आरटीआई के जवाब में यूआईडीएआई ने बताया कि केंद्र और राज्य सरकार की 210 वेबसाइटों ने कुछ आधार लाभार्थियों की जानकारियां सार्वजनिक कर दीं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि केंद्र सरकार के क़दम को कोई व्यक्ति चुनौती दे सकता है, लेकिन राज्य नहीं, यह संघीय व्यवस्था के ख़िलाफ़ है.
आरटीआई आवेदक ने कहा उसके कई सवालों के जवाब नहीं दिए गए. पीएमओ ने कहा है कि यात्रा पर होने वाला ख़र्च भारत की संचित निधि से होता है.
योजना आयोग के पूर्व सदस्य ने कहा, नोटबंदी से ग़रीब प्रभावित हुए लेकिन उन्होंने मोदी को माफ़ कर दिया क्योंकि वे मानते हैं कि यह क़दम अमीरों के ख़िलाफ़ था.
विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ प्राप्त करने के लिए आधार को जोड़ने की समय सीमा 31 दिसंबर से बढ़ाकर 31 मार्च 2018 कर दी गई है.
राजनीतिक दलों को आरटीआई के दायरे में लाने का अनुरोध उन्हें जवाबदेह बनाने और चुनावों में काले धन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए किया गया है.
आरबीआई का यह बयान ऐसे समय आया है जब ख़बर थी कि बैंक खाते को आधार से जोड़ना अनिवार्य नहीं है.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया की रिपोर्ट का दावा, राज्य सूचना आयोगों की हालत बदतर है.
मोदी की पहचान एक ‘संवाद में माहिर’ नेता की है, लेकिन कुर्सी पर बैठने के बाद से अब तक उन्होंने एक भी प्रेस कांफ्रेंस नहीं की है. किसी लोकतंत्र के प्रधानमंत्री द्वारा प्रेस कांफ्रेंस करना मीडिया पर किया जाने वाला एहसान नहीं है, बल्कि सरकार की ज़िम्मेदारी है.
परिजनों ने जान से मारने की धमकियां मिलने के बावजूद पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया. कार्यकर्ता के ख़िलाफ़ कई आपराधिक मामले भी दर्ज थे.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा, पार्टियों के रणनीतिक निर्णयों को छोड़कर, उनके सभी प्रशासनिक फैसले और उनकी फंडिंग सार्वजनिक नज़रों में होने चाहिए.
पार्टियों ने सीआईसी के उस आदेश का पालन नहीं किया जिसमें कहा गया था कि सभी राष्ट्रीय पार्टियां आरटीआई कानून के दायरे में आएं.
गैर सरकारी संगठन ‘प्रजा फाउंडेशन’ की रिपोर्ट, बीएमसी ने किया खंडन.
आरटीआई कार्यकर्ता निखिल डे के अलावा चार अन्य लोगों पर अजमेर के एक गांव के सरपंच ने मारपीट करने का आरोप लगाया था.