पत्थलगड़ी आंदोलन का उभार राजभवनों की निष्क्रियता का परिणाम है

कुछेक अपवाद छोड़ दिए जाएं तो संविधान लागू होने के बाद से आज तक किसी भी राज्य के राज्यपाल ने पांचवीं अनुसूची के तहत मिले अपने अधिकारों और दायित्वों का निर्वहन आदिवासियों के पक्ष में करने में कोई रुचि नहीं दिखाई है.

छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बल के जवान क्यों ले रहे हैं अपनी जान?

आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 2017 में सबसे अधिक 36 जवानों ने आत्महत्या की. वहीं, 2009 में 13 जवानों ने, 2016 में 12 जवानों ने तथा 2011 में 11 जवानों ने आत्महत्या की है.

छत्तीसगढ़: हर चुनावी साल में तेंदूपत्ते की नीलामी दर और उत्पादन में ​गिरावट क्यों आ जाती है?

भाजपा ने जहां इसे बाज़ार की मांग और आपूर्ति से जुड़ा मामला बताया है. वहीं, कांग्रेस समेत विपक्षी दल इसे भ्रष्टाचार से जोड़ रहे हैं. वो तेंदूपत्ता व्यापार को चुनावी फंड तैयार करने का माध्यम बनाने का आरोप लगा रहे हैं.

जज लोया मामले से संबंधित कार्टून शेयर करने पर बस्तर के पत्रकार पर राजद्रोह का केस दर्ज

कमल शुक्ला बस्तर में फ़र्ज़ी मुठभेड़, पत्रकारों की सुरक्षा, मानवाधिकार और आदिवासियों के हितों के लिए आवाज़ उठाते रहे हैं.

नीति आयोग के सीईओ ने कहा, बिहार, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के कारण भारत पिछड़ा बना हुआ है

अमिताभ कांत ने कहा कि देश में शिक्षा और स्वास्थ्य के हाल बेहाल हैं. यही वे क्षेत्र हैं जिनमें भारत पिछड़ रहा है. पांचवीं कक्षा का छात्र दूसरी कक्षा के जोड़-घटाव नहीं कर पाता है. शिशु मृत्यु दर बहुत ज़्यादा है.

अडाणी समूह का सड़क निर्माण क्षेत्र में प्रवेश, छत्तीसगढ़ में मिला 1,140 करोड़ रुपये का ठेका

अडाणी समूह ने कहा है, ‘केंद्र सरकार देश के हाईवे की लंबाई दो लाख किलोमीटर तक करने पर विचार कर रही है, अडाणी समूह इसे कंपनी के लिए विकास के अवसर के रूप में देखता है.’

बस्तर के आम युवाओं को नक्सलियों से लड़ाने के लिए सरकार ने तैयार की ‘बस्तरिया ब्रिगेड’

सीआरपीएफ बस्तर जिले में नक्सलियों के खिलाफ आम आदिवासियों की एक बटालियन तैनात करने जा रही है. पुलिस अधिकारियों का मानना है कि ब्रिगेड में स्थानीय युवाओं को शामिल करने से सूचना-तंत्र मजबूत होगा और नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में वे काफी कारगर साबित होंगे.

छत्तीसगढ़: भाजपा विधायक ने कहा- 2015 से मनरेगा मज़दूरों को नहीं मिली मज़दूरी

सदन में भाजपा विधायक ने उठाया मज़दूरों को भुगतान न होने का मुद्दा. समर्थन में विपक्ष ने कहा कि पूरे प्रदेश में यही हाल है.

क्यों छत्तीसगढ़ के एक गांव के लोग किडनी और लीवर की बीमारियों के शिकार होते जा रहे हैं

राज्य के गरियाबंद ज़िले के दो हज़ार की आबादी वाले सुपेबेड़ा गांव में 235 लोग किडनी रोग ग्रस्त हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि उनके गांव में हीरा खदान होने से सरकार इसे खाली कराना चाहती है. इसलिए उनके स्वास्थ्य की अनदेखी कर रही है.

बस्तर: जहां नागरिकों की सुध लेने वाला कोई नहीं

बस्तर के लिए लोकतंत्र क्या है? सरकार, मीडिया और कुछ एनजीओ के दावों से लगता है कि यहां विकास की ऐसी बयार आई हैं, जिसमें नागरिकों को ज़मीन पर ही मोक्ष मिल गया है.

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ज़मानत के लिए आधार की अनिवार्यता के आदेश में सुधार करे: सुप्रीम कोर्ट

ज़मानत मिलने के बावजूद बड़ी संख्या में आरोपी जेलों में ही हैं. आधार या ज़मानत के दस्तावेज़ के पुलिस सत्यापन में देरी से वे रिहा नहीं हो पा रहे हैं.

चुनाव आयोग भी अब मोहल्ले की राजनीति में इस्तेमाल होने लगा है

केजरीवाल अगर आदर्श की राजनीति कर रहे हैं, इसलिए उन्हें 21 विधायकों को संसदीय सचिव नहीं बनाना चाहिए था. तो क्या फिर बाकी मुख्यमंत्री लालच देने के लिए संसदीय सचिव का पद बांट रहे हैं?

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