मतदाताओं को राजनीतिक दलों को मिल रहे पैसे का स्रोत जानने का हक़ नहीं: अटॉर्नी जनरल वेणुगोपाल

सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बॉन्ड के ख़िलाफ़ याचिका की सुनवाई पूरी, शुक्रवार को आएगा फ़ैसला. सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि चुनावी बॉन्ड काले धन पर रोक लगाने के लिए एक प्रयोग है और लोकसभा चुनाव तक अदालत को इसमें दख़ल नहीं देना चाहिए.

हम इलेक्टोरल बॉन्ड नहीं, बल्कि इससे जुड़े नाम उजागर न करने ख़िलाफ़ हैं: चुनाव आयोग

सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बॉन्ड पर रोक लगाने की याचिका पर हो रही सुनवाई में मोदी सरकार ने बॉन्ड देने वालों की गोपनीयता को बनाए रखने की बात कही, वहीं चुनाव आयोग ने कहा कि पारदर्शिता के लिए दानकर्ताओं के नाम सार्वजनिक किए जाने चाहिए.

इलेक्टोरल बॉन्ड ने ‘क्रोनी कैपिटलिज़्म’ को वैध बना दिया: पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त

पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा कि पहले चुनाव आयोग को ये पता चलता था कि 20,000 रुपये से ऊपर का चंदा किसने और किस पार्टी को दिया है. लेकिन, इलेक्टोरल बॉन्ड की वजह से अब ये जानकारी पूरी नहीं मिलती है.

चुनावी साल में इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री में 62 फीसदी की वृद्धि: आरटीआई

इस साल जनवरी और मार्च में बैंक ने 1,716.05 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे. वहीं, साल 2018 में मार्च, अप्रैल, मई, जुलाई, अक्टूबर और नवंबर के माह में 1,056.73 करोड़ रुपये के बॉन्ड बेचे गए थे.

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चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, इलेक्टोरल बॉन्ड से राजनीतिक चंदे की पारदर्शिता पर खतरा है

आयोग ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना और कॉरपोरेट फंडिंग को असीमित करने से राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे के पारदर्शिता पहलू पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा. राजनीतिक दलों को अनियंत्रित विदेशी फंडिंग की अनुमति मिलेगी और इससे भारतीय नीतियां विदेशी कंपनियों से प्रभावित हो सकती हैं.

मोदी सरकार ने संसद को किया गुमराह, कहा- चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर चिंता जाहिर नहीं की

चुनाव आयोग ने बीते 26 मई 2017 को कानून मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर अपनी चिंता जाहिर की थी. इसके बाद कानून मंत्रालय ने आयोग की आपत्तियों को शामिल करते हुए वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग को तीन पत्र भेजा था.