ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के कोर कमेटी के चेयरमैन ने कहा कि आठ दिसंबर से वे दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान सहित पूरे उत्तर भारत में आपूर्ति रोक देंगे. टैक्सी यूनियन ने भी हड़ताल की चेतावनी दी है. नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान बीते आठ दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
वीडियो: देश में कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों के प्रदर्शन पर कनाडा के प्रधानमंत्री द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर लेखक अमनदीप संधू से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.
इस संबंध में आम आदमी पार्टी की ओर से स्पष्टीकरण देते हुए कहा गया है कि किसानों की मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर है और पार्टी उसका समर्थन करती है. किसान केंद्र के विवादित कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं.
जिन खिलाड़ियों ने ये घोषणा की है, उनमें पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड विजेता पहलवान करतार सिंह, अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा और अर्जुन अवॉर्ड से ही सम्मानित हॉकी खिलाड़ी राजबीर कौर शामिल हैं.
आजादपुर में कृषि उत्पाद विपणन समिति के अध्यक्ष ने बताया कि दिल्ली के सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर मार्ग बाधित होने के कारण पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर से सब्ज़ियों और फलों की आपूर्ति पर असर पड़ा है. आम दिनों में दूसरे राज्यों से क़रीब 2500 ट्रक आते हैं. अब यह संख्या घटकर 1,000 रह गई है.
मृतकों में से दो किसान और एक वाहन मैकेनिक थे. किसान संगठनों ने मृतकों के परिजनों को नौकरी और मुआवज़ा देने की मांग की है. पंजाब और हरियाणा समेत अन्य राज्यों से आए किसान केंद्र के विवादित कृषि क़ानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
किसान केंद्र के विवादित कृषि क़ानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सोमवार को किसानों की संख्या बढ़ने पर दिल्ली-ग़ाज़ियाबाद बॉर्डर पर पुलिस ने सुरक्षा मज़बूत कर दी है. किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी को जाने वाले पांच मार्गों को जाम करने की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि वे सशर्त बातचीत का कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं करेंगे. इधर, राजग की घटक आरएलपी ने कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग की है.
केंद्र सरकार के विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते 26 नवंबर से दिल्ली चलो मार्च के तहत किसानों का प्रदर्शन जारी है. इन क़ानूनों के विरोध में पंजाब और हरियाणा में दो दिनों के संघर्ष के बाद किसानों को दिल्ली की सीमा में प्रवेश की मंज़ूरी मिल गई थी.
केंद्र के तीन कृषि क़ानून को लेकर किसानों ने दो दिवसीय दिल्ली चलो मार्च का आह्वान किया था. किसानों को रोकने के दौरान पुलिस की उनसे झड़प हुई थी. अंबाला में किसान विरोध के दौरान पुलिस के वाटर कैनन को बंद करने वाले एक युवक के ख़िलाफ़ भी हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है.
दिल्ली पुलिस ने बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है. तीन कृषि कानूनों के विरोध में बीते बृहस्पतिवार को विभिन्न किसान संगठनों ने दिल्ली चलो मार्च का आह्वान किया था, तब इन्हें दिल्ली और हरियाणा की सीमाओं पर रोक दिया गया था. किसानों के समर्थन में लखनऊ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में भी किसानों ने प्रदर्शन किया है.
किसान संगठनों ने इसके लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि ये बलिदान बर्बाद नहीं जाएगा. संगठनों ने पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवज़ा देने की मांग की है. ये संगठन कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली चलो मार्च के तहत दो दिवसीय प्रदर्शन कर रहे हैं.
विवादित कृषि क़ानूनों के विरोध में 26 और 27 नवंबर को दिल्ली आ रहे किसानों को हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रोकने की कोशिश की जा रही है. हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सीमा सील कर दी है. वहीं, दिल्ली में जवानों की तैनाती कर सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई. कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. कांग्रेस और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इन क़दमों की निंदा की है.
महाराष्ट्र के संजय साठे नाम के एक किसान को अपना 750 किलो प्याज़ मात्र 1.40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचनी पड़ी. इससे नाराज़ किसान ने पूरा पैसा प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के आपदा राहत कोष में दान कर दिया.
गुरुवार को रामलीला मैदान में देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसानों ने कहा कि उन्हें राम मंदिर या राम मूर्ति के बजाय क़र्ज़ माफ़ी और अपने उत्पादों का लाभकारी मूल्य चाहिए.
देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसान अपनी मांगों के साथ दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हैं. इनकी मुख्य मांग है कि उनका कर्ज़ा माफ़ किया जाए और स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू कर उन्हें फसलों की लागत का डेढ़ गुना मूल्य दिया किया जाए.