एनसीआरबी की एक रिपोर्ट के अनुसार जेलों में बंद दलित, आदिवासी और मुस्लिमों की संख्या देश में उनकी आबादी के अनुपात से अधिक है, साथ ही दोषी क़ैदियों से ज़्यादा संख्या इन वर्गों के विचाराधीन बंदियों की है. सरकार का डॉ. कफ़ील और प्रशांत कनौजिया को बार-बार जेल भेजना ऐसे आंकड़ों की तस्दीक करता है.
बीते रविवार को अभिनेत्री कंगना रनौत ने ट्विटर पर भारत में जाति-व्यवस्था, आरक्षण और भेदभाव को लेकर टिप्पणियां की थीं.
ढेंकानाल ज़िले के कांतियो कतेनी गांव का मामला. दलित समुदाय का आरोप है कि गांव वालों ने उनसे बात बंद कर दी है, सार्वजनिक वितरण प्रणाली से राशन नहीं मिल रहा और किराना दुकानों ने सामान देना बंद कर दिया है. वहीं ग्राम प्रधान का कहना है कि दलित समुदाय से सिर्फ़ बात बंद करने को कहा गया है.
भारतीयों के मन में व्याप्त दोहरापन यही है कि वह ऑस्ट्रेलिया में भारतीय छात्रों पर होने वाली ज़्यादतियों से उद्वेलित दिखते हैं, पर अपने यहां के संस्थानों में आए दिन दलित-आदिवासी या अल्पसंख्यक छात्रों के साथ होने वाली ज़्यादतियों को सहजबोध का हिस्सा मानकर चलते हैं.
तमिलनाडु के नादुर गांव में दो दिसंबर को दीवार गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई थी. उस दीवार को एक व्यक्ति खुद के घर को दलितों से अलग करने के लिए बनाया था. उसके खिलाफ एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं होने से दलित समुदाय के लोगों ने यह फैसला लिया है.
2016 में हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोधार्थी रोहित वेमुला और इस साल मई में मुंबई के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. पायल तड़वी ने कथित तौर पर जातिगत भेदभाव के चलते आत्महत्या कर ली थी. दोनों की माताओं ने शीर्ष अदालत से विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में ऐसे भेदभाव को ख़त्म किए जाने का अनुरोध किया है.
बलिया के ज़िलाधिकारी ने आरोपों को निराधार बताते हुए मामले की जांच के आदेश दिए. वहीं, मध्य प्रदेश के खंडवा ज़िले के एक प्राइमरी स्कूल में छात्रों से शौचालय साफ कराने का मामला सामने आया. कलेक्टर ने कहा कि अगर सफाई कराई है तो यह अच्छी बात है.
कथित तौर पर जातिगत भेदभाव को ज़िम्मेदार बताते हुए हैदराबाद विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे रोहित वेमुला ने साल 2016 में और इस साल मई में मुंबई के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. पायल तड़वी ने आत्महत्या कर ली थी.
तमिलनाडु के वेल्लोर ज़िले में दलितों के एक श्मशान घाट तक जाने वाले रास्ते को बाधित किए जाने के मामले का हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. रास्ता बाधित किए जाने से समुदाय के लोग अपने संबंधियों के शव को एक नदी पर स्थित पुल से नीचे गिराने के लिए मजबूर हैं.
वेल्लोर जिले के वनियमबाडी में एक दलित के शव को रस्सी की मदद से पुल से लटकाकर नीचे पहुंचाया गया, जिससे नदी के किनारे उसका दाह संस्कार किया जा सके. घटना का वीडियो सोशल मीडिया में आने के बाद दलितों को अंतिम संस्कार के लिए जमीन आवंटित हुई
एक रिपोर्ट के अनुसार तमिलनाडु के कई स्कूलों में बच्चों की जाति बताने के लिए उनके हाथ में अलग-अलग रंगों के बैंड पहनाए जा रहे हैं. स्कूली शिक्षा निदेशक ने ऐसे स्कूलों की पहचान कर उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
शिकायतकर्ता का कहना है कि इस तरह का जातिगत भेदभाव कई सालों से होता आ रहा है, जिसे रोकने के लिए उन्होंने शिकायत दर्ज की थी. आरोपी नाइयों में से एक का कहना है कि उन पर लगे आरोप झूठे हैं.
परमाणु ऊर्जा विभाग की एक महिला कर्मचारी ने आरोप लगाया है कि उन्हें न सिर्फ़ उपयुक्त पद देने से इनकार कर दिया गया बल्कि उनका डिमोशन भी कर दिया गया. अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने इस मामले में पुलिस से जल्द से जल्द जांच रिपोर्ट मांगी है.
मृतक युवक की बहन ने बताया कि हम जिस शादी में गए थे, वहां मेरे भाई ने उस काउंटर से खाना लिया, जहां सवर्ण जाति के लोग खाना खा रहे थे. वह उनके सामने ही कुर्सी पर बैठकर खाना खाने लगा, जिस पर सवर्ण जाति के लोगों ने कहा कि यह नीच जाति का हमारे साथ खाना नहीं खा सकता. खाएगा तो मरेगा.
मामला हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का है. कुल्लू के उपायुक्त यूनुस ने कहा कि हम सही सूचना हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. मनाली के एसडीएम और डीसीपी से इस मामले को देखने के लिए कहा गया है.