उत्तर प्रदेश: कथित तौर पर आर्थिक तंगी से परेशान किसान ने फांसी लगाई
उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर ज़िले का मामला. परिजनों के मुताबिक किसान पर बैंक का 70 हजार रुपये क़र्ज़ था और वह आर्थिक तंगी से परेशान थे.
उत्तर प्रदेश के फ़तेहपुर ज़िले का मामला. परिजनों के मुताबिक किसान पर बैंक का 70 हजार रुपये क़र्ज़ था और वह आर्थिक तंगी से परेशान थे.
आरबीआई की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर वृहत आर्थिक माहौल और ख़राब होता है और गंभीर दबाव की स्थिति उत्पन्न होती है, तो सकल एनपीए अनुपात 14.8 प्रतिशत तक जा सकता है. सामान्य स्थिति में यह 13.5 प्रतिशत पर पहुंचेगा, जो 23 साल का उच्चतम स्तर होगा.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले का मामला है. किसान की पत्नी ने पुलिस को बताया कि उनके पति पर बैंक का 38 हज़ार रुपये का क़र्ज़ था और कोई काम न मिलने से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली.
छतरपुर ज़िले के 35 वर्षीय मुनेंद्र द्वारा बिजली का बिल भुगतान न करने पर विभाग ने उनकी आटा चक्की और मोटरसाइकिल ज़ब्त कर ली थी. मुनेंद्र ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि उनके मरने के बाद उनका शरीर शासन को दे दिया जाए ताकि उनके अंग बेचकर शासन का कर्ज़ चुक सके.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में कथित रूप से आर्थिक तंगी के चलते दो प्रवासी मज़दूर समेत पांच लोगों ने फ़ांसी लगाकर आत्महत्या की. वहीं हमीरपुर ज़िले में कर्ज़ वापस न कर पाने से परेशान एक किसान के ख़ुदकुशी करने का मामला सामने आया है.
मामला एटा ज़िले का है. मृतक किसान के भाई ने आरोप लगाया कि बैंककर्मियों ने घर आकर कुर्की की धमकी दी थी. किसान ने चार लाख रुपये का क़र्ज़ लिया था. बांदा जिले में भी एक किसान की आत्महत्या का मामला सामने आया है. उन पर ढाई लाख रुपये का क़र्ज़ था.
भारतीय रिज़र्व बैंक के चार पूर्व गवर्नरों ने तेज़ी से बढ़ते वित्तीय घाटे और महामारी के चलते अत्यधिक बुरी स्थिति में पहुंची अर्थव्यवस्था को लेकर गहरी चिंता जताई है. उन्होंने एनपीए की तरह ही कई चुनौतियों के प्रति आगाह किया है.
मामला बैतूल ज़िले के उड़दन गांव का है. 12 सितंबर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री ग्रामीण आवासों का वर्चुअल गृह प्रवेश कराया था, जिसमें किसान सुभाष विश्वकर्मा का भी घर शामिल था. अब पता चला है कि उन्होंने यह घर बनाने के लिए काफ़ी क़र्ज़ लिया था.
मामला महाराष्ट्र के बीड ज़िले का है. पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से मिले एक सुसाइड नोट में किसान ने साहूकार पर उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है, जिसके बाद साहूकार को गिरफ़्तार कर लिया गया है.
भारतीय अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए फंड का का इंतज़ाम करना एक राष्ट्रीय समस्या है. ऐसे समय में, ख़ासकर जब देश की अर्थव्यवस्था बाकी कई देशों के मुक़ाबले अधिक ख़राब है, तब केंद्र और राज्यों का क़र्ज़ लेने को लेकर उलझना अनुचित है.
एनसीआरबी के मुताबिक, साल 2019 में देश भर के कुल 10,281 किसानों ने आत्महत्या की थी. इसमें से 3,927 किसान आत्महत्या के मामले महाराष्ट्र के हैं. आंकड़ों के अनुसार, पिछले कई वर्षों में राज्य में हर साल 3500 से अधिक किसान अपनी जान दे देते हैं.
मामला हमीरपुर ज़िले का है. पुलिस के अनुसार मृतक किसान की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. संभव है कि उन्होंने क़र्ज़ और आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या की है.
एक मामला अतर्रा थाना इलाके का है, वहीं दूसरी घटना मरका थाना क्षेत्र का है. बताया जा रहा है कि दोनों किसानों पर क़र्ज़ था, जिसकी वजह से वे परेशान थे.
भारतीय रिज़र्व बैंक के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 में एक लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी के मामले में संख्या के हिसाब से 28 प्रतिशत और मूल्य के हिसाब से 159 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
आरबीआई ने अपनी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा है कि मार्च 2020 में 8.5 फीसदी की तुलना में मार्च 2021 तक बैंकों का एनपीए 12.5 फीसदी तक बढ़ सकता है. इससे पहले वैश्विक संस्था एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अनुमान जताया था कि अगले साल तक भारत का एनपीए 13.2 फीसदी तक बढ़ जाएगा.