मुख्य न्यायाधीश ने बताया कि वह नए सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के लिए 24 जनवरी 2019 को उच्च स्तरीय समिति की बैठक में भाग ले रहे हैं, इसलिए वे इस मामले में सुनवाई के लिए पीठ का हिस्सा नहीं हो सकते हैं.
विशेष रिपोर्ट: एक रिपोर्ट के मुताबिक साल 2005 से लेकर अब तक देशभर में 79 आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या की जा चुकी है, जिसमें क़रीब 20 फीसदी की हत्याएं केवल बिहार में हुई हैं. साल 2018 में बिहार में पांच आरटीआई कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले सामने आए हैं.
याचिका में कहा गया है कि नागेश्वर राव की नियुक्ति उच्च स्तरीय चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर नहीं की गई थी, जैसा कि दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना अधिनियम के तहत अनिवार्य है.
पिछले पांच सालों में राजस्थान के विधायकों के वेतन-भत्तों पर 90.79 करोड़ रुपये ख़र्च किया गया है. वहीं पूर्व विधायकों को मिलने वाली पेंशन राशि लगभग तीन गुना बढ़ गया है.
आरटीआई कार्यकर्ता राजेंद्र सिंह ने एलआईसी घोटाला, इंदिरा आवास योजना के अलावा शिक्षक व पुलिस विभाग में नियुक्ति घोटाले का खुलासा किया था. दो महीने में दूसरे आरटीआई कार्यकर्ता की हत्या.
सूचना का अधिकार क़ानून के लिए चले आंदोलन का नेतृत्व करने वालीं अरुणा रॉय ने कहा कि अब तक 70 से अधिक आरटीआई कार्यकर्ता भ्रष्टाचार का खुलासा करने और लोकतांत्रिक अधिकारों की रक्षा करने के बदले में मारे गए हैं.
जन गण मन की बात की 224वीं कड़ी में विनोद दुआ सूचना के अधिकार अधिनियम के सफ़र पर प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय से चर्चा कर रहे हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट में दाख़िल एक हलफ़नामे में डीयू ने कहा कि वह साल 1978 के बीए के विद्यार्थियों से जुड़ी जानकारी मुहैया नहीं करवा सकता. डीयू का दावा है कि इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां से बीए किया था.
केंद्र और दिल्ली सरकार से आरटीआई कार्यकर्ता ने सूचना के अधिकार के तहत मांगी थी जानकारी.
परिजनों ने जान से मारने की धमकियां मिलने के बावजूद पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया. कार्यकर्ता के ख़िलाफ़ कई आपराधिक मामले भी दर्ज थे.
आरटीआई कार्यकर्ता निखिल डे के अलावा चार अन्य लोगों पर अजमेर के एक गांव के सरपंच ने मारपीट करने का आरोप लगाया था.
केंद्र सरकार की यह प्रतिक्रिया कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी के उस बयान के बाद आई जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि सरकार आरटीआई अधिनियम को बदलने की कोशिश कर रही है.
केंद्र सरकार ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम, 2005 में बदलाव का नया मसौदा तैयार कर लिया है, इसके लिए 15 अप्रैल तक आम जनता की राय मांगी गई है.