जीएसटी परिषद की बैठक में साझा किए गए अप्रैल-फरवरी के आंकड़ों के अनुसार, संरक्षित राजस्व और राज्यों को होने वाले राजस्व के बीच राजस्व अंतर औसतन 14 प्रतिशत से बढ़कर 23 प्रतिशत हो गया है. इस वर्ष क्षतिपूर्ति उपकर के रूप में 80 हजार करोड़ रुपये एकत्र किए गए हैं, लेकिन राज्यों को 1.2 लाख करोड़ रुपये दिए गए हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अभी राज्यों को 14 प्रतिशत क्षतिपूर्ति देने में देरी हो रही है... हम इसे समय पर नहीं दे पा रहे हैं. ऐसा कुछ नहीं है कि मैं फलाने राज्य को पसंद नहीं करती, इसीलिए मैं उस राज्य को हिस्सा नहीं दूंगी... लेकिन अगर राजस्व संग्रह कम रहता है, निश्चित रूप से राज्यों को मिलने वाली हिस्सेदारी कम होगी.
पिछले साल सरकार ने भारतीय रिज़र्व बैंक से 1.76 लाख करोड़ रुपये लेने का फ़ैसला किया. इस साल यह एलआईसी से 50,000 करोड़ से ज्यादा ले सकती है. बीपीसीएल, कॉन्कोर जैसे कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों को पूरी तरह से बेचा जा सकता है.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक राज्यों की तुलना में केंद्र का बजट ज़्यादा पारदर्शी होता है. हालांकि केंद्र स्तर पर भी अभी भी कई ज़रूरी प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया जाता है.
एक अन्य आदेश में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी अर्द्धसैनिक बलों को निर्देश दिया है कि वे अपने कैंटीन और कार्यालयों में विदेशी ब्रांड का त्याग कर स्वदेशी सामान अपनाएं. हालांकि, मंत्रालय ने इन बलों और अर्द्धसैनिक बल की जीएसटी में छूट की मांग को ठुकरा दिया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि टैक्स प्रोफेशनल्स जीएसटी को कोसना छोड़कर बेहतर बनाने के बारे में सुझाव दें.
सितंबर महीने में देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री 24.4 फीसदी, महिंद्रा की बिक्री 21 फीसदी, अशोक लेलैंड की बिक्री 55 फीसदी और टोयोटा किर्लोस्कर की बिक्री 17 फीसदी तक घट गई.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में बीते शुक्रवार को हुई जीएसटी परिषद की 37वीं बैठक में 15वं वित्त आयोग के चेयरमैन एनके सिंह ने परिषद को जीएसटी के तहत चार से अधिक दरें रखे जाने के बजाय एक या ज्यादा से ज्यादा दो दरें रखने पर विचार करने का सुझाव दिया.
जब लोग बिस्किट का एक पैकेट खरीदने से पहले भी सोचने लगें, तब एक गहरे आर्थिक संकट की दस्तक सुनना ज़रूरी हो जाता है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बरसों से संजोया गया हिंदू राष्ट्र का सपना पूरा होने के बहुत करीब है, जिसके जश्न में अब भारतीय आबादी का एक बड़ा हिस्सा भी शामिल है.
फेडरेशन ऑफ आटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि बिक्री में गिरावट की वजह से डीलरों के पास श्रमबल में कटौती का ही विकल्प बचा है. सरकार को वाहन उद्योग को राहत देने के लिए जीएसटी में कटौती जैसे उपाय करने चाहिए.
जो लोग इस बजट से भाजपा के चुनावी वादों को पूरा करने के किसी रोडमैप की उम्मीद कर रहे थे, उन्हें इस बजट में एक भी बड़ा विचार या कोई बड़ी पहल दिखाई नहीं दी. रोजगार सृजन और कृषि को फायदेमंद बनाने जैसे मसले पर चुप्पी हैरत में डालने वाली है.
देश की कमज़ोर अर्थव्यवस्था के बीच प्रचंड जनादेश हासिल करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष कई बड़ी आर्थिक चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: नरेंद्र मोदी ने बनारस में बुनकरों से जुड़े कई वादे किए थे लेकिन पांच साल बाद स्थानीय बुनकर अच्छे दिनों के नारे और वादे के बीच ख़ुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि कोई भी नीति या बदलाव बिना उचित सहमति के सफल नहीं हो सकती. हमने अपने लिए लोकतांत्रिक रास्ता चुना है, इसलिए हमारे ऊपर तानाशाही थोपने की कोई गुंजाइश नहीं है.