संयुक्त राष्ट्र महासभा में चीन के जम्मू कश्मीर, लद्दाख के उल्लेख पर भारत ने कड़ी आपत्ति जतायी

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि जम्मू कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग हैं और क्षेत्र में हाल का घटनाक्रम पूरी तरह से देश का ‘अंदरुनी मामला’ है.

हॉन्ग कॉन्ग का विवादित प्रत्यर्पण विधेयक वापस लिया जाएगा

विवादित प्रत्यर्पण विधेयक के चलते हॉन्ग कॉन्ग में पिछले तीन महीने से लोकतंत्र समर्थक रैलियां और विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. विधयेक को हॉन्ग कॉन्ग को मिली आज़ादी के हनन के तौर पर देखा जा रहा था.

विरोध करना कब से लोकतंत्र और देश विरोधी हो गया?

हॉन्ग कॉन्ग और कश्मीर दोनों ही इस समय इतिहास के एक जैसे दौर से गुजर रहे हैं; दोनों की स्वायत्तता के नाम पर की गई संधि खतरे में है और उनसे संधि करने वाले देशों की सरकार इन संधियों से मुकर रही हैं.

मीडिया बोल: कश्मीर मुद्दे के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में उठने के क्या मायने हैं?

मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाने पर वरिष्ठ पत्रकार मनोज जोशी, पूर्व भारतीय राजदूत मीरा शंकर और हिंदुस्तान टाइम्स के पॉलिटिकल एडिटर विनोद शर्मा से चर्चा कर रहे हैं.

कांग्रेस ने लद्दाख को किया नज़रअंदाज इसलिए क्षेत्र में घुसा चीन: भाजपा सांसद नामग्याल

लद्दाख से भाजपा सांसद जमयांग शेरिंग नामग्याल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने ‘फॉरवर्ड पॉलिसी' अपनाई जिसमें कहा गया कि हमें एक-एक इंच चीन की ओर बढ़ना चाहिए. इसके कार्यान्वयन के दौरान यह ‘बैकवर्ड पॉलिसी' बन गई.

सुरक्षा परिषद की बैठक के बाद भारत ने कहा, कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्‍म करना आंतरिक मामला

चीन और पाकिस्तान के अनुरोध पर शुक्रवार को जम्मू कश्मीर मामले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में बैठक हुई. भारत ने कहा कि सुरक्षा परिषद बैठक समाप्त होने के बाद हमने पहली बार देखा कि दोनों देश (चीन और पाकिस्तान) अपने देश की राय को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की राय बताने की कोशिश कर रहे थे.

जम्मू कश्मीर: दक्षिण एशियाई शिक्षाविदों और कार्यकर्ताओं ने ‘अमानवीय बर्ताव’ की निंदा की

250 से अधिक शिक्षाविदों, कलाकारों और कार्यकर्ताओं ने बयान जारी कर कहा कि जम्मू कश्मीर में भारत सरकार के फैसले दिखाते हैं कि उनके मन में संविधान, धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति कोई सम्मान नहीं है.

कश्मीर: पाकिस्तान के पत्र के बाद चीन ने की सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र राजनयिक ने बताया कि चीन ने सुरक्षा परिषद की कार्यसूची में शामिल ‘भारत-पाकिस्तान सवाल' पर चर्चा की मांग की है. यह मांग पाकिस्तान की ओर से सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष को लिखे पत्र के संदर्भ में की गई है.

ट्रम्प के कश्मीर पर मध्यस्थता के दावे से नरेंद्र मोदी की राजनीतिक समझ पर सवाल उठते हैं

जहां सारी दुनिया को इस बात का एहसास जल्द ही हो गया था कि डोनाल्ड ट्रम्प के नेतृत्व में अमेरिका एक भरोसेमंद साथी नहीं है, नरेंद्र मोदी ने इसके बावजूद भारत के वॉशिंगटन से संबंध प्रगाढ़ किए. यह कहने की ज़रूरत नहीं है कि इसकी कीमत क्या होगी.

चीन से शिनजियांग में मुसलमानों की नज़रबंदी ख़त्म करने के लिए 22 देशों ने किया अनुरोध

मानवाधिकार समूहों का ऐसा अनुमान है कि शिनजियांग में क़रीब 10 लाख मुसलमानों को जबरन नज़रबंद किया गया है. हालांकि चीन इस बात से इनकार करता रहा है.

दलाई लामा ने महिलाओं पर की गई टिप्पणी के लिए माफी मांगी

बीबीसी से एक साक्षात्कार में महिला उत्तराधिकारी के सवाल पर दलाई लामा ने कहा था कि अगर मेरे बाद कोई महिला दलाई लामा बनती है तो उस महिला को आकर्षक होना चाहिए.

अगर मेरे बाद दलाई लामा कोई महिला बने तो वह आकर्षक होनी चाहिए: दलाई लामा

बीबीसी से एक साक्षात्कार में महिला उत्तराधिकारी के सवाल पर दलाई लामा ने कहा कि अगर कोई महिला लामा आती हैं और वो खुश दिखती हैं तो लोग भी उन्हें देखकर खुश होंगे और अगर कोई महिला लामा दुखी दिखती हैं तो लोग उन्हें देखना पसंद नहीं करेंगे.

आपातकाल: नसबंदी से मौत की ख़बरें न छापी जाएं

आपातकाल के 44 साल बाद इन सेंसर-आदेशों को पढ़ने पर उस डरावने माहौल का अंदाज़ा लगता है जिसमें पत्रकारों को काम करना पड़ा था, अख़बारों पर कैसा अंकुश था और कैसी-कैसी ख़बरें रोकी जाती थीं.

प्रत्यर्पण विधेयक अनिश्चितकाल के लिए टलने के बाद भी हांगकांग में प्रदर्शन जारी

​विधेयक का विरोध कर रहे लोगों को कहना है कि चीन इस कानून का इस्तेमाल अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को निशाना बनाने के लिए कर सकता है. विधेयक को लेकर हांगकांग की मुख्य प्रशासक कैरी लाम ने माफ़ी मांगी. प्रदर्शनकारियों ने उनसे इस्तीफ़ा देने को कहा.

वैश्विक लैंगिक समानता सूचकांक में ख़राब रहा भारत का प्रदर्शन, 129 देशों में 95वें पायदान पर

लैंगिक समानता सूचकांक की हालिया सूची में भारत घाना, रवांडा और भूटान जैसे देशों से भी पीछे है. सूचकांक में पहले स्थान पर डेनमार्क और 129वें पायदान पर चाड है. चीन 74वें स्थान, पाकिस्तान 113वें, नेपाल 102 और बांग्लादेश 110वें पायदान पर है.

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