ग्राउंड रिपोर्ट: दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाकों में हुई हिंसा की भयावहता के बाद मुस्तफ़ाबाद इलाके में कुछ ऐसे हिंदू परिवार भी हैं, जो यह मानते हैं कि दंगों की आंच से उन्हें बचाने के लिए उनके मुस्लिम पड़ोसियों ने बहुत मदद की.
दिल्ली के उत्तर पूर्वी इलाकों में हुए दंगों के बाद कई परिवारों के सदस्य गुमशुदा हैं. परिजनों का आरोप है कि पुलिस इसे लेकर एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है और सरकार से भी उन्हें ज़रूरी मदद नहीं मिल रही है.
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के दौरान मुस्तफ़ाबाद इलाके में पीड़ितों की मदद के लिए पहुंचे सामाजिक कार्यकर्ता भी डर से अछूते नहीं थे. एक ऐसे ही कार्यकर्ता की आपबीती.
वीडियो: 23 फरवरी से दिल्ली में भड़की सांप्रदायिक हिंसा की आग में अब तक 48 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है और 300 से अधिक लोग घायल हैं. मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश इस बारे में द वायर के डिप्टी एडिटर अजय आशीर्वाद, सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी और जनचौक वेबसाइट के संवाददाता सुशील मानव से चर्चा कर रहे हैं.
दिल्ली की हिंसा का कोई ‘हिंदू’ या ‘मुस्लिम’ पक्ष नहीं है, बल्कि यह लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की एक घृणित सियासी चाल है. 2002 के दंगों ने भाजपा को गुजरात में अजेय बना दिया. गुजरात मॉडल के इस बेहद अहम पहलू को अब दिल्ली में उतारने की कोशिश ज़ोर-शोर से शुरू हो गई है.
दिल्ली सचिवालय में तैनात उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के ओएसडी गोपाल कृष्ण माधव और उनके एक सहयोगी को गुरुवार देर रात सीबीआई ने गिरफ़्तार किया. सिसोदिया ने कहा, दोषियों को मिले सख़्त सज़ा.
यह प्रोजेक्ट क्षेत्र दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन द्वारा रक्षा मंत्रालय से अधिग्रहीत की गई 3.05 हेक्टेयर भूमि का हिस्सा था. मेट्रो स्टेशन एक हेक्टेयर भूमि पर बनाया गया था और बाकी एक कंपनी को दिया गया था, जो आवासीय फ्लैट बनाने की योजना बना रही है.
दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में रक्षा मंत्रालय के स्वामित्व की ज़मीन पर एक निजी बिल्डर द्वारा उनतालीस मंज़िला इमारत का निर्माण शुरू होने के ख़िलाफ़ विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र हड़ताल पर हैं. उनकी मांग है कि इस ज़मीन पर विश्वविद्यालय का हक़ है और यहां विद्यार्थियों के लिए हॉस्टल बनना चाहिए.
इस योजना को चार से 15 नवंबर तक के लिए लागू किया गया है, जो सोमवार से शनिवार सुबह आठ बजे से रात आठ बजे तक चार पहिया वाहनों पर लागू होगी.
सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम व नियंत्रण) प्राधिकरण ने दिल्ली-एनसीआर में हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा करते हुए पांच नवंबर तक सभी निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगा दिया. राजधानी दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 459 था. ग़ाज़ियाबाद में एक्यूआई 493 रहा, ग्रेटर नोएडा में 480, नोएडा में 477 और फरीदाबाद में 432 रहा.
बढ़ी हुई मज़दूरी के तहत अकुशल कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन 14,842 रुपये मासिक, अर्द्धकुशल कर्मचारियों के लिए 16,341 रुपये तथा कुशल श्रमिकों के लिए 17,991 रुपये मासिक तय किया गया है.
रविवार रात 11 बजे दिल्ली की औसत वायु गुणवत्ता का स्तर यानी एक्यूआई 327 पर था. 2018 में दिवाली के बाद यह 600 के आंकड़े को पार कर गया था, जो सुरक्षित स्तर का बारह गुना है.
टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के आश्रय घरों में रहने वाली लड़कियों को सज़ा के तौर पर उनके प्राइवेट पार्ट में मिर्ची डालने, शरीर पर खौलता पानी फेंकने और खाना न देने जैसे कई गंभीर मामले सामने हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति में यह फैसला लिया गया. दिल्ली की इन कॉलोनियों में रहने वाले करीब 40 लाख लोगों को मालिकाना हक़ मिलेगा.
आरोप है कि फरवरी 2015 में विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल अपने समर्थकों के साथ पूर्वी दिल्ली के विवेक विहार स्थित बिल्डर मनीष घई के एक घर में जबरन घुसे थे और तोड़फोड़ की थी. राम निवास गोयल ने आरोपों से इनकार किया है.