जस्टिस एए क़ुरैशी की नियुक्ति पर 14 अगस्त तक फ़ैसला ले केंद्र: सुप्रीम कोर्ट

केंद्र सरकार ने 22 जुलाई को बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस एए क़ुरैशी को मध्य प्रदेश हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाए जाने की सुप्रीम कोर्ट कॉलिजियम की सिफ़ारिश पर निर्णय लेने के लिए दो सप्ताह का समय मांगा था. केंद्र सरकार ने अब और दस दिन का समय मांगा है.

पुलिस को आदेश कैसे दें, जब हम खुद खाली पद नहीं भर पा रहे: दिल्ली हाईकोर्ट

एक याचिका में राजधानी की बढ़ती आबादी और बढ़ते अपराध को ध्यान में रखते हुए दिल्ली पुलिस में जवानों की स्वीकृत संख्या को बढ़ाने और अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की नियुक्ति किए जाने का आदेश देने की मांग की गई थी.

क्या अमित शाह को हिरासत में भेजने वाले जस्टिस क़ुरैशी की पदोन्नति रोक रही है मोदी सरकार?

सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम की चार सिफ़ारिशों में से मोदी सरकार द्वारा मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में सिर्फ़ जस्टिस एए क़ुरैशी की नियुक्ति को मंज़ूरी नहीं दी गई है.

बिहार: नवादा से टिकट कटने पर गिरिराज सिंह ने कहा- मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंची

गिरिराज सिंह ने कहा कि मेरे आत्मसम्मान को ठेस पहुंची है क्योंकि बिहार में किसी भी सांसद की सीट नहीं बदली गई है. भाजपा की राज्य इकाई को मुझे बताना चाहिए कि आखिर ऐसा क्यों किया गया.

बिहार: पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा की जगह रविशंकर प्रसाद और बेगुसराय से गिरिराज सिंह को टिकट

बिहार में भाजपा 17, जदयू 17 और लोजपा 6 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. साल 2014 में भागलपुर से लोकसभा चुनाव हारने वाले शाहनवाज हुसैन का टिकट काट दिया गया.

क्या केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बालाकोट हमले के सबूत के तौर पर ग़लत ख़बर का हवाला दिया?

14 मार्च को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर बालाकोट एयरस्ट्राइक पर सरकार का समर्थन न करने का आरोप लगाते हुए वायुसेना की सफल कार्रवाई के प्रमाण के बतौर एक वीडियो का हवाला दिया था. ऑल्ट न्यूज़ की पड़ताल के अनुसार यह वीडियो बालाकोट से संबंधित नहीं है.

यह देश का आख़िरी लोकसभा चुनाव, 2024 में नहीं होंगे चुनाव: साक्षी महाराज

पिछले साल सितंबर में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा था कि हम 2019 का लोकसभा चुनाव जीतने जा रहे हैं और 2019 का चुनाव जीतने के बाद अगले 50 सालों तक कोई भी हमें हटा नहीं पाएगा. यह बात हम घमंड के कारण नहीं बल्कि अपने काम के बल पर बोल रहे हैं.

राष्ट्रवाद की आड़ लेकर सवालों को दबाया जा रहा है

मीडिया का एक बड़ा तबका, जिसका धर्म सत्ता में बैठे लोगों से सवाल पूछना होना चाहिए, घुटने टेक चुका है और देश के कुछ सबसे शक्तिशाली लोगों ने चुप्पी ओढ़ ली है, लेकिन आम लोग ऐसा नहीं करने वाले हैं. उनकी आवाज़ ऊंचे तख़्तों पर बैठे लोगों को सुनाई नहीं देती, लेकिन जब वक़्त आता है वे अपना फ़ैसला सुनाते हैं.

उच्च न्यायालयों के प्रत्येक न्यायाधीश के सामने लगभग 4,500 मामले लंबित: सरकार

राष्ट्रीय न्यायिक डाटा ग्रिड के अनुसार, निचली अदालतों में 5,135 न्यायिक अधिकारियों की कमी है जबकि उच्च न्यायालयों में 384 न्यायाधीशों की कमी है.

क्या सरकार को हुज़ूर नहीं जी हुज़ूर जज चाहिए?

सुप्रीम कोर्ट के चार मुख्य न्यायाधीशों और चार पूर्व जजों ने जजों की नियुक्ति पर सरकार के हस्तक्षेप को लेकर चिंता जताई है. ये सभी जज कांग्रेस के महाभियोग के प्रस्ताव को भी ख़ारिज कर चुके हैं. इनका सवाल है कि चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा ने कॉलेजियम के प्रस्ताव को ठुकराने की अनुमति सरकार को कैसे दे दी?