गरीबों, किसानों और मजदूरों को कर्ज की नहीं, सीधे हाथ में पैसे की जरूरत है: राहुल गांधी

वीडियो के माध्यम से क्षेत्रीय मीडिया के संवाददाताओं से बात करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि भारत माता को अपने बच्चों के साथ साहूकार का काम नहीं करना चाहिए.

आवश्यक वस्तु अधिनियम में होगा संशोधन, कृषि सुधार की दिशा में कानून लाएगी सरकार: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वित्तीय पैकेज के तीसरे हिस्से का विवरण पेश करते हुए कृषि, डेयरी, मत्स्य पालन, पशुपालन, हर्बल कल्टीवेशन जैसे विभिन्न क्षेत्रों के लिए घोषणाएं की.

अगले दो महीने प्रवासी मजदूरों को मुफ्त राशन, एक राष्ट्र एक राशन कार्ड लागू होगा: सीतारमण

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना वित्तीय पैकेज के दूसरे चरण का विवरण पेश करते हुए मजदूरों के लिए कम किराए पर घर दिलाने, मुद्रा योजना के शिशु ऋण पर ब्याज छूट देने, रेहड़ी-पटरी वालों के लिए विशेष ऋण योजना की घोषणा की.

वित्त मंत्री ने राहत पैकेज की रूपरेखा पेश की, एमएसएमई, एनबीएफसी को सहायता देने की घोषणा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित राहत पैकेज के विवरण को साझा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनबीएफसी, एमएसएमई को विशेष पैकेज देने, ईपीएफ घटाने और इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाने जैसी कई घोषणाएं की.

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत अप्रैल महीने में 20 करोड़ लोगों को राशन नहीं मिला

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत इस समय देश में कुल 80.32 करोड़ लाभार्थी हैं, लेकिन अप्रैल महीने में इसमें से 60.33 करोड़ लोगों को ही अतिरिक्त राशन दिया गया.

केंद्रीय श्रम संघों की मांग, जरूरतमंद परिवारों को 7500 रुपये की मदद दे सरकार

इन संगठनों ने आवागमन पर लागू प्रतिबंध में फंसे श्रमिकों को मुफ्त यात्रा की व्यवस्था किए जाने और सभी जरूरतमंदों को मुफ्त राशन देने की भी मांग की है.

सरकार 60% आबादी के हाथ में पैसे दे, बड़े प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा करे: अभिजीत बनर्जी

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद के दौरान नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत बनर्जी ने यह भी कहा कि जरूरतमंदों के लिए तीन महीने तक अस्थायी राशन कार्ड मुहैया कराने की जरूरत है.

रिजर्व बैंक की म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की विशेष नकदी राहत सुविधा

कोरोना वायरस महामारी के चलते बाजार में उतार-चढ़ाव से म्यूचुअल फंड कंपनियों की नकदी हालत पर दबाव है. इसी के चलते फ्रैंकलिन टेम्पलटन म्यूचुअल फंड कंपनी ने अपनी छह बॉन्ड योजनाओं को बंद करने की घोषणा की.

कोरोना वायरस: अप्रैल ख़त्म होने को है लेकिन अब भी क़रीब 40 फीसदी अतिरिक्त राशन नहीं बंटा

देश के 24 राज्यों के 529 ज़िलों में कुल मिलाकर 14.13 करोड़ राशन कार्ड हैं, जिसमें से अब तक में 8.49 करोड़ राशन कार्ड पर ही अनाज दिया गया है. इसका मतलब है कि अब भी 5.64 करोड़ राशन कार्ड पर अतिरिक्त राशन मिलना बाकी है.

दिल्ली में मजदूर की मौत, गोरखपुर में एक साल के बेटे ने पुतले का दाह संस्कार किया

उत्तर प्रदेश में गोरखपुर ज़िले के रहने वाले सुनील दिल्ली में रहते थे. चेचक से मौत हो गई. लॉकडाउन और गरीबी की वजह से परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे पार्थिव शरीर को पैतृक गांव में ला पाते, इसलिए बेटे को एक पुतले का अंतिम संस्कार करना पड़ा.

कोरोना: भुखमरी जैसे हालात के बीच केंद्र ने सैनिटाइजर बनाने के लिए चावल देने का फैसला लिया

केंद्र सरकार ने भारतीय खाद्य निगम के पास उपलब्ध अधिशेष चावल को एथनॉल में तब्दील करने की योजना को मंजूरी दे दी. विपक्षी दलों समेत कई विशेषज्ञों ने इसकी आलोचना की है.

रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की, 50,000 करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान

इससे पहले 27 मार्च को रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो दर में 90 बेसिक पॉइंट यानी कि 0.90 फीसदी की कटौती करते हुए इसे 4.0 फीसदी कर दिया था.

लॉकडाउन के चलते गरीबी और भुखमरी बढ़ने का खतरा: अमर्त्य सेन, रघुराम राजन और अभिजीत बनर्जी

अर्थशास्त्रियों ने कहा कि हमें कम से कम इतना करने की जरूरत है ताकि लोगों को ये विश्वास हो कि समाज उनकी चिंता करता है और उनकी न्यूनतम देखभाल सुनिश्चित है.

कोरोना राहत पैकेज: आधा अप्रैल बीतने के बाद 15 राज्यों में सिर्फ 22 फीसदी अतिरिक्त राशन का वितरण

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, इन 15 राज्यों के 270 ज़िलों में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत बने 5.70 करोड़ राशन कार्ड में 1.43 करोड़ राशन कार्ड पर ही इस महीने अब तक अतिरिक्त राशन मिला है. मतलब अब भी 75 फीसदी राशन कार्ड धारकों को इसका लाभ नहीं मिला है.

लॉकडाउन: यूपी में फसल कटाई के लिए मजदूर न मिलने से परेशान किसान ने फांसी लगाई

मामला उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का है. 52 वर्षीय किसान रामभवन शुक्ला दो दिन से फसल काटने के लिए गांव में मजदूर ढूंढ रहे थे, मगर लॉकडाउन की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे थे.