सांसों की तरह अर्थव्यवस्था भी ऊपर-नीचे होती रहती हैः उमा भारती

देहरादून में आयोजित एक कार्यक्रम में भाजपा की वरिष्ठ नेता उमा भारती ने कहा कि जहां तक मंदी के दौर की बात है, ये सांसों के आरोह और अवरोह की तरह होता है. सांस नीचे-ऊपर होती है लेकिन शरीर पूरा चल रहा होता है.

आर्थिक मंदी के लिए सुप्रीम कोर्ट ज़िम्मेदार: हरीश साल्वे

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे ने एक हालिया साक्षात्कार में कहा कि 2जी घोटाले, कोल ब्लॉक आवंटन और वोडाफोन मामले में दिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने विदेशी निवेशकों को डरा दिया है.

कपड़ा उद्योग में हो रही छंटनी की वजह क्या है?

वीडियो: अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में आई मंदी के बीच रोज़गार को लेकर सवाल उठ रहे हैं. हरियाणा के उद्योग विहार फेज़-1 के कपड़ा उद्योग में काम करने वाले मज़दूरों का कहना है कि मांग और निर्माण में आई कमी के चलते उनकी नौकरियां गई हैं.

अर्थव्यवस्था को ठीक करने के लिए दुष्प्रचार नहीं, ठोस नीति की ज़रूरत: राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इस समय दुष्प्रचार, मनगढ़ंत ख़बरों और युवाओं के बारे में मूर्खतापूर्ण बातें करने की ज़रूरत नहीं है, बल्कि भारत को एक ठोस नीति की ज़रूरत है ताकि अर्थव्यवस्था की स्थिति को ठीक किया जा सके.

मनमोहन सिंह ने कहा, लंबे समय तक आजादी का छिन जाना कोई छोटी-मोटी कीमत नहीं होती

जयपुर में एक निजी विश्वविद्यालय में कार्यक्रम के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने कहा कि भारत को पांच हजार अरब डालर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए हमें एक अच्छी तरह से सोची समझी रणनीति की जरूरत है.

मीडिया बोल: मंदी के दौर में सत्ता का मोदी मंत्र कब तक?

वीडियो: मीडिया बोल के इस अंक में भारतीय अर्थव्यवस्था के गिरते स्तर पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश आर्थिक मामलों की विशेषज्ञ पत्रकार पूजा मेहरा, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स की छात्रा आकृति भाटिया और द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु के साथ चर्चा कर रहे हैं.

बिहार के वित्त मंत्री सुशील मोदी ने कहा, सावन-भादो के महीने में हर साल रहती है मंदी

बिहार के उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री सुशील मोदी ने कहा कि वैसे तो हर साल सावन-भादो में मंदी रहती है, लेकिन इस बार मंदी का ज्यादा शोर मचा कर कुछ लोग चुनावी पराजय की खीझ उतार रहे हैं.

अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए प्रतिशोध की राजनीति छोड़ विशेषज्ञों की राय ले सरकार: मनमोहन सिंह

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि पिछली तिमाही में जीडीपी केवल 5 प्रतिशत की दर से बढ़ी, जो इस ओर इशारा करती है कि हम एक लंबी मंदी के दौर में हैं. भारत में ज्यादा तेजी से वृद्धि करने की क्षमता है, लेकिन मोदी सरकार के चौतरफा कुप्रबंधन के चलते अर्थव्यवस्था में मंदी छा गई है.

भारत का संप्रभु बॉन्ड से पैसा जुटाने का फैसला काफी जोख़िम भरा है

अगर केंद्र की मोदी सरकार को विदेशों से डॉलर में क़र्ज़ लेने पर मजबूर होना पड़ रहा है तो इसके पीछे पिछले पांच वर्षों के दौरान पनपने वाले आर्थिक संकट का हाथ है.

प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद ने जीडीपी पर अरविंद सुब्रमण्यम के दावे को ख़ारिज किया

देश के पूर्व मुख्य आर्थ‍िक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा था कि साल 2011-12 से 2016-17 के दौरान देश के जीडीपी आंकड़े को काफी बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया. इस दौरान जीडीपी सात फीसदी नहीं, बल्कि 4.5 फीसदी बढ़ी है.

2011-12 से 2016-17 के बीच में जीडीपी 7 फीसदी नहीं, बल्कि 4.5 फीसदी दर से बढ़ी: अरविंद सुब्रमण्यम

देश के पूर्व मुख्य आर्थ‍िक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम का कहना है कि साल 2011-12 से 2016-17 के दौरान देश के जीडीपी आंकड़े को काफी बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया. इस दौरान जीडीपी सात फीसदी नहीं, बल्कि 4.5 फीसदी की दर से बढ़ी है.

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