पंजाबः 16 साल के दलित किशोर को खंभे से बांधकर ज़िंदा जलाया गया, मौत
यह मामला पंजाब के मनसा का है. हत्या के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. मृतक और आरोपी सभी दलित समुदाय से हैं.
यह मामला पंजाब के मनसा का है. हत्या के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया. मृतक और आरोपी सभी दलित समुदाय से हैं.
मामला पंजाब के संगरूर जिले का है. पीड़ित ने बयान में कहा था कि चार लोगों ने उसकी पिटाई की और खंभे से बांध दिया. जब उसने पानी मांगा तो उसे पेशाब पीने को मजबूर किया गया.
गुजरात में अहमदाबाद के साबरमती टोल नाका इलाके का मामला. किसी बात को लेकर दलित समुदाय के युवकों की एक ढाबा मालिक से लड़ाई हो गई थी.
विशेष रिपोर्ट: दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के अध्यक्ष पद के लिए दो प्रोफेसरों के बीच खींचतान चल रही है. इसकी वजह से विभाग के अध्यक्ष पद की नियुक्ति अब तक नहीं हो सकी है.
पुस्तक अंश: मोदीनामा किताब का पांचवां अध्याय ‘मनु का सम्मोहन’ बताता है कि भारत के संविधान के ऐलान को डाॅ. आंबेडकर ने मनु के शासन की समाप्ति कहा था, बावजूद इसके मनु की वापसी हो रही है.
दो अक्टूबर को 611 कैदियों की रिहाई के साथ ही पिछले एक वर्ष में ‘विशेष क्षमा’ योजना के तहत रिहा होने वाले कैदियों की कुल संख्या बढ़कर 2,035 हो गई है.
गुजरात का विकास मॉडल एक भ्रम था. गुजरात दंगों के बाद मुस्लिम को अलग-थलग करने का जो प्रयोग शुरू हुआ, मोदी-शाह उसी के सहारे केंद्र में सत्ता में आए. आज यही गुजरात मॉडल सारे देश में अपनाया जा रहा है. 370 का मुद्दा उसी प्रयोग की अगली कड़ी है, जिसे मोदी शाह महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव में भुनाने जा रहे हैं.
मध्य प्रदेश के सागर ज़िले के बगसपुर गांव का मामला. बीते 25 सितंबर को भी प्रदेश के शिवपुरी ज़िले में खुले में शौच करने पर दो व्यक्तियों ने कथित तौर दो दलित बच्चों को पीट-पीटकर मार डाला था.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार हत्या, बलात्कार और भ्रष्टाचार के अपराधों को छोड़कर छिटपुट मामलों के सैकड़ों दोषियों को रिहा किया जाएगा.
मध्य प्रदेश के शिवपुरी ज़िले का मामला. पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ़्तार किया. घटना के बाद गांव में तनाव की वजह से भारी संख्या में पुलिस बल तैनात.
2016 में हैदराबाद विश्वविद्यालय के शोधार्थी रोहित वेमुला और इस साल मई में मुंबई के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. पायल तड़वी ने कथित तौर पर जातिगत भेदभाव के चलते आत्महत्या कर ली थी. दोनों की माताओं ने शीर्ष अदालत से विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में ऐसे भेदभाव को ख़त्म किए जाने का अनुरोध किया है.
घटना हरदोई ज़िले के भदैचा गांव की है. पुलिस ने बताया कि 20 वर्षीय दलित युवक को कथित तौर पर दूसरी जाति की एक युवती से रिश्ते के चलते लड़की के परिजनों ने चारपाई से बांधकर जिंदा जला दिया. घटना की जानकारी के बाद इस सदमे से युवक की मां की भी मौत हो गई.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाने की बहस के दौरान भाजपा के कई नेताओं ने दलितों को राज्य में आरक्षण का पूरा लाभ मिलने का ज़िक्र किया. यह भी कहा गया कि डॉ. आंबेडकर भी ऐसा चाहते थे. लेकिन क्या वास्तव में 370 हटने के पहले राज्य में दलितों की स्थिति ख़राब थी?
कथित तौर पर जातिगत भेदभाव को ज़िम्मेदार बताते हुए हैदराबाद विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहे रोहित वेमुला ने साल 2016 में और इस साल मई में मुंबई के एक अस्पताल में कार्यरत डॉ. पायल तड़वी ने आत्महत्या कर ली थी.
तमिलनाडु के वेल्लोर ज़िले में दलितों के एक श्मशान घाट तक जाने वाले रास्ते को बाधित किए जाने के मामले का हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है. रास्ता बाधित किए जाने से समुदाय के लोग अपने संबंधियों के शव को एक नदी पर स्थित पुल से नीचे गिराने के लिए मजबूर हैं.
वेल्लोर जिले के वनियमबाडी में एक दलित के शव को रस्सी की मदद से पुल से लटकाकर नीचे पहुंचाया गया, जिससे नदी के किनारे उसका दाह संस्कार किया जा सके. घटना का वीडियो सोशल मीडिया में आने के बाद दलितों को अंतिम संस्कार के लिए जमीन आवंटित हुई
विश्व आदिवासी दिवस: आदिवासियों की अपनी बोलचाल की भाषा और आम चर्चा में लोकतंत्र या आज़ादी शब्द का कोई स्थान नहीं है. किसी आदिवासी से इन शब्दों के बारे में पूछें तो वो शायद चुप रहे, लेकिन इसके असली मायने का एहसास उन्हें स्वाभाविक रूप से है.
धरना देने वाली भाकपा की विधायक गीता गोपी ने कहा कि अनुसूचित जाति की एक महिला के विधायक बनने के बाद ये लोग जाति के आधार पर मेरा अपमान कर रहे हैं. इसके साथ ही यह केरल का भी अपमान है, जिसे अक्सर पूरी तरह से शिक्षित राज्य कहा जाता है.
मध्य प्रदेश विधानसभा में प्रदेश सरकार द्वारा पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक जेलों की क्षमता 28,601 कैदियों की है लेकिन यहां 42,057 कैदी बंद थे.
शिकायतकर्ता का कहना है कि इस तरह का जातिगत भेदभाव कई सालों से होता आ रहा है, जिसे रोकने के लिए उन्होंने शिकायत दर्ज की थी. आरोपी नाइयों में से एक का कहना है कि उन पर लगे आरोप झूठे हैं.
मामला गुजरात के अहमदाबाद ज़िले का है. सोमवार रात हरीश सोलंकी अपनी दो माह की गर्भवती पत्नी को वापस लाने के लिए पुलिस टीम के साथ उसके घर गए थे. सोलंकी को देखते ही महिला के रिश्तेदारों ने पुलिस के सामने ही उन पर धारदार हथियार से हमला कर दिया.
घटना मध्य प्रदेश के धार ज़िले के आदिवासी बहुल बाग थाना क्षेत्र की है, जहां 21 वर्षीय आदिवासी युवती के दलित युवक के साथ संबंध से नाराज़ परिजनों द्वारा उसे लाठियों से पीटे जाने का वीडियो सामने आया था. पुलिस ने मामले में चार लोगों को गिरफ़्तार किया है.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव ज़िले का मामला. पुलिस ने पॉक्सो अधिनियम के तहत केस दर्ज किया. मुज़फ़्फ़रनगर में नाबालिग का अपहरण कर सामूहिक बलात्कार. उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में तीन साल की बच्ची के साथ बलात्कार का मामला सामने आया.
गुजरात के बोताद ज़िले का मामला. मृतक की पत्नी गांव की सरपंच हैं. मृतक के बेटे ने बताया कि गांव के उच्च जाति के कुछ लोग इस बात को पचा नहीं पा रहे थे कि दलित गांव के सरपंच बन रहे हैं.
गुजरात के राजकोट ज़िले का मामला. साल 2018 में दलित आरटीआई कार्यकर्ता नानजीभाई सोंडर्वा की हत्या कर दी गई थी. हत्या का एक आरोपी अदालत के रोक लगाने के बाद भी कथित तौर पर राजकोट ज़िले में नज़र आया था. आरटीआई कार्यकर्ता के बेटे ने अदालत में इसकी शिकायत की थी.
यह मामला गुजरात के बनासकांठा का है. एक मोबाइल फोन को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद दलित युवक को पेड़ से बांधकर उसके साथ मारपीट की गई.
क्या नरेंद्र मोदी यह कहना चाह रहे हैं कि मुस्लिमों को जिस भय की राजनीति का सामना करना पड़ रहा है, वे उसे ख़त्म करने की कोशिश करेंगे? अगर उन्हें गंभीरता के साथ इस ओर काम करना है तो इसकी शुरुआत संघ परिवार से नहीं होनी चाहिए.
यह मामला उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर का है. आरोप है कि एक ईंट भट्ठी के मालिक और छह अन्य लोगों ने वहां काम करने वाली नाबालिग दलित लड़की के साथ सामूहिक बलात्कार किया और सबूत मिटाने के लिए उसे ज़िंदा जला दिया.
पुलिस ने दलित दंपति पर हमला करने को लेकर 11 लोगों के ख़िलाफ़ नामज़द एफआईआर दर्ज की है. इसके अलावा दलित युवक के ख़िलाफ़ विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाने के लिए भी मामला दर्ज किया है.
सड़क से संसद: जहानाबाद लोकसभा सीट के तहत अरवल ज़िले में लक्ष्मणपुर बाथे गांव आता है, जहां पर साल 1997 में कथित तौर पर रणवीर सेना ने दलित समुदाय के 58 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.
यह मामला गुजरात के साबरकांठा के प्रांतिज तहसील का है. आरोप है कि ऊंची जाति के लोगों ने दलितों की बारात को रोकने के लिए सड़कों पर यज्ञ और हवन किए. हिंसा भड़कने के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. यह राज्य में दलितों पर हमले की चौथी घटना है.
चुनावी बातें: 1977 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद जनसंघ के सांसद चाहते थे कि बाबू जगजीवन राम के रूप में पहला दलित प्रधानमंत्री देकर देश को नया संदेश दिया जाए, लेकिन राजनीतिक जटिलताओं के चलते ऐसा हो न सका.
गुजरात के मेहसाणा ज़िले का मामला. पुलिस ने पांच लोगों के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है.
मृतक युवक की बहन ने बताया कि हम जिस शादी में गए थे, वहां मेरे भाई ने उस काउंटर से खाना लिया, जहां सवर्ण जाति के लोग खाना खा रहे थे. वह उनके सामने ही कुर्सी पर बैठकर खाना खाने लगा, जिस पर सवर्ण जाति के लोगों ने कहा कि यह नीच जाति का हमारे साथ खाना नहीं खा सकता. खाएगा तो मरेगा.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों व क्षत्रियों को टिकट देने से पहरेज करने वाली बसपा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिल खोलकर ब्राह्मणों को टिकट दिया है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि जातीय समीकरणों को देखते हुए पार्टी प्रमुख मायावती ने ख़ुद ऐसा करने का निर्देश दिया था.
मामला हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का है. कुल्लू के उपायुक्त यूनुस ने कहा कि हम सही सूचना हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. मनाली के एसडीएम और डीसीपी से इस मामले को देखने के लिए कहा गया है.
एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार, इन कैदियों में 1,649 महिलाएं भी हैं जो अपने 1,942 बच्चों के साथ जेल में रह रहीं हैं.
ग्राउंड रिपोर्ट: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पिछले साल 2 अप्रैल को ‘भारत बंद’ के दौरान हुए उपद्रव में राकेश टमोटिया और दीपक जाटव की गोली लगने से मौत हो गई थी.
बड़ी संख्या में नागरिकों, विशेष रूप से हाशिये के समुदायों से आने वालों को बेक़सूर होने के बावजूद एक लंबा समय जेल में बिताना पड़ा है. फिर भी कोई प्रमुख राजनीतिक दल इस मुद्दे को उठाना नहीं चाहता.
लोकसभा चुनाव से पहले आई कुछ रिपोर्टों के अनुसार देश के करीब 12 करोड़ लोगों के नाम मतदाता सूची में नहीं हैं. हैदराबाद स्थित एक समूह का दावा है कि ऐसे लोगों में बड़ी संख्या मुसलमानों और दलितों की है. द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी इस बारे में सॉफ़्टवेयर इंजीनियर सैयद खालिद सैफुल्लाह से चर्चा कर रही हैं.