भ्रष्टाचार के आरोप में एनआरसी के पूर्व संयोजक प्रतीक हजेला पर केस दर्ज

गैर सरकारी संस्था असम पब्लिक वर्क्स (एपीडब्ल्यू) ने प्रतीक हजेला पर एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया में बड़े स्तर पर सरकारी धनराशि के गबन करने का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई है.

प्रतीक हजेला के तबादले के बाद हितेश देव शर्मा बने असम के एनआरसी समन्वयक

पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और असम सरकार को निर्देश दिया था कि असम के पूर्व एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को सात दिनों में उनके मूल राज्य मध्य प्रदेश स्थानांतरित कर दिया जाए.

19 लाख बाहर हों या 40 लाख, ये मायने नहीं रखता, एनआरसी भविष्य के लिए एक आधार दस्तावेज: सीजेआई गोगोई

इस बीच उन्होंने एनआरसी का विरोध करने वालों पर भी निशाना साधा और कहा कि ऐसे लोगों को जमीनी हकीकत की जानकारी नहीं है.

नागरिकता विधेयक आने के बाद ग़ैर-मुस्लिमों को डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा: हिमंता बिस्वा शर्मा

असम में इस समय छह डिटेंशन केंद्रों में हज़ार से अधिक लोग बंद हैं. राज्य के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि नागरिकता संशोधन विधेयक पारित हो जाने के बाद हिंदू, बौद्ध, जैन और ईसाइयों को डिटेंशन सेंटर में नहीं रखा जाएगा.

असम एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को मध्य प्रदेश स्थानांतरित करने के लिए केंद्र ने मांगा समय

उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और असम सरकार को 18 अक्टूबर को निर्देश दिया था कि असम एनआरसी समन्वयक प्रतीक हजेला को सात दिनों में उनके मूल राज्य मध्य प्रदेश स्थानांतरित कर दिया जाए.

एनआरसी का ऑडिट पूरा होने तक प्रतीक हजेला का पासपोर्ट ज़ब्त रखा जाए: एपीडब्ल्यू संगठन

असम पब्लिक वर्क (एपीडब्ल्यू) नामक संगठन के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा ने कहा कि सरकार पर यह पता लगाने की बड़ी ज़िम्मेदारी है कि एक अधिकारी जिसने 1,600 करोड़ रुपये का सरकारी धन ख़र्च किया हो, वह ख़र्च की विस्तृत रिपोर्ट जमा किए बिना कैसे असम छोड़ सकता है.

सुप्रीम कोर्ट ने दिए एनआरसी समन्‍वयक प्रतीक हजेला के तत्काल तबादले के आदेश

चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस आरएफ नरीमन की पीठ द्वारा जारी आदेश में तत्काल प्रभाव से प्रतीक हजेला का तबादला मध्य प्रदेश करने को कहा गया है, लेकिन इसकी वजह नहीं बताई गई है.

नॉर्थ ईस्ट डायरी: एनआरसी की सूची से क्यों नाख़ुश हैं मूल याचिकाकर्ता

असम से विदेशियों को निकालने के लिए 2009 में असम पब्लिक वर्क्स (एपीडब्ल्यू) नाम के गैर-सरकारी संगठन ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. 31 अगस्त को आई एनआरसी की अंतिम सूची से संगठन असंतुष्ट है और इसके 100 फीसदी रीवेरीफिकेशन की मांग कर रहा है. एपीडब्ल्यू के अध्यक्ष अभिजीत शर्मा से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

सुनिश्चित करें कि असम में एनआरसी से लोग राज्यविहीन न हों: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख मिशेल बैचलेट ने भारत सरकार से अपील की कि सूची में शामिल नहीं किए गए लोगों की अपील के लिए वाजिब प्रक्रिया सुनिश्चित की जाए. लोगों को निर्वासित नहीं किया जाए या हिरासत में नहीं लिया जाए.

एनआरसी मामले पर पूर्व जजों और नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं के समूह ने सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की

पीपुल्स ट्रिब्यूनल की जूरी ने कहा कि इतने बड़े पैमाने पर चलाए गए अभियान के बावजूद न्यायपालिका की समय सीमा तय करने की जिद ने प्रक्रिया और इसमें शामिल लोगों पर दबाव बढ़ा दिया.

‘दस्तावेज़ होते हुए भी हमें एनआरसी में शामिल नहीं किया गया’

वीडियो: असम में जारी हुई एनआरसी के विरोध में नई दिल्ली के जंतर मंतर पर ऑल बंगाली यूथ एंड स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन के बैनर तले विभिन्न बंगाली हिंदू संगठनों का प्रदर्शन.

असम में एनआरसी से बाहर हुए लोगों का क्या भविष्य है?

बीते शनिवार को जारी हुई एनआरसी की सूची में 19 लाख लोगों का नाम शामिल नहीं है. जहां सभी राजनीतिक दलों द्वारा एनआरसी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए वास्तविक नागरिकों की मदद करने की बात कही जा रही है, वहीं भविष्य को लेकर सूची से बाहर रहे आम लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं. असम से लौटी द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती से मीनाक्षी तिवारी की बातचीत.

एनआरसी की अंतिम सूची में शामिल न होने वाले लोग ‘राष्ट्र विहीन’ नहीं: विदेश मंत्रालय

विदेश मंत्रालय ने कहा कि एनआरसी की अंतिम सूची क़ानूनी रूप से किसी व्यक्ति को विदेशी नहीं बनाती. क़ानून के तहत उपलब्ध सभी विकल्पों का इस्तेमाल कर लेने तक उन्हें पहले की तरह ही सभी अधिकार मिलते रहेंगे.

यूएन शरणार्थी प्रमुख की अपील, एनआरसी जारी होने के बाद कोई भी व्यक्ति राष्ट्रविहीन न हो

असम एनआरसी में शामिल होने के लिए 3,30,27,661 लोगों ने आवेदन दिया था. इनमें से 3,11,21,004 लोगों को शामिल किया गया है और 19,06,657 लोगों को बाहर कर दिया गया है.

असम: महिला ने एनआरसी में नाम न होने की अफवाह के बाद की आत्महत्या

महिला के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि सोनितपुर के दुलाबाड़ी इलाके की रहने वाली सायरा बेगम ने एनआरसी में अपना नाम ना होने की खबर सुनने के बाद कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली.