मोदी मंत्रिमंडल में फेरबदल पाखंड से ज़्यादा कुछ नहीं

यह सरकार लघु उद्योगों, बेरोजगारी और कृषि क्षेत्र के हालातों को लेकर शुतुरमुर्गी रवैया अपनाए हुए है. समस्याओं को स्वीकार न करने से समस्याएं समाप्त नहीं हो जाती हैं. न ही कैबिनेट में फेरबदल कर देने से ही इन्हें सुलझाया जा सकता है.

तानाशाही का समय है, मीडिया के लोगों को डराया जाता है: राहुल गांधी

चुनावी अभियान पर गुजरात पहुंचे राहुल ने कहा, 'मीडिया को किसान और छोटे व्यापारी नहीं चलाते, उसको मोदी जी के दो-चार दोस्त चलाते हैं.'

वह चुनाव अभियान जिसने सांप्रदायिक राजनीति को बदल दिया

वर्ष 2002 में नरेंद्र मोदी के पहले राजनीतिक चुनाव प्रचार ने सबकुछ बदल दिया. पहली बार किसी पार्टी के नेता और उसके मुख्य चुनाव प्रचारक ने मुस्लिमों के ख़िलाफ़ नफ़रत भरा प्रचार अभियान चलाया.

आज़ादी की लड़ाई में संघ की भूमिका पर सवाल उठाने वाली किताब क्यों छपने नहीं देना चाहती है सरकार?

अजय आशीर्वाद बता रहे हैं कि आज़ादी की लड़ाई पर आधारित एक किताब को पिछले दो सालों से भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद प्रकाशन की अनुमति नहीं दे रहा है.

‘संयोग है कि गोशाला खोलने का निर्णय तब लिया जब राजनीति गाय के इर्द​​​​-गिर्द केंद्रित है​​​​’

पत्रकारिता विश्वविद्यालयों को चढ़ा बाबागिरी का बुखार. आईआईएमसी में हवन के बाद अब माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय करेगा गोसेवा.

भाजपा के लोग गोरक्षा के नाम पर हत्या करने को धर्म की सेवा समझते हैं: मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने सवाल किया, भाजपा शासित राज्यों में गायों की भूख से तड़पकर मौत हो रही है, संघ जवाब क्यों नहीं मांगता?

जब सांप्रदायिक एजेंडा ‘सुशासन’ का मुखौटा पहनता है, तब गोरखपुर त्रासदी नियति बन जाती है

एक जीवंत लोकतंत्र में 60 से ज़्यादा बच्चों की मौत किसी राजनेता का करिअर ख़त्म कर सकता था, लेकिन भारत में ऐसा नहीं होता.

शरद के सम्मेलन में बोले राहुल- आरएसएस को जब तक सत्ता नहीं मिली तब तक तिरंगा नहीं फ़हराया

शरद यादव के नेतृत्व में 'साझी विरासत बचाओ सम्मलेन' में विपक्षी दलों के नेताओं ने कहा, संविधान ख़तरे में, देश में अघोषित आपातकाल.

‘जो लोग आज़ादी की लड़ाई में साथ नहीं थे उनके अनुयायी आज देश की एकता पर हमला कर रहे हैं’

आकाशवाणी और दूरदर्शन ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार का स्वतंत्रता दिवस का भाषण प्रसारित नहीं किया.

वंदेमातरम् राष्ट्रगीत है, राष्ट्रीयता की कसौटी नहीं

अगर भारत माता की स्वतंत्रता के लिए क़ुरबान हो जाना ही देशभक्ति की कसौटी है तो संघ परिवारी तो उस पर चढ़े भी नहीं, खरे उतरने की तो बात ही नहीं है.

क्या स्कूली बच्चों को प्रतियोगिता के नाम पर भाजपा हिंदुत्व की घुट्टी पिलाना चाहती है?

भारत हिंदू राष्ट्र है, विवेकानंद ने शिकागो धर्म सभा में हिंदुत्व का प्रतिनिधित्व किया था जैसी बातें उस बुकलेट में हैं, जो भाजपा यूपी में होने वाली एक प्रतियोगिता के लिए स्कूलों में बांटेगी.