जन गण मन की बात, एपिसोड 168: 2जी स्पेक्ट्रम, कैग की रिपोर्ट और मैली गंगा

जन गण मन की बात की 168वीं कड़ी में विनोद दुआ 2जी स्पेक्ट्रम घोटाले पर आए फ़ैसले, कैग की रिपोर्ट और अधूरे गंगा सफाई अभियान के बारे में चर्चा कर रहे हैं.

यूपीए के ख़िलाफ़ 2जी को लेकर किया दुष्प्रचार बेबुनियाद था: मनमोहन सिंह

कांग्रेस प्रवक्ता सुरजेवाला ने पूछा कि मोदी, जेटली और भाजपा के तमाम नेताओं सहित जो लोग इस मामले में इल्ज़ामों की सीढ़ी बनाकर सत्ता तक पहुंचे, क्या वे अब देश से माफ़ी मांगेंगे.

नमामि गंगे कोष के लगभग 25,00 करोड़ रुपये नहीं हुए इस्तेमाल: कैग

संसद में पेश एक ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार कोई योजना न होने के कारण स्वच्छ गंगा कोष में पड़ी करोड़ों रुपये की राशि इस्तेमाल न होने की बात सामने आई है.

गुजरात राज्य पेट्रोलियम कॉरपोरेशन में 30,651 करोड़ का घोटाला: कांग्रेस

सरकारी खजाने को 19,576 करोड़ का लगाया चूना. नजदीकी अधिकारियों को नवाजे गए ऊंचे पद. विदेशी मुद्रा के नाम पर 10,651 करोड़ बाहर ले जाया गया और गुम हो गया.

शहरी बेघरों के दिए गए धन को ख़र्च नहीं कर रहे राज्य: सुप्रीम कोर्ट

कोर्ट ने शहरी बेघरों के लिए दिए गए धन का आॅडिट कराने की हिमायत करते हुए कहा, कार्य विशेष के पैसे का उपयोग दूसरे काम में नहीं होना चाहिए.

क्या किसानों के नाम पर सरकार बीमा कंपनियों पर मेहरबान है?

कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि फसल बीमा योजना के तहत प्राइवेट बीमा कंपनियों को भारी भरकम फंड देने के बाद भी, उनके खातों की ऑडिट जांच के लिए कोई प्रावधान नहीं रखा गया है.

11 हज़ार करोड़ की लॉटरी अनियमितता मामले में सुभाष चंद्रा का एस्सेल समूह जांच के दायरे में

कैग ने चार निजी कंपनियों और मिज़ोरम सरकार के अधिकारियों को 2012-2015 के दौरान राज्य द्वारा चलाई जाने वाली लॉटरियों में हुई भीषण धांधलियों के लिए आड़े हाथों लिया है.

क्या मज़दूर कल्याण के 20 हज़ार करोड़ रुपये चाय पार्टियों पर ख़र्च हो गए: सुप्रीम कोर्ट

सर्वोच्च न्यायालय ने हैरानी जताते हुए कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) तक को भी इस बारे में पता नहीं है.

कहां गईं मध्य प्रदेश की 23 लाख गर्भवती महिलाएं?

कैग की एक रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश में पिछले पांच सालों में तकरीबन 93.7 लाख गर्भवती महिलाओं ने प्रसव पूर्व देखभाल के लिए अपना पंजीकरण करवाया था पर प्रसव सिर्फ 69.8 लाख के हुए. ऐसे में सवाल उठता है कि बाकी 23.9 लाख गर्भवती महिलाओं का क्या हुआ?