जम्मू कश्मीर में जारी पाबंदी के ख़िलाफ़ दाख़िल याचिकाओं की सुनवाई कर रहे दोनों न्यायाधीश- सीजेआई रंजन गोगोई और जस्टिस एसए बोबडे, अयोध्या पीठ का भी हिस्सा हैं. पीठ ने अयोध्या मामले की सुनवाई ख़त्म करने के लिए 18 अक्टूबर की समयसीमा तय की है.
कश्मीर के माकपा नेता और पूर्व विधायक मोहम्मद यूसुफ तारिगामी पहले ऐसे कश्मीरी नेता हैं जो हिरासत में रखे जाने के बाद दिल्ली आ सके. नई दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि पाबंदियों के कारण कश्मीरी धीरे-धीरे मर रहे हैं, घुटन हो रही है वहां.
एक रिपोर्ट के मुताबिक 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले से लेकर पांच अगस्त तक जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की श्रीनगर पीठ में 150 बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिकाएं दाखिल की गई हैं. इनमें जन सुरक्षा क़ानून से जुड़े 39 मामलों में से अदालत ने लगभग 80 फीसदी मामलों में हिरासत में लिए गए लोगों को रिहा करने का आदेश दिया है.
यूरोलॉजी में गोल्ड मेडल विजेता ओमर सलीम अख़्तर को तब गिरफ़्तार कर लिया गया जब वे मीडिया से बात कर रहे थे. इस दौरान वे लगातार कह रहे थे कि वे केवल मानवता संकट पर ध्यान दिलाने की कोशिश कर रहे हैं.
कोर्ट ने यह भी कहा कि येचुरी तारिगामी के स्वास्थ्य के बारे में जानने के अलावा किसी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे.
कोर्ट ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर भी केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है.
जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के बाद लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से लोग अपने मामलों की सुनवाई के लिए हाईकोर्ट नहीं पहुंच पा रहे हैं. यहां तक कि सरकारी विभाग भी अपनी पैरवी करने के लिए कोर्ट में उपस्थित नहीं हो सके.
जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस विनीत शरण भी सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश नियुक्त. जस्टिस गीता मित्तल जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश बनीं.
सेना के गोला-बारूद डिपो के नज़दीक प्रतिबंधित क्षेत्र में कोर्ट के आदेश के बावजूद निर्माण करवाने के मामले में सेना द्वारा भाजपा नेता और विधानसभा स्पीकर निर्मल सिंह की पत्नी ममता सिंह सहित कई प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों के ख़िलाफ़ अवमानना की कार्यवाही की मांग की गई है.
चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को पठानकोट स्थानांतरित करने और फास्टट्रैक कोर्ट में दैनिक आधार पर सुनवाई करने का आदेश दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई चंडीगढ़ में कराने और सीबीआई को जांच सौंपने की याचिका पर विचार करने के बाद कठुआ में चल रही कार्यवाही पर सात मई तक रोक लगा दी है.
सुप्रीम कोर्ट ने कठुआ में बच्ची के साथ बलात्कार और उसकी हत्या के दो आरोपियों की उस याचिका पर विचार करने को हामी भर दी है जिसमें उन्होंने मुक़दमे की सुनवाई जम्मू से बाहर स्थानांतरित नहीं करने और मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का अनुरोध किया है.
साक्षात्कार: कठुआ मामले में पीड़िता का केस लड़ रही वकील दीपिका सिंह राजावत से बातचीत.