उत्तर प्रदेश के अमरोहा ज़िले का मामला. दोनों मज़दूर अमरोहा-हापुड़ सीमा वाले ब्रजघाट में गंगा के पुल से नीचे कूद गए थे.
आईसीएमआर ने कहा कि फिलहाल उपलब्ध आंकड़े इतने पुख्ता नहीं हैं कि कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के लिए से गंगाजल पर क्लिनिकल ट्रायल किया जा सके.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वास्तविक समय के निगरानी आंकड़ों के अनुसार, गंगा नदी के विभिन्न बिंदुओं पर स्थित 36 निगरानी इकाइयों में करीब 27 बिंदुओं पर पानी की गुणवत्ता नहाने, वन्यजीव तथा मत्स्य पालन के अनुकूल पाई गई.
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने 11 राज्यों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किया है. निर्देशों के तहत गंगा और उसकी सहायक नदियों में मूर्ति विसर्जन के अलावा पूजा सामग्री डालने पर सख़्ती से रोक लगाने को कहा है.
एनजीटी ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार से कहा है कि वह इलाहाबाद में कुंभ मेले के बाद जमा कचरे को हटाने के लिए तुरंत क़दम उठाए.
वाराणसी की एक गैर सरकारी संस्था ने अपने अध्ययन में बताया कि साल 2016 से 2018 तक गंगा में प्रदूषण की मात्रा काफी बढ़ गई है. संस्था की ओर से कहा गया है कि पानी में कॉलीफॉर्म बैक्टीरिया की अत्यधिक मात्रा मानव स्वास्थ्य के लिए ख़तरनाक है.
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में बताया गया है कि साल 2017-18 में मानसून से पहले जिन 41 स्थानों से होकर गंगा नदी गुजरती है उनमें से 37 पर नदी का पानी प्रदूषित था. वहीं मानसून के बाद 39 में से केवल एक स्थान पर नदी का पानी साफ था.
द वायर एक्सक्लूसिव: सूचना का अधिकार के तहत मिली जानकारी से पता चलता है कि मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना ‘नमामि गंगे’ के बावजूद गंगा की सेहत सुधरने के बजाय और ख़राब हुई है.
केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के गंगा सफाई को लेकर तमाम दावों के बावजूद अंतरराष्ट्रीय स्तर के एनजीओ वर्ल्ड वाइड फंड (डब्ल्यूडब्ल्यूएफ) का दावा है कि गंगा विश्व की सबसे अधिक संकटग्रस्त नदियों में से एक है क्योंकि लगभग सभी दूसरी भारतीय नदियों की तरह गंगा में लगातार पहले बाढ़ और फिर सूखे की स्थिति पैदा हो रही है.
एक टीवी चैनल से बातचीत में बाबा रामदेव ने गंगा स्वच्छता कार्यक्रम को लेकर एक सवाल के जवाब में कहा था कि उमा जी की फाइल ऑफिस में अटक जाती है, जबकि गडकरी जी की फाइल नहीं अटकती. देश में सबसे ज्यादा किसी मंत्री का काम दिखता है तो वह नितिन गडकरी का है.
गुजरात में विधानसभा चुनाव के वक़्त नर्मदा के पानी को लेकर जनता को सपने दिखाए गए लेकिन अब गर्मी आने से पहले सरकार ने कह दिया है कि सिंचाई के लिए जलाशय का पानी नहीं मिलेगा.