केंद्र को वैक्सीन खरीद नीति पर जस्टिस चंद्रचूड़ के सवालों का जवाब देना चाहिए

सुप्रीम कोर्ट को इस बात की विस्तृत जांच करनी चाहिए कि कैसे नवंबर से लेकर मार्च तक घरेलू उत्पादकों को पर्याप्त ऑर्डर या क्षमता विस्तार के लिए पूंजीगत मदद न दिए जाने के कारण गंवा दिए गए. अदालत को इस संबंध में एसआईआई और भारत बायोटेक से संबंधित ब्यौरा मांगना चाहिए, जिससे यह पता लग सके कि पिछले साल दिसंबर से अब तक उनके और पीएमओ के बीच क्या बातचीत हुई.

कोविड-19: बीते एक दिन में संक्रमण के 114,460 नए मामले और 2,677 लोगों की मौत

भारत में कोरोना वायरस महामारी के मामलों की कुल संख्या बढ़कर 28,809,339 हो गई है और अब तक 346,759 लोग इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 17.29 करोड़ से ज़्यादा हैं, जबकि 37.21 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.

वैक्सीन वितरण में असमानता: निजी क्षेत्र के लिए निर्धारित कोटे का 50 फीसदी नौ अस्पतालों ने खरीदा

मई महीने में केंद्र द्वारा वैक्सीन पॉलिसी में संशोधन किए जाने और इसे बाज़ार के लिए खोलने के बाद वैक्सीन की कुल 1.20 करोड़ खुराक में से 60.57 लाख नौ निजी अस्पतालों ने खरीदी हैं. बाकी पचास फीसदी टीके भी अधिकतर शहरों में बने 300 अस्पतालों द्वारा खरीदे गए हैं.

आंकड़े दिखाते हैं कि सरकार को जितने टीके मिले, उससे 6.95 करोड़ अधिक वितरित किए: आरटीआई कार्यकर्ता

आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश बत्रा ने अपने आवेदनों पर आए केंद्र के जवाबों और सरकार द्वारा सार्वजनिक की गई जानकारी की तुलना करते हुए सवाल किया है कि यह कैसे संभव है कि 2 मई तक केंद्र ने केवल 16.23 करोड़ टीके प्राप्त किए थे, पर तब उसके द्वारा 23.18 करोड़ टीकों की खुराक वितरित या आपूर्ति की बात कही गई थी.

माकपा ने मनरेगा में जाति आधारित मज़दूरी देने की एडवाइज़री पर सवाल उठाए

माकपा पोलित ब्यूरो की सदस्य बृंदा करात ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को भेजे एक पत्र में केंद्र की ओर से राज्यों को भेजे गए उस परामर्श के पीछे की मंशा को लेकर सवाल खड़े किए, जिसमें कहा गया है कि मनरेगा के तहत अनुसूचित जाति-जनजाति व अन्य के लिए मज़दूरी के भुगतान को अलग-अलग श्रेणियों में रखा जाए.

भारत सरकार के भ्रम के कारण कोविड-19 संकट पैदा हुआ: अमर्त्य सेन

नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि भारत सरकार ने भ्रम में रहते हुए कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए काम करने के बजाय अपने कामों का श्रेय लेने पर ध्यान केंद्रित किया. उन्होंने कहा कि श्रेय पाने की कोशिश करना और श्रेय पाने वाला अच्छा काम न करना बौद्धिक नादानी का एक स्तर दिखाता है, जिससे बचना चाहिए. भारत ने यही करने की कोशिश की.

कर्मचारियों को निकालने के लिए वित्तीय संकट या महामारी के प्रभाव को आधार नहीं बना सकते: कोर्ट

बीते साल एयर इंडिया के कुछ पायलटों ने इस्तीफ़े देने के बाद उन्हें स्वीकार किए जाने से पहले ही वापस ले लिया था पर कंपनी ने इसके बावजूद इस्तीफ़े स्वीकार कर लिए. उनका तर्क था कि इस्तीफ़ों को दी गई स्वीकृति पूरी तरह से उचित है क्योंकि कंपनी कई वर्षों से वित्तीय संकट से जूझ रही है.

कोविड-19: दो महीने में सबसे कम 120,529 नए मामले आए और 3,380 लोगों की मौत हुई

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण का कुल आंकड़ा 28,694,879 है और अब तक 344,082 लोग इस महामारी की चपेट में आकर जान गंवा चुके हैं. विश्व में संक्रमण के मामले 17.26 करोड़ से ज़्यादा हो गए हैं, जबकि 37.12 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.

कोरोना वैक्सीन पर सरकार के झूठ का पर्दाफ़ाश

वीडियो: बीते 30 मई को केंद्र सरकार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के ज़रिये जून महीने के लिए कोविड-19 टीकाकरण योजना की जानकारी दी थी. केंद्र ने बताया ​था कि जून में टीके के 12 करोड़ डोज़ उपलब्ध होंगे. इनमें से 6.1 करोड़ डोज़ केंद्र सरकार के कोटे से होंगे वहीं 5.9 करोड़ डोज़ राज्य सरकारों और निजी अस्पतालों की सीधी ख़रीद से उपलब्ध होंगे.

कोरोना टीकाकरण में लापरवाही, सुप्रीम कोर्ट की फ़टकार के बाद क्या सुधरेगी सरकार?

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की कोविड टीकाकरण नीति को ‘प्रथम दृष्टया मनमानापूर्ण एवं अतार्किक’ क़रार दिया है, जिसमें पहले दो चरणों में संबंधित समूहों को टीके की मुफ़्त खुराक दी गई और अब राज्यों एवं निजी अस्पतालों को 18-44 साल आयु वर्ग के लोगों से शुल्क वसूलने की अनुमति दी गई है.

यूपी सरकार ने माना, बेसिक शिक्षा विभाग में कोविड से क़रीब डेढ़ हज़ार शिक्षकों-कर्मचारियों की मौत

स्कूली शिक्षा महानिदेशक की रिपोर्ट के अनुसार बेसिक शिक्षा विभाग में कोविड-19 संक्रमण से शिक्षकों सहित 1,474 कार्मिकों की मृत्यु हुई है. इसके साथ ही पिछले वर्ष से अब तक 812 कर्मचारियों ने नॉन-कोविड कारणों से जान गंवाई है. हालांकि रिपोर्ट में स्पष्ट नहीं किया गया है कि कोविड से हुईं मौतें किस अवधि की हैं.

कोविड-19: एक दिन में संक्रमण के 132,364 नए मामले और 2,713 मरीज़ों की मौत

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 28,574,350 हो गई है और 340,702 लोग अब तक इस महामारी की चपेट में आकर दम तोड़ चुके हैं. विश्व में संक्रमण के कुल मामले 17.21 करोड़ से ज़्यादा हैं, जबकि 37.02 लाख से अधिक लोगों की मौत हुई है.

एलगार परिषद: स्टेन स्वामी और हेनी बाबू के बाद तीन और आरोपी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए

एक जेल अधिकारी ने बताया कि मुंबई की तलोजा केंद्रीय जेल में बंद एल्गार परिषद मामले में आरोपी महेश राउत, सागर गोरखे और रमेस गाइचोर कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए. बीते मई महीने में सामाजिक कार्यकर्ता स्टेन स्वामी और दिल्ली विश्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर हनी बाबू संक्रमित पाए गए थे.

मध्य प्रदेश: छह सरकारी मेडिकल कॉलेज के क़रीब 3,000 जूनियर डॉक्टरों ने दिया इस्तीफ़ा

मध्य प्रदेश में छह सरकारी मेडिकल कॉलेज के क़रीब तीन हज़ार जूनियर डॉक्टर अपनी छह सूत्रीय मांगों को लेकर बीते 31 मई से हड़ताल पर थे. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट बीते बृहस्पतिवार को डॉक्टरों की हड़ताल को अवैध क़रार देते हुए उन्हें 24 घंटों में काम पर लौटने का आदेश दिया था. उसके कुछ घंटों बाद डॉक्टरों ने सामूहिक इस्तीफ़ा दे दिया.

कोविड संकट से क्या प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता में गिरावट हुई है?

वीडियो: भारत वैश्विक महामारी का नया केंद्र बना हुआ है. मई महीने के अधिकांश दिनों में संक्रमण के क़रीब चार लाख से अधिक मामले दर्ज किए गए. कई कोविड-19 मरीज़ों की अस्पतालों में इसलिए मौत हो गई, क्योंकि डॉक्टरों के पास ऑक्सीजन और अन्य जीवनरक्षक दवाएं नहीं थीं. तमाम लोग इस त्रासदी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज़िम्मेदार ठहरा रहे हैं.

1 3 4 5 6 7 121