कोरोना: सरकारों ने गरीबों को संकट की घड़ी में उनके हाल पर छोड़ दिया है

हम वो देश हैं जो जुगाड़ पर नाज़ करता है, 5000 साल पहले की तथाकथित उपलब्धियों के ख्वाबों की दुनिया में रहता है. उससे यह उम्मीद करना बेमानी है कि वह व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में इतनी मेहनत करेगा कि वे बिना किसी रुकावट के और सक्षम तरीके से काम कर सकें.

लॉकडाउन: सरकार द्वारा मज़दूरों के लिए जारी नए दिशानिर्देश उनके प्रति संवेदनशील नहीं हैं

19 अप्रैल को गृह मंत्रालय द्वारा राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के भीतर मजदूरों के आवागमन को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए दिशानिर्देश दिए गए हैं. हालांकि इनके व्यावहारिक रूप से लागू होने पर कई सवाल हैं.

लॉकडाउन के दौरान महानगरों में मज़दूरों की मौत: जो घर पहुंचने की आस लिए दुनिया से ही चले गए

बीते दस दिनों में पूर्वी उत्तर प्रदेश के रहने वाले दो मज़दूरों ने बीमारी के चलते मुंबई और दिल्ली में दम तोड़ दिया, पर लॉकडाउन और ख़राब आर्थिक स्थिति के चलते परिजन उनका शव लाने नहीं जा सके. आजीविका के लिए परिवार से हज़ारों मील दूर रह रहे इन लोगों को अंतिम समय में भी अपनों का साथ नसीब नहीं हुआ.

लॉकडाउन: सरकारी मदद के अभाव में बढ़ीं सेक्स वर्कर्स की मुश्किलें

कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र हुए लॉकडाउन ने हज़ारों कामगारों पर आजीविका का संकट ला दिया है, जिससे उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी चलनी मुश्किल हो गई है. इन कामगारों में सेक्स वर्कर्स भी शामिल हैं.

लॉकडाउन: अगर सच में कुछ जानना या पढ़ना है तो यह किताब बंद कर देने का समय है

इस लॉकडाउन को इतने भर के लिए दर्ज नहीं किया जा सकता कि लोगों ने किचन में क्या नया बनाना सीखा, कौन-सी नई फिल्म-वेब सीरीज़ देखीं या कितनी किताबें पढ़ीं. यह दौर भारतीय समाज के कई छिलके उतारकर दिखा रहा है, ज़रूरत है कि आपकी नज़र कहां है?

‘मोदी सरकार हमारी नागरिकता के लिए क़ानून तो ले आई, लेकिन मुश्किल वक़्त में भूल गई’

कोरोना वायरस के मद्देनज़र हुए राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान राजस्थान में रह रहे पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. राज्य सरकार ने सहायता मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं, लेकिन अब भी सभी विस्थापितों तक मदद नहीं पहुंची है.

शहरों में फंसे 96 फीसदी प्रवासी मजदूरों को नहीं मिला सरकारी राशन: रिपोर्ट

देशव्यापी लॉकडाउन को तीन मई तक बढ़ाए जाने के बाद एक स्वैच्छिक समूह वर्कर्स एक्शन नेटवर्क (स्वान) ने एक रिपोर्ट जारी की है जो कि इस दौरान शहरों में फंसे हुए प्रवासी मजदूरों के भूख के संकट और आर्थिक बदहाली को दिखाती है.

बिहार: लॉकडाउन के दौरान हुए शादी के समारोह में पहुंचे ढेरों लोग, मामला दर्ज

घटना बिहार के मधुबनी ज़िले के अरेर की है. सोशल मीडिया पर वैवाहिक समारोह का वीडियो वायरल होने के बाद गांव की पंचायत समिति के एक सदस्य की शिकायत पर गांव के मुखिया सहित अन्य लोगों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई है.

वायरल फोटो पर तेलंगाना पुलिस ने कहा- आरएसएस को चेक पोस्ट पर चेकिंग की इजाजत नहीं थी

सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें आरएसएस के कार्यकर्ता चेक पोस्ट पर चेकिंग करते हुए दिख रहे थे. इस तस्वीर के आधार पर दावा किया गया कि आरएसएस कार्यकर्ता रोजाना 12 घंटे चेकिंग में पुलिस की सहायता कर रहे हैं.

कोरोना: देश की अर्थव्यवस्था को लॉकडाउन के चक्रव्यूह से कैसे निकालेंगी केंद्र और राज्य सरकारें

अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगता है कि भारत बाकी देशों की तरह लगातार चल रहे एक पूर्ण लॉकडाउन के प्रभाव को कम करने के लिए बड़ा आर्थिक पैकेज नहीं दे सकता तो उन्हें ज़रूरी तौर पर लॉकडाउन में छूट देने के बारे में सोच-समझकर अगला क़दम उठाना चाहिए.

मणिपुर: कोविड-19 संकट के बीच सरकार की आलोचना पर लगातार हो रही हैं गिरफ़्तारियां

बीते दो सप्ताह में मणिपुर में कम से कम पांच ऐसे लोगों को हिरासत में लिया गया, जिन्होंने कोरोना संकट से निपटने को लेकर भाजपा के नेतृत्व वाली एन. बीरेन सिंह सरकार पर सवाल उठाए थे. सरकार की आलोचना पर खामियाज़ा भुगतने वालों में उपमुख्यमंत्री से लेकर सरकारी कर्मचारी और एक शोधार्थी भी शामिल हैं.

कोरोना: डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों पर हमले की घटनाएं बढ़ीं, संगठन ने गृह मंत्रालय को लिखा

कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए काम कर रहे डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति आभार व्यक्त करने के दो हफ़्ते बाद देशभर से उनके साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आ रही हैं. बुधवार को दिल्ली और भोपाल में चार डॉक्टरों पर हमले की घटनाओं के बाद चिकित्सकों के संगठन ने केंद्र सरकार से इस तरह की हिंसा रोकने को कहा है.

बीएमसी का ग़ैर-ज़रूरी सेवाओं के स्टाफ को निर्देश, 50 फीसदी उपस्थिति न होने पर कटेगा वेतन

कर्मचारी यूनियन का कहना है कि कोरोना वायरस के संक्रमण के डर और यातायात के सीमित साधनों के चलते बहुत से कर्मचारी काम पर नहीं आ रहे हैं.

लॉकडाउन में 42 फीसदी प्रवासी मजदूरों के पास एक दिन का भी राशन नहीं: सर्वे

सर्वे में शामिल 3,196 प्रवासी मजदूरों में से 31 फीसदी लोगों ने बताया कि उनके ऊपर कर्ज है और अब रोजगार खत्म होने के चलते वे इसकी भरपाई नहीं कर पाएंगे. मजदूरों को डर है कि इसके चलते उन पर हमला हो सकता है क्योंकि ज्यादातर कर्ज साहूकारों से लिए गए हैं.

गुजरात: लॉकडाउन में वडोदरा के राहत शिविर में मज़दूर भूखे पेट सोने को मजबूर

गुजरात में वडोदरा नगर निगम की एक निर्माणाधीन भवन को राहत शिविर में बदलकर यहां पर 316 लोगों को रखा गया है. ये शहर का पहला राहत शिविर है जिसमें लॉकडाउन के बाद उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और राजस्थान जाने वाले प्रवासी मज़दूरों को रखा गया ​है.