़ैर-सरकारी संगठनों के गठबंधन ने लॉकडाउन में श्रम क़ानूनों में ढील देने से महिला श्रमिकों पर दुष्प्रभाव पड़ने की भी आशंका जताई है और सरकार से विधेयक की समीक्षा करने की अपील की है. वहीं, संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि लाखों बच्चों को बाल श्रम में धकेले जाने की आशंका है. ऐसा होता है तो 20 साल में पहली बार बाल श्रमिकों की संख्या में इज़ाफ़ा होगा.

इस साल मई में खाद्य महंगाई दर बढ़कर 9.28 फीसदी हुई: सरकारी आंकड़े

केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के बाद लागू लॉकडाउन के दौरान लगातार दूसरे महीने खुदरा मुद्रास्फीति के आंशिक आंकड़े जारी किए. मई 2019 में खाद्य महंगाई दर 1.83 फीसदी थी.

लॉकडाउन के बाद अर्थव्यवस्था में सुधार के नरेंद्र मोदी के दावे में दम नहीं है

अगले छह महीनों में विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में भारतीय अर्थव्यवस्था में अधिक तेज़ी से होने वाले जिस सुधार को लेकर प्रधानमंत्री इतने आश्वस्त हैं, वह भारी-भरकम सरकारी ख़र्च के बिना असंभव लगता है. अर्थव्यवस्था को इतना नुकसान पहुंचाया जा चुका है कि सुधार की कोई कार्य योजना पेश करने से पहले गंभीरता से इसका अध्ययन करना ज़रूरी है.

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