हम भी भारत: रफाल पर पत्रकारों को धमकी, क्या छिपा रही है मोदी सरकार?

इस हफ्ते हम भी भारत में रफाल मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार द्वारा द हिंदू की रिपोर्ट को चोरी के दस्तावेज़ के हवाले से छापने के आरोप और अख़बार पर ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के तहत कार्रवाई की बात पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु और वकील सरीम नावेद से चर्चा कर रही हैं.

सरकार की मीडिया के ख़िलाफ़ ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट के इस्तेमाल की कोशिश निंदनीय: मीडिया संगठन

रफाल मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार द्वारा द हिंदू की रिपोर्ट को चोरी के दस्तावेज़ के हवाले से छापने के आरोप और अख़बार पर कार्रवाई की बात कहने की एडिटर्स गिल्ड समेत विभिन्न प्रेस संगठनों ने आलोचना की है.

रफाल की फाइल पर सीक्रेट का तर्क बोगस है, जैसे चौकीदार का जागते रहो कहना बोगस है

सीक्रेट आउट होने पर ही घोटाला आउट होता है. घोटाला आउट होने पर फाइल को सीक्रेट बताने का फार्मूला पहली बार आउट हुआ है. प्रधानमंत्री को हर बात में ख़ुद को चौकीदार नहीं कहना चाहिए. ख़ुद को चौकीदार और प्रधान सेवक कहते-कहते भूल गए हैं कि वे भारत के प्रधानमंत्री हैं, इसलिए जागते रहो, जागते रहो बोलकर कुछ भी बोल जाते हैं.

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी कहा, ‘चौकीदार चोर है’

शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि केंद्र सरकार लोगों की निजी ज़िंदगी में दख़ल देकर आपातकाल लागू करना चाहती है.