देश में अरबपतियों की तेज़ी से बढ़ती संख्या के बीच आप रोते रहिए कि राजनीति का पतन हो गया है और अब वह समाजसेवा या देशसेवा का ज़रिया नहीं रही, इन बहुमतवालों को कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता क्योंकि उन्होंने इस स्थिति को सामाजिक-सांस्कृतिक मान्यता भी दिला दी है.
देशभर के मौजूदा 4,086 विधायकों में से 3,145 विधायकों ने ही अपने आय का ब्योरा चुनाव आयोग को दिया है. 941 विधायकों ने अपनी आय घोषित नहीं की है.
जनता जब आर्थिक न्याय की मांग करती है, तब उसे किसी दूसरी चीज में उलझा देना चाहिए. क्रांति की तरफ बढ़ती जनता को हम रास्ते में ही गाय के खूंटे से बांध देते हैं.
पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी से 2019 आम चुनाव से पहले देश के राजनीतिक माहौल और अंसारी के विदाई समारोह में प्रधानमंत्री मोदी के भाषण पर चर्चा कर रहे हैं द वायर के कंसल्टिंग एडिटर विनोद दुआ.
मीडिया बोल की 43वीं कड़ी में उर्मिलेश देश में दंगा, चुनाव और मीडिया कवरेज पर वरिष्ठ पत्रकार नीरजा चौधरी और दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. रतन लाल के साथ चर्चा कर रहे हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि नोटबंदी और सही ढंग से जीएसटी लागू नहीं किए जाने से बहुत से लोगों की नौकरियां चली गईं और कारोबार को नुकसान पहुंचा.
आज चुनावों के विकास में बाधक होने का तर्क स्वीकार कर लिया गया तो क्या कल समूचे लोकतंत्र को ही विकास विरोधी ठहराने वाले आगे नहीं आ जाएंगे!
मध्य प्रदेश के इटारसी में छात्र-छात्राओं द्वारा भाजपा को वोट न करने की शपथ लेने से शुरू हुआ सिलसिला पूरे राज्य में जारी है. प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्रों से भाजपा को वोट न करने की शपथ लेने की ख़बरें आ रही हैं.
एक वीडियो वायरल हुआ है. जिसमें कुछ छात्र भाजपा को वोट न करने की शपथ लेते हुए दिखाई दे रहे हैं. बताया जा रहा है कि यह वीडियो मध्य प्रदेश के होशंगाबाद ज़िले के एक शिक्षण संस्थान का है.
मोदी सरकार द्वारा चुनावी बांड की पहल पर कांग्रेस, माकपा और आप ने कहा यह दलों को चंदा देने वालों की जानकारी छुपाने में मददगार साबित होगा.
गुजरात में हालिया विधानसभा चुनावों में 5.5 लाख से अधिक मतदाताओं ने नोटा बटन दबाया था. वहां कई विधानसभा क्षेत्रों में जीत का अंतर नोटा मतों की संख्या से कम था.
बाबा साहब आंबेडकर के पोते ने भाजपा पर साधा निशाना. कहा- यह सरकार दोबारा आई तो हम जो बात कर रहे हैं, यह करने का अधिकार भी छीन लिया जाएगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बीते मंगलवार को राजनीतिक दलों के लिए चुनावी बॉन्ड का ऐलान किया. पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त टीएस कृष्णमूर्ति ने कहा कि चुनावी बॉन्ड से कॉरपोरेट एवं राजनीतिक दलों के बीच की सांठगांठ को तोड़ने में सफलता भी नहीं मिलेगी.
राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी ने मणिशंकर अय्यर से दूरी बनाने की जितनी जल्दबाज़ी दिखाई उससे गुजरात और देश ने यह सबक नहीं लिया कि राहुल एक भद्र व्यक्ति हैं बल्कि यह संदेश गया कि राहुल में लड़ने का माद्दा नहीं है.
कांग्रेस अब तक अगर विजयी होती रही है तो उसका कारण यही था कि वह अपने विरोधियों की मांगों और उनके गुणों को आत्मसात कर लेती थी. जब तक वह ऐसा करती रही तब तक चलती रही और जब छोड़ दिया तो अवसान की ओर बढ़ने लगी.